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  • 6/24/2025
PM Modi LIVE | Narendra Modi ने विज्ञान भवन में मीटिंग को संबोधित किया | Sree Narayana Guru

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00:00नमस्कार मैं हूँ शिकायादव और आप देख रहे हैं गंगा नियूज
00:03प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली में श्री नारायन गुरू और महात्मा गांधी की बीच एतिहासिक बात चीत के शताबी समारोह को संबोधित किया
00:10प्रधानमंत्री ने कहा कि हसो साल पहले हुई ये मुलाकात आज भी विक्सित भारत के सामोहिक लक्षियों के लिए प्रिणादायक और प्रासंगिक है
00:18उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार श्री नारायन गुरू की शिक्षाओं को हर नागरिक तक पहुँचाने के लिए इस अम्रत काल में काम कर रही है
00:26विज्ञान भवन में श्री नारायन गुरू देव और महत्मा गांधी के बीच एतिहासिक बाचीत के श्रताब दी समाहरों को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री मोधी ने भारत की सम्रद्य आध्यात में एक विरासत पर विचार किया
00:38उन्होंने कहा कि गुरू देव का आध्यात मित्ता और समाजित सुधार काई की करण महत्मा गांधी और रमण महर्शी सहित का इक पीडियों को प्रेरित करता है
00:46आज ये परिसर देश के इतिहास की एक अभूत पुर्वग घटना को याद करने का साक्षी बन रहा है
01:03एक ऐसी अइतिहासी घटना जिसने न केवल हमारे स्वतंत्रता अंदोलन को नई दिशा दी
01:16बलकि स्वतंत्रता के उद्देश को आजाज भारत के सपने को ठोस माईने दिये
01:29सो साल पहले स्री नारायन गुरू और महत्मा गांधी की वो मुलाकात
01:39आज भी उतनी ही प्रेरक है उतनी ही प्रासंगिक है
01:48सो साल पहले हुई वो मुलाकात सामाजिक सम्रस्ता के लिए
01:57दिशित भारत के सामुहिक लक्षों के लिए
02:03आज भी उर्जा के बड़े स्रोत की तरख है
02:09इस अईतिहासिक अवसर पर मैं से नारायन गुरू के चरणों में प्रणाम करता हूँ
02:18मैं गांदी जी को भी अपनी सद्धान्जली अर्पित करता हूँ
02:25भाई बहनों से नारायन गुरू के आदर्श
02:31पूरी मानवता के लिए बहुत बड़ी पूंजी है
02:38जो लोग देश और समाज की सेवा के संकल्प पर काम करते हैं
02:48स्री नारायन गुरू उनके लिए प्रकास तंभकी तरह है
02:55आप सभी जानते हैं कि समाज के शोशीत पीरीच वजचीत वर्थ से
03:06मेरा किस तरह का नाता है
03:10और इसलिए आज भी मैं जब समाज के शोशीत वंचीत वर्थ के लिए
03:19बड़े निर्णे लेता हूँ
03:22तो मैं गुरुदेव को जरूर याद करता हूँ
03:27सो साल पहले के वो समाज के हालत
03:35सद्यों की गुलामी के कारा आई विकृतियां
03:40लोग उस दौर में उन बुराईयों के खिलाब बोलने से डरते थे
03:49लेकिन स्री नारायन गुरु ने विरोध की परवा नहीं की
03:57वो कठिनाईयों से नहीं डरे
04:01क्योंकि उनका विश्वास समरस्ता और समानता में था
04:09उनका विश्वास सत्य, सेवा और सवहार्द में था
04:17यही प्रेना हमें सबका साथ, सबका विखास का राफ्ता दिखाती है
04:25यही विश्वास हमें उस भारत के निर्मान के लिए ताकत देता है
04:34जहां अंतिम पाइदान पर खड़ा व्यक्ती हमारी पहली प्रात्विक्ता है
04:42साथियों, शिवगिरी मठ से जुड़े लोग और संत जन्वी जानते हैं
04:52कि स्री नाराण गुरू हैं और शिवगिरी मठ में मेरी कितनी अगाज आस्था रही है
05:03मैं भाषा तो नहीं समझ पा रहा था
05:08लेकिन पुझे सचिजान जो भाते बता रहे थे
05:12वो पुरानी सारी बाते याद कर रहे थे
05:15और मैं भी देख रहा तक उन सब बातों पर अब बड़े भाव विबोर हो करके
05:24उसके साथ जुड़ जाते थे
05:26और मेरा सवभाग्य है कि मठके पुझे संतों ने हमेशा मुझे अपना स्नेह दिया है
05:38मुझे आद है दोजार तेरा में तब तो मैं गुझरात में मुख्यमिंत्री था
05:50जब केदारणाथ में प्राकृतिक आपदा आई थी
05:57तब शिवगीरी मठके कई पुझे संत वहां फस गए थे
06:06कुछ बक्त जन भी फस गए थे
06:09शिवगीरी मठने वहां फसे लोगों सो सुरक्षित निकालने के लिए
06:16भारत सरकार का संपर नहीं किया था
06:21प्रकाई जी बुरा मत मानना
06:23शिवगीरी मठने मैं एक राज्ये का मुख्यमंत्री था
06:30मुझे आदेश दिया और इस सेवक पर भरोसा किया
06:37कि भाई ये काम तुम करें
06:40और इस वर कृपा से सभी संत सभी भक्त जन
06:48को सुरक्षित में लापाया था
06:50साथियों वैसे भी
06:53मुश्किल समय में हमारा सबसे पहला ध्यान
07:01उसकी ओर जाता है
07:04जिसे हम अपना मानते हैं
07:08जिस पर हम अपना अधिकार समगते हैं
07:17और मुझे खुशी है कि आप अपना अधिकार मुझ पर समगते हैं
07:22शिवगेरी मट के संतों के इन अपने पन से जादा है
07:31आत्मिक सुख की बात मेरे लिए और क्या हुए
07:35साथियों मेरा आप सबसे एक रिस्ता काशी का भी है
07:43वरकला वरकला को सद्यों से दक्षिन की काशी भी कहा जाता है
07:57और काशी चाहे उत्तर की हो या दक्षिन की
08:02मेरे लिए हर काशी मेरी काशी ही है
08:08साथियों मुझे भारत की आध्यात्मिक परंपरा
08:16रुशियों और मुनियों की विरासप
08:20उसे करीब से जानने और जीने का सोभाग मिला है
08:27भारत की विशिस्ता है
08:31कि हमारा देश जब भी मुश्किलों के भावर में फस्ता है
08:40कोई न कोई महान विभूती
08:44देश के किसी कौने में जन्म लेकर
08:48समाज को नई दिशा दिखाती है
08:52कोई समाज के अध्यात्मिक उठान के लिए काम करता है
08:58कोई सामाजिक शेत्रे में समाज सुधारों को गति देता है
09:02स्री नारैन गुरू ऐसे ही महान संत्र थे
09:10निवृत्ती पंचकम और आत्मोपदेश शतकम
09:19जैसे उनकी रचनाएं ये अध्यवेट और अध्यात्म के किसी भी स्टूडेन के लिए
09:30गाइड की तरह है
09:32साथियों योग और वेदान्त
09:37साधना और मुक्ती
09:40नारैन गुरू के मुख भिशे थे
09:44लेकिन वो जानते थे
09:47कि कूरितियों में फसे समाज का अध्यात्म को थान
09:52उसके सामाजिक उत्थान से ही संभव होगा
09:57इसलिए उन्होंने अध्यात्म को
10:01समाज सुधार और समाज कल्यान का एक माध्यम बनाया
10:08और स्री नारैन गुरू के ऐसे प्रयासों से
10:13गांधी जी ने भी प्रेरना पाई
10:16उन्से मारदर्शन लिया
10:21गुरुदेव रविन्राट पैगोर जैसे विद्वानों को भी
10:26स्री नारैन गुरू से चर्चा का लाब मिला
10:30साथियों एक बार किसे ने
10:36स्री नारैन गुरू की आत्मोप देश शतकम
10:41रमन महरसीची को सुनाई थी
10:44उसे सुनकर रमन महरसीची ने कहा था
10:50अवर एलाम तेरिन जवर
10:54यानि वो सब कुछ जानते है
11:02और उस दोर में जब विदेशी विचारों के प्रहाव में
11:09भारत की सब्विता, संस्कृति और दर्शन को
11:12नीचा दिखाने के शड्यंत्र हो रहे थे
11:17स्री नारैन गुरू ने हमें ये ऐसास कराया
11:23कि कमी हमारी मुल्परंपरा में नहीं है
11:27हमें अपने आध्यात्म को सही अर्थों में आत्मसाथ करने की जरुरत है
11:37हम नर्में स्री नारैन को जीव में शीव को देखने वाले लोग है
11:47हम द्वैत में अद्वैत को देखते है हम भेद में भी अभेद देखते है हम विवीतता में भी एक्ता देखते है
12:03खाथियों आप सभी जानते है
12:07स्री नारैन गुरु का मंत्र था ओरु जाती ओरु मतम ओरु देवं मनुष्यनु
12:17यानि पूरी मानवता की एक्ता जीव मास्त्र की एक्ता
12:32ये विचार भारत की जीवन संस्क्रिति का मूल है उसका आधार है
12:43आज भारत उस विचार को विश्व कल्यार की भावना से विस्तार दे रहा है
12:52आप देखिए अभी हाल ही में हमने विश्व योग दिवस मनाया
13:00इस बार योग दिवस की थीम थी योगा फर वन अर्थ वन हिल्थ
13:08यानि एक जर्ती एक स्वाथ इसके पहले भी भारत ने विश्व कल्यार के लिए
13:17वन वर्ल वन हिल जैसे इनिशेटिव शुरू किया है
13:22आज भारत सस्टेनेबल डेवलप्मेंट की दिशा में
13:26वन सन वन अर्थ वन ग्रीड जैसे ग्लोबल मुमेंट को भी लीड कर रहा है
13:35आपको याद होगा ट्वेंटी ट्वेंटी थ्री में भारत ने जब जी ट्वेंटी समीट को होस किया साथ
13:46हमने उसकी भी थीम रखी थी
13:49वन अर्थ वन फैमिली वन फ्यूचर
13:54हमारे इन प्रयासों में वसुधेव कुटुम कम की भावना जुड़ी हुई है
14:01स्री नारायन गुरु जैसे संतों की प्रयाना जुड़ी हुई है
14:07साथ क्यों
14:09स्री नारायन गुरु ने एक ऐसे समाज की परिकल्पना की थी
14:13जो भेदभाव से मुक्त हो
14:16मुझे संतोस है
14:19कि आदेश
14:21सैचुरेशन एप्रोच पर चलते हुए
14:25भेदभाव की हर गुणजाईश को खत्म कर रहा है
14:30लेकिन आप दस ग्यारा साल पहले के हालत को याद करिए
14:34आज हादी के इतने दसक बाद भी
14:38करोनों देशवासी कैसा जीवन जिने को मजबूर थे
14:43करोनों परिवारों के सिर पर छट तक नहीं थी
14:48लाखों गावों में पीने का साब पानी नहीं था
14:53छोटी छोटी बिमारी में भी इलाज कराने का विकल्प नहीं
14:59गंबीर बिमारी हो जाएं तो जीवन बचाने का कोई रास्ता नहीं
15:06करोनों गरीब बलीद आदीवासी मैला है
15:10मुलभूत मानविय गरिमा से मन्चित थे
15:13और ये करोडों लोग इतनी पीडियों से
15:19इन कठिनाईयों में चीते चले आ रहे थे
15:25कि उनके मन में बहतर जिंदगी की उमीद तक मर चुकी थी
15:32जब देश की इतनी बड़ी आबादी ऐसी पीड़ा और निराशा में थी
15:40तब देश कैसे प्रगति कर सकता था
15:45और इसलिए हमने सब से पहले सम्वेदन सिल्टा को सरकार की सोच में ढाला
15:54हमने सेवा को संकल्प मनाया इसी का परणाब है कि हम पीएम आवास योजना के तहट
16:03करोणों गरीब बलीद पीडीद शोसित वंचित परिवारों को पक्के घर दे पाई
16:14हमारा लक्ष हर गरीब को उसका पक्का घर देने का है
16:25और ये घर केवल इट सिमेंट का धाचा नहीं होता
16:31उसमें घर की संकल्पना साकार होती है
16:35तमाम जरूरी सुविधाएं होती है
16:39हम चार दिवारों वाली इमारत नहीं देते है
16:44हम सपनों को संकल्प में बदनने के वाला घर देते है
16:51इसलिए पीएम आवास योजना के घरों में
16:57गैस, बिजली, सवचाले जसी हर सुविधा सुनिस्चित की जा रही है
17:05जल जीवन मिशन के तहट हर घर तक पानी पहुँचाया जा रहा है
17:12ऐसे आदिवास इलाकों में जहां कभी सरकार पहुँची ही नहीं
17:19आज वहां विकास की गारंटी पहुच रही है
17:25आदिवासियों में उसमें भी जो अती पिछड़े आदिवासि हैं
17:34हम उनके लिए पी-म जन्मन योजना शुरू किया है
17:39उससे आज कितने ही इलाकों की तश्वीर बदल रही है
17:44इसका परणाम ये है कि समाज में अंतिम पाइदान पर खड़े व्यक्ति में भी नई उम्मिद जगी है
17:56वो नकेवल अपना जीवन बदल रहा है बलकि वो राष्ट निर्मान में भी अपनी मजबुत भूमी का देख रहा है
18:07साथियों स्री नारायन गुरू ने हमेशा महिला शसक्ति करान पर जोड दिया था
18:17हमारी सरकार भी वुमेन लेट डवलप्मेंट के मंतर के साथ आगे बढ़ रही है
18:23हमारे देश में आज हदी के इतने साल बाद भी ऐसे कई छेत्र थे जिन में महिलाओं की एंट्री ही बेंद थी
18:35हमने इन पतिबंधों को हटाया नए नए शेत्रों में महिलाओं को अधिकार मिले
18:42आज स्पोर्ट से लेकर स्पेस तक हर फिल्ड में बेटियां देश का नाम रोशन कर रही है
18:54आज समाज का हर वर्ग हर तपका एक आत्मों विश्वात के साथ विच्छी भारत के सपने को उसमें अपना योगदान दे रहा है
19:04स्वच्छ भारत मीशन परियावरन से जूड़े अभियान अम्रत सरोबर का निर्मान मिलेट्स को लेकर जागरूपता जैसे अभियान
19:18हम जन भागी दारी की भावना से आगे बढ़ रहे हैं
19:23एक सो चालीस करोर देश वाच्छी की ताकत से आगे बढ़ रहे हैं
19:27साथियों स्री नारायन गुरू कहते थे विद्या कौन प्रभुद्धर आवुका संगठना कौन शक्तर आवुका प्रयत्म कौन संपन्नार आवुका
19:43यानि एनलाइनमेंट थ्रू एडुकेशन, स्ट्रेंट थ्रू और्गनाईजेशन, प्रस्परेटी थ्रू इंदस्ट्री
19:56उन्होंने खुद भी इस वीजन को साकार करने के लिए महत्वपून संस्थाओं की नीव रखी थे
20:05शीवगिरी में ही गुरुजी ने सारदा मट की सापना की थे
20:10माँ सरस्वती को समर्थी तिया मट
20:14इसका संदेश है कि सिक्षा ही बंचीतों के लिए उत्थान और मुक्ति का माध्यम बनेगी
20:23मुझे खुशी है कि गुरुदेव के उन प्रयासों का आज भी लगातार विस्तार हो रहा है
20:30देश के कितने ही शहरों में गुरुदेव सेंटर्स और स्री नारा एंड कल्टरल मिशन मानव हीत में काम कर रहे हैं
20:40साथियों, सिक्षा, संगठन और अवद्योगीक प्रगती से
20:48समाज कल्यान की इस विजन की स्पस्ट छाप
20:52आज हम देश की नितियों और निर्ड़ों में भी देख सकते हैं
20:58हमने इनके दसक बात, इतने दसक बात
21:02देश में नई एजुकेशन पॉलिसी लागु की है
21:06नई एजुकेशन पॉलिसी नकेवल शिक्षा को
21:10आधुनिक और समावेशी बनाती है
21:14बलकि मात्रू भाशा में पढ़ाई को भी बढ़ावा देती है
21:18इसका सबसे बढ़ावाप पिछडे और वन्चित तपके को ही हो रहा है
21:24साथियों, हमने पिछले एक दसक में
21:29देश में इतनी बड़ी संख्या में
21:32नई IIT, IIM, AIM जैसे समस्थान खुले हैं
21:39जितने आजहादी के बाद साथ वर्सों में नहीं खुले थे
21:44इसके कारण आज उच्च सिख्षा में
21:50गरीब और वन्चित विवाओं के लिए नए अवसर खुले हैं
21:54बिते दस साल में आदिवासी इलाकों में
21:58चार सो से जादा एक लव्य आवाशिय स्कूल खुले गए हैं
22:05जो जन जाती है समाच
22:07कई पीडियों से शिख्षा से वन्चित थे
22:12उनके बच्चे अब आगे बढ़ रहे हैं
22:16भाईयो बैनों हमने शिख्षा को सीधे
22:20स्कील और अवसरों से जोड़ा है
22:24स्कील इंडिया जैसे मिशन देश के युवाओं को
22:28आत्म निर्वर बना रहे हैं
22:31देश की आउद्यों की प्रगती
22:33प्रावेट सेक्टर में हो रहे बड़े रिफार्म्स
22:37मुद्रा योजना
22:39स्टेंड़ योजना
22:41इन सबका भी सब्चे बड़ा राव
22:44दलीत
22:45पिछडा और आदिवासी समाज को हो रहा है
22:49साथियों
22:51स्री नाराइन गुरु एक ससक्त भारत चाहते थे
22:54भारत के ससक्तिक अन के लिए हमें
22:59आर्थिक, सामाजिक और सैन्य हर पहलू में आगे रहना है
23:05आदेश इसी रास्ते पर चल रहा है
23:11भारत तेजी से दुनिया की तीसरे नंबर की एकोनामी बनने के तरफ बढ़ रहा है
23:23पियम मोदी ने कहा कि हाल ही में दुनिया ने भारत की ख्रमता देखी
23:27आपरेशन सिंदूर ने आतंगबाद के खिलाफ भारत की सपश्ट नीथी को पूरी दुनिया के सामने रख दिया
23:32हमने दिखा दिया कि जो भारतियों का खून बहाते हैं उनके लिए दुनिया में कई भी सुरक्षित जगा नहीं
23:38हाल में दुनिया ने ये भी देखा है कि भारत का सामर्थ क्या है
23:46आपरेशन सिंदूर आतंगबाद के खिलाफ भारत की कठोर लितिक और दुनिया के सामने एकदम स्पश्ट कर दिया है
24:10हमने दिखा दिया है कि भारतियों का खून बहाने वाले आतंगबाद के लिए
24:19कोई भी ठिकाना सुरक्षित नहीं है
24:22साथियों आज का भारत देश हित में जो भी हो सकता है
24:34और जो भी सही है उसके हिसाब से कदम उठाता है
24:40आज सैन्य जरुरतों के लिए भी भारत की विदेशों पर निर्भरता लगातार कम हो रही है
24:49हम डिफेंस एक्टर में आत्मन निर्भर हो रहे हैं
24:53और इसका प्रभाव हमने आपरेशन सिंदूर के दोरान भी देखा है
24:59हमारी सेनाओं ने भारत में बने हत्यारों से दुश्मन को
25:06बाइस मिनिट में बाइस मिनिट में गुट्रिये टेकने के लिए मजबूर कर दिया
25:18मुझे भी स्वाथ है आने वाले समय में
25:27मेड इन इंडिया हत्यारों का डंका पूरी दुनिया में बजेगा
25:33साथियों बेश के संकल्पों को पूरा करने के लिए हमें
25:44स्री नारायन गुरु की सिक्षाओं को जन जन तक पहुंचाना है
25:49हमारी सरकार भी इस दिसा में सक्रियता के साथ काम कर रही है
25:57हम शिवगीरी सरकीर का निर्मान करके
26:02स्री नारायन गुरु के जीवन से जुड़े तिर्थ स्थानों को जोड रहे है
26:07मुझे भी स्वास हैं उनके आशिरवाद उनकी सिक्षाएं अमरित काल के हमारी आत्रा में देश को रास्ता दिखाती रहेंगी
26:21हम सब एक साथ मिलकर दिख्षित भारत के सपने को पूरा करेंगे
26:29आज के लिए बस इतना ही देश जुनिया की तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे हमारे साथ और देखते रहे गंगा नियूस
26:59कि अए बस इतना ही जुड़े जुड़े और दिख्षित रहे हमारे से टावे खबरों के लिए जुड़े जुड़े एक पूर दो चूरा नियूस

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