Delhi Heatwave: दिल्ली वालों (Delhi Citizens) के लिए ये गर्मी (Delhi
Summer) कोई नई बात नहीं है...कहते हैं कि दिल्ली की गर्मी ने तो अंग्रेजों
(Delhi Heatwave in British Era) को भी हिलाकर रख दिया था...जिनकी चर्चा
ब्रिटिश राज (British Era) के दौरान के अंग्रेजों के अफसरों की डायरियों,
किताबों के अंशों में मिलती है...दिल्ली की गर्मी ने अंग्रेजों को किस कदर
परेशान किया उसी के बारे में हम आपको इस वीडियो में बताएंगे...साथ ही भी
बताएंगे की आखिर दिल्ली में रह रहे अंग्रेज गर्मियों से छुटकारा पाने के
लिए क्या क्या उपाय करते थे...रोचक बात ये भी है कि दिल्ली की गर्मी को
अंग्रेज दुनिया का सबसे क्रूर मौसम (The world's most brutal weather) भी कहते थे
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Summer) कोई नई बात नहीं है...कहते हैं कि दिल्ली की गर्मी ने तो अंग्रेजों
(Delhi Heatwave in British Era) को भी हिलाकर रख दिया था...जिनकी चर्चा
ब्रिटिश राज (British Era) के दौरान के अंग्रेजों के अफसरों की डायरियों,
किताबों के अंशों में मिलती है...दिल्ली की गर्मी ने अंग्रेजों को किस कदर
परेशान किया उसी के बारे में हम आपको इस वीडियो में बताएंगे...साथ ही भी
बताएंगे की आखिर दिल्ली में रह रहे अंग्रेज गर्मियों से छुटकारा पाने के
लिए क्या क्या उपाय करते थे...रोचक बात ये भी है कि दिल्ली की गर्मी को
अंग्रेज दुनिया का सबसे क्रूर मौसम (The world's most brutal weather) भी कहते थे
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NewsTranscript
00:01उफ ये दिल्ली की गर्मी
00:02अंग्रेजों को भी तपा चुकी है दिल्ली की गर्मी
00:07दिल्ली की गर्मी को अंग्रेज कहते थे कुरूर मौसम
00:11जेट का महीना और दिल्ली की गर्मी
00:13सडकों पर सन्नाटा
00:15घरों में पसीना पोंचते लोग
00:17चिडियों, जानुरों के सुकते, हलक को भीगोने के लिए पानी की तलाश
00:21जून के महीने में हर साल तकरीबन पूरे नौर्थ इंडिया में यही हाल रहते हैं
00:26गर्मियों के मौसम में सबसे ज़्यादा चर्चा दिल्ली की गर्मी की होती है
00:30आग उगलते सूरच की वज़े से दिल्ली में हर साल पारा-पैतालिस के पार हो जाता है
00:35दिल्ली वालों के लिए गर्मी कोई नई बात नहीं है
00:38कहते हैं कि दिल्ली की गर्मी ने तो अंग्रेजों को भी हिला कर रख दिया था
00:42जिनकी चर्चा ब्रेटिश राज के दोरान के अंग्रेजों के अपसरों की डायरियों, किताबों के अंशों में मिलती है
00:49दिल्ली की गर्मी ने अंग्रेजों को किस कदर परेशान किया उसी के बारे में हम आपको इस वीडियो में बताएंगे
00:55साथ ही बताएंगे कि आखिर दिल्ली में रह रहे अंग्रेज गर्मियों से छुटकारा पाने के लिए क्या-क्या उपाय किया करते थे
01:03रोजक बात ये भी है कि दिल्ली की गर्मी को अंग्रेज दुनिया का सबसे क्रूर मौसम भी कहते थे
01:09दिल्ली हो जाती थी वीरान
01:12ये बात उस वक्त की है जब अंग्रेजों ने भारत की राजधानी को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था
01:17लेखों और किताबों की मुताबिक बिटिश काल के वक्त जब दिल्ली की गर्मी अपने शबाब पर होती थी
01:23दिल्ली की सड़के पूरी तरह से वीरान हो जाती थी
01:42ऐसी होती है जैसे भठी की गर्म हवा दोपहर में न आदमी दिखते हैं न जानवर बाजार बंध हो जाते हैं और कवे तक छाओं में चले जाते हैं
01:51एक और अंग्रेज अपसर जोकी दिल्ली में सिविल सर्वेंट थे उन्होंने 1870 में दिल्ली की गर्मी के बारे में लिखा था
01:57दोपहर के समय दिल्ली की सड़कों पर सन्नाटा पसरा होता था जैसे किसी महामारी ने शहर को खामोश कर दिया हो
02:05कभी कभी कोई फकीर या भिखारी दिखता है जो तपती सड़क पर भीख मांगता हुआ गुजरता है
02:111935 में भारत के वाइसराए लाड विलिंग्टन थे उनकी पतनी का नाम लेडी विलिंग्टन था उन्होंने 1935 में दिल्ली की गर्मी के बारे में लिखा था
02:22कोई भी अंग्रेज महिला सुबै दस बजे के बाद बाहर नहीं निकलती लू ऐसी चलती कि छाता भी उड़ जाए चेहरा तवे पर रखे आटे की तरह जलने लगता
02:32वाइसराय लॉर्ड हार्डिंग भी दिल्ली के बारे में लिख चुके हैं भारत की राजधानी कलकता से दिल्ली शिप्ट करते वक्त 1912 में लॉर्ड हार्डिंग ने लिखा था
02:42दिल्ली की गर्मी एक आतंग है कोई भी वक्ती चाहे कितना भी बहादूर क्यों न हो इस लू और गर्मी के प्रकोप से अच्छूता नहीं रह सकता
02:51वही अंग्रेज विलियम डेल रिम्पल ने अपनी किताब सिटी ओफ जिन्स मिल दिल्ली की गर्मी के बारे में लिखा था
02:57दिल्ली की गर्मी ऐसी होती थी कि दोपहर होते होते शहर वीरान हो जाता
03:02बस कभी कभार किसी बैलगाडी की आवाज या किसी फकीर की पुकार सुनाई देती
03:07लोग अपने घरों में दुबग जाते और सड़कें धधगती रहती
03:10अंग्रेज अपसर करनल जेम्स टॉड ने तो दिल्ली की गर्मी से पत्थर से आग उले जाने की बात तक लिख दी
03:17दोपहर तक दिल्ली के पत्थर भी आग उलने लगते
03:21जैसे ही सुरज सिर पर आता पूरा शहर दरबाजे खिड़कियां बंद कर लेता
03:25सड़क पर कोई नहीं दिखता ऐसा लगता जैसे शहर पर मौत उतराई हो
03:30अब सवाल ये है कि अंग्रेज दिल्ली की जलाने वाली गर्मी से निजात पाने के लिए करते क्या थे
03:35अंग्रेजों की किताबों और डैरियों के मुताबिक दिल्ली की गर्मी से तंग आकर
03:39अंग्रेज भारत के ही किसी हिल स्टेशन की तरफ रुक कर लेते थे
03:43दोपहर में अंग्रेज अपने घरों में सियेस्ता लेते थे
03:46यानि दोपहर को वो अपने घरों में सोते थे
03:49घर के को तपिश्वे बचाने के लिए अंग्रेज खस के परदे, पंखे और बर्फ का सहरा लेती थे
03:54वही जहां तक आफिसेज की बात है उनके कमरों में बर्फ की सिलियां रखते थे
03:59दिल्ली की गर्मी के बारे में अंग्रेजों ने लिखा है कि दो पहर बारा बजे से
04:19दोलोड़ ऑ्रवाने के लिए अंग्रेजिया ग्रॉ।