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Toilet In Space: अंतरिक्ष में जीरो ग्रेविटी में टॉयलेट इस्तेमाल करना आसान नहीं होता। जानिए कैसे एस्ट्रोनॉट्स खास तकनीक से वॉशरूम यूज़ करते हैं।

Toilet In Space: Using a toilet in zero gravity isn't easy. Discover how astronauts manage it with special space technology.


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~HT.410~ED.158~ED.120~

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Transcript
00:00भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने करीब 40 सालों के बाद वितिहास रच दिया है
00:09अब अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के बाद वो पहले भारती हैं जो इस अंतरिक्ष यात्रा को कर रहे हैं और पूरे देश को शुभांशु पर कर्भ है
00:18अब उनकी यात्रा 14 दिन की होगी इस दोरान शुभांशु को अंतरिक्ष में कोई चैलेंज फेस करने होंगे
00:24त्योंकि स्पेस में जीरो ग्रैविटी होती है और इस वज़े से हर चीज बस तैरती रहती है
00:30तो ऐसे में सवाल तो दिमाग में जरूर आता है कि आखिर स्पेस में एस्ट्रोनाट्स टॉलेट का इस्तमाल कैसे करते हैं
00:37आईए इस बारे में आपको आज किस वीडियो में बताते हैं लेकिन उस्पलिनोशकार मैं सतोषपाध है और आप बोल्ड स्काई देख रहे हैं
00:45तो चलिए सबसे पहले आपको ये जानना होगा कि आखिर अंतरिक्ष के टॉलेट कैसे होते हैं
00:50जब हम धरती पर टॉलेट का स्तमाल करते हैं तो ग्राविटी हमारी मदद करती है और मल मुत्र नीचे की और गिरता है
00:58मगर अंतरिक्ष में जहां सब कुछ तैरता है वहां वाश्रूम जाना एक साइन्स प्रोजेक्ट जैसा होता है
01:04वहीं जीरो ग्राविटी में ना तो मल नीचे गिरता है नहीं पानी बहता है
01:09ऐसे में अंतरिक्ष एजेंसियों ने विशेस हाइटेक टॉलेट डिजाइन किये हैं जो सक्षन यानी खिचाओ की ताकत से कम करते हैं
01:17तो आई अब आपको बताते हैं कि कैसे अंतरिक्ष एजेस में टॉलेट का इस्तमाल करते हैं
01:22बता दें कि स्पेस टॉलेट में सक्षन सिस्टम होता है जो वेस्ट को खीच कर एक कंटीनर में जमा कर लेता है
01:29अब यूरीन के लिए एक टूब जैसी सनरचना होती है जिसमें वैक्ष्यूम की मदद से पिशाब नीचे जाता है
01:35इसके अरावा सॉलिड वेस्ट के लिए अंतरिक्ष एतरे एक बकिट जैसी सीट पर बैठते हैं
01:40जो विशेश से बेल्स से शरीर को टूबलेट सीट से बांध देती है ताकि वो उड़ना सकें
01:46अब इसके बाद वैक्ष्यूम के जरिये मल को खीच कर एक कंटीनर में जमा कर दिया जाता है
01:52अब बहुत से कम लोगों को ये बात पता होगा कि स्पेस में शरीर से निकले वेस्ट का क्या होता है
01:58बतादे कि पिशाप को फिल्टर करके दुबारा पानी में बदला जाता है जिसे पीने योग्ये बनाया जाता है
02:04वहीं solid waste को wishes package में seal करके storage में रखा जाता है और वापसी पर पृत्वी पर लाया जाता है या फिर space में किसी खास जहाज में डाल कर पृत्वी की कक्षा में जलाया जाता है
02:16यह तो आप जानते ही है कि space में zero gravity होती है इस वज़े से हर चीज हवा में तैरती है अब ऐसे में शरीर से बाहर निकले waste यानि पिशाब या मल को कंट्रोल करना सबसे बड़ी चुनौती होती है अगर इसे ठीक से manage उन्ना किया जाए तो पूरे capsule में ये फैल सकता है जिससे स्�
02:46किया जाए जाए अज़े पहर चीज हुआ है जाए चीज़े पहर थैए उसे में यज़े सबस्क्राइबrekार्स कात्रा चाहता है …

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