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  • 6/17/2025

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Transcript
00:00the
00:29એક આલ સી લકર આરા થા આજ દ્વભાર કે એક બજ ચુકે હેં લેં મંજિત સોકર અભી તક નહી ઉટા થા ઉશે ઇતની �
00:59મે તેરે લીએ જો નાશતા બનાયા વો ભી થંડા ઓ ગયા અબ મે દ્વભાર કા ખાના બનાને જા રહાં લીં લીં તે
01:29કાને કાતા આપ મુજે ઘર કા ખાર્ચા ભી પડી મુસીતે ચલ રહાએ ઔર કઈ દીનો સે તીયતે ભી ખરાબ
01:38કાબયા આપ સીદે સીદે કાક કયો નહી દેતે કે આપ મુજે તંગ આ ગએ હેતે સીતે બાત નહીતે મંજીતે કેત�
02:08અએતેતે સ્ભા સ્ભે કાસે કામે કેતે મઝીતે
02:38I like to see my friends and friends.
02:43It is not my friends, but I don't know.
02:49It's called home and I've been going to talk about our friends and friends.
02:52If we go out to our house,
02:55our home and our home are gone.
02:58I will not leave the house.
03:00We will not leave the house.
03:02I will not leave the house.
03:05and
03:12and
03:14and
03:17it
03:20the
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07:19बैजी ये तो बहुत ही मांगा पड़ेगा
07:21सही कहा मंजीत
07:23तुम्हें 20,000 रुपियों की
07:25जल से जल इंतिजाम करना होगा
07:2720,000 रुपिया का नाम सुनकर
07:29मंजीत बुरी तरक घपरा गया
07:31ठीक है बैजी
07:33एक हपते के अंदर में
07:3520,000 रुपिया के इंतिजाम कर लूँगा
07:37ठीक है ये लोग
07:39तब तक दवाया देते रहाना
07:42मुझ से खून आना
07:43बंध हो जाएगा और गगार भीव दर जाएगा
07:46मंजीत को
07:47अपने आलस्पन पर बहुत गुस्टा आ रहा था
07:50किसी भी कीमत पर
07:52वो अपने बड़े भाई को खोना नहीं चाहता था
07:54अगले दिन
07:56सुबा होते ही मंजीत
07:58मुख्या के पास चला जाता है
08:00क्या बात है मंजीत
08:02आज सुबा सुबा मेरे घहर में कैसे
08:04आज तो बहुत जल्दी उट गया
08:06मुख्या जी
08:08मेरे बड़े भाई की तबियत खराब हो गई है
08:11क्या मतलब
08:12मतलब कि तुम मुझसे पैसे मागने आया है
08:15जी मुख्या जी
08:17आपने बिलकुल सही कहा
08:18मुझे 20,000 रुपय की जरूरा थे
08:21उसके बदले आप मुझसे
08:23जो भी काम कहोगे
08:24मैं मेहनत और लगन से करूँगा
08:26तेरा दिमाग तो ठीक है
08:28तुझसे लकडिया तो ठीक से काटी नहीं जाती
08:32मेहनत का खाक करेगा
08:34बिचारा संजीत मेहनत कर करके
08:37तुझे पाल पुसकर बड़ा कर रहा था
08:39और बिचारा खुद घर में बैठ गया
08:42मुख्या ने पैसे तेने से साप साप माना कर लिए
08:46फिर मंजीत निरास होकर घर चला जाता है
08:49अगले दिन मंजीत ने उदास मन से
08:52अपने कुलहारी लेकर जंगल की और चला आया
08:55और एक पेड के पास आगर खड़ा होगी है
08:58अब मैं क्या करूँ
09:00अगर मैं सारा दिन मेहनत से काम करता हूँ
09:03तब भी मैं 20,000 रुप्यों का इंतिजाम नहीं कर पाऊंगा
09:07अपने भाई का इलाज कैसे करा पाऊंगा
09:10कास मैं आलसी नहीं होता
09:13आज मुझे किसी के सामने हाथ पहलाने के जरुरत नहीं पड़ती
09:17भाईया सही ही कहा कर देत
09:19मेरा ये आलसी पन मुझे बहुत बड़ी मुसीबत में पसुआएगा
09:24तब ही उसे एक आवाज सुनाई देती है
09:27मैंने तुझ से कहा था ना
09:29मुसीबत तेरी सर पे खरी ही
09:30लेकिन तुने मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया
09:33मंजीत ने देखा कि
09:36उसके सामने वही सादू भड़ा हुआ था
09:38जो कुछ समय पहले ही तेतामी देकर गया था
09:42आपने सही ही कहा था बाबा
09:45मैं अब क्या करूँ
09:46मैं बड़ी मुसीबत में फस गया हूँ
09:49मेरे भाईया की तब्यत सही नहीं है
09:52बैट जी ने 20,000 रुप्यों के इंतिजाम करने को कहा है
09:56मैं गाउं में हर किसी से मदद माईगी
09:59लेकिन किसी ने मेरी मदद नहीं की
10:01इस दुनिया में बे बज़ा कोई किसी के मदद नहीं करता
10:05मंजी तुन होने तेरी मदद इस बज़ा से नहीं की
10:09क्योंकि तु एक आलसे बेखती है
10:11उनको डर है कि कहीं उनके पैसे फंस न जाए
10:15अगर किसी के सामने मेहनत की बात करेगा तो
10:19लोग तेरा मजाग तो उड़ाएंगे ही न
10:21अपने बिल्गुल सही गहा बबाबा
10:23लेकिन अब मैं क्या करूँ
10:25मैं अपने भहिया को बहुत चाहता हूँ
10:28उन्होंने कभी भी
10:29मा और पीता जी की कमी महसुच नहीं होने दि
10:32साधू मंजीत की बाते सुनकर
10:35समझ चुका था
10:36कि मंजीत तब बदल गया है
10:38फिर साधू ने अपना हाथ
10:40पिछे किया और एक कुलहारी आगी
10:42ये लेज इसे से लकडिया काट
10:46क्या भर्ट पड़ता है बाबा
10:47इसे काटू या उससे
10:49भर्ट पड़ता है
10:51ये तुझे कुछ समय बात समझाएगा
10:53मंजीत ने कुलहारी
10:55कुछ साधू के हाथ से ले ले
10:57और साधू महां से चला गया
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