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  • 2 days ago
Chenab Bridge: नवंबर 2024 में ऐसी खबरें सामने आईं थीं कि चीन, चिनाब ब्रिज की जासूसी करवा रहा है. इसके लिए उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी सहारा लिया था. पाकिस्तान में तो लगातार चिनाब ब्रिज को लेकर खतरे वाली खबरें प्रकाशित होती रही हैं. मगर इसका क्या है कारण? दरअसल, कश्मीर बर्फबारी के दिनों में भारत से कट जाता था. आपात स्थिति में सेना को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. लेकिन अब चिनाब रेलवे ब्रिज के बन जाने से हर मौसम में कश्मीर पहुंचना, सेना के लिए आसान हो जाएगा. इसके साथ ही लद्दाख जैसे क्षेत्रों में भी सेना की पहुंच सभी मौसम में आसान हो जाएगी. मतलब LoC से LAC तक भारतीय सेना अब बहुत जल्द पहुंच सकेगी. यही कारण है कि चीन और पाकिस्तान इस ब्रिज को लेकर काफी सतर्क हैं. ब्रिज की लंबाई 1315 मीटर है और यह 13 मीटर चौड़ा है. इस पुल का निर्माण 1486 करोड़ की लागत से किया गया है. चिनाब रेल ब्रिज की वजह से कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय घटकर 3 घंटे और कम हो जाएगा.


#Chenabbridge #Chenab #kashmir

~HT.410~ED.276~GR.124~

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Transcript
00:00ठे जून का वो एतिहासिक दिन जो न सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया के इतिहास में दर्ज हो गया
00:13दुनिया भारत की ताकत देख हैरान है तो चीन और पाकिस्तान के लिए एक चिंता का विशय बन गया
00:20हम बात कर रहे हैं चिनाब रेल ब्रिज की जिसने आजादी के साथ दशकों बाद डेश को कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक एक धागों से बांद दिया है
00:32नवश्कार मैं हुरिचा और आज मैं चिनाब ब्रिज से जुड़ी कुछ ऐसी बाते बताने जा रही हूँ जिसे सुनकर आपको भारतिया होने पर गर्व महसूस होगा
00:41नवेंबर दोहजर चौबिस में ऐसी खबरे सामने आई थी कि चीन चिनाब ब्रिज की जासूसी करवा रहा है
00:49इसके लिए उसने पाकिस्तानी खुफिया एजनसी आईएसाई का भी सहारा लिया था
00:54रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान में तो लागातार चिनाब ब्रिज को लेकर खत्रे वाली खबरे प्रकाशित होती रही है
01:02मगर इसका क्या है कारण
01:04दरसल कश्मीर बर्फ बारी के दिनों में भारत से कट जाता था
01:10आपाच सिथी में सेना को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था
01:14लेकिन अब चिनाब रेल ब्रिज के बन जाने से हर मौसम में कश्मीर पहुँचना सेना के लिए आसान हो जाएगा
01:22इसके साथ ही लगदाक जैसे कशेत्रों में भी सेना की पहुँच सभी मौसम में आसान हो जाएगी
01:28मतलब LOC से LAC तक भारतिय सेना बहुत जल्द पहुँच सकेगी
01:33यही कारण है कि चीन और पाकिस्तान इस ब्रिज को लेकर काफी सतर्क है
01:38भारत इस पुल के जरिये मेसेज दे रहा है कि वो हर गुस्ताकी का जवाब देने के लिए तयार है
01:45इस ब्रिज की नीव 2003 में ततकालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाचपेई ने रखी थी
01:50जिसे पूरा केंद्र की मोधी सरकार ने किया
01:53इसके निर्माण में 22 साल लगे और इसकी अनुमानित उम्र 120 साल से अधिक की है
01:59अब जानते हैं इस ब्रिज की बनावट और लागत के बारे में
02:03ब्रिज की लंबाई 1315 मीटर है और यह 13 मीटर चोड़ा है
02:09इस पुल का निर्माण 1486 करोड की लागत से किया गया है
02:13इससे बनाने के लिए उत्तर रेलवे के साथ साथ कोंकन, अफकान और के आर सील ने भी काम किया है
02:20इसके साथ DRDO और भारतिय भोगौलिक सर्वेक्षन जेसे संस्थाएं भी जुड़ी रही है
02:25IIT रुड की और IIT दिल्ली ने भी अपना योगदान दिया है
02:30चिनाब रेल ब्रिज की वज़े से कटरा और श्री नगर के बीच का समय घट कर जो है अब तीन घंडे से कम हो जाएगा
02:37इस ब्रिज की खासियत बताने से पहले इसे देश और दुनिया के उन संरचनाओं से कंपेर कर लेते हैं जिन हैं इसने पचार दिया है
02:46चिनाब रेल ब्रिज पेरिस के मशुहूर एफिल टावर से 35 मीटर उचा है एफिल टावर की उचाई 330 मीटर है जबकि चिनाब ब्रिज की उचाई 369 मीटर है
02:59दिल्ली के मशुहूर कुतब मिनार से तो ये लगभग 287 मीटर उचा है वही गुजराद स्थित स्टैचू अफ यूनिटी से भी इसकी उचाई करीबन 177 मीटर अधिक है इतना ही नहीं ये दुनिया का सबसे उचा रेल पुल भी है
03:15चिनाब ब्रिज ना केवल एक रेलवे का पुल है बलकि यह जम्मो कश्मीर को हर मौसम में देश से जोड़ने का मजबूत माध्यम भी है इसकी भव्यता और इंजीनियरिंग की बारीकियां इसे एक एतिहासिक संरचना बनाती है
03:30अब जानते हैं चिनाब ब्रिज से जुड़ी पांच ऐसी खास बातें जिन्हें जानकर आप दातों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाएंगे
03:42यह ब्रिज 266 किलोमेटर प्रती घंटे तक की हवा की गती का सामना कर सकता है
03:49पुल में 112 सेंसर लगाये गए हैं जो हवा की गती, टेंपरेचर और कमपन आदी की जानकारी देंगे
03:59चिनाब ब्रिज में 1500 सरवर की सुविधा से लेस अत्याधुनिक नियंतरन कक्ष भी बनाया गया है
04:05यह पुल इतना मजबूत है कि धमाके से भी इसे उनुकसान नहीं पहुचाया जा सकता
04:13इस ब्रिज को 40 टन TNT के बराबर विस फोर्ट को सहन करने के लिए भी डिजाइन किया गया है
04:19ब्रिज के नियर्मान में 6 लाग से ज्यादा बोल्ट लगाए गये हैं जो इसे और अधिक मजबूत बनाते हैं
04:25इसकी मजबूती और सुरक्षा इसे एक अद्वितिय इंजीनेरिंग उपलब्दी बनाती है
04:31भुकंप जैसी प्राक्रतिक आफदा में भी ये जहलने में सक्षम है
04:38चिना ब्रिज रिक्टर स्केल पर आठ तिवृता के भुकंप को सह सकता है
04:43जरविस्तार से इसकी बनावट समझते हैं जिसकी वज़े से ये भुकंप जहलने में भी सक्षम है
04:49इस पुल को बनाने में उच्च शक्ती वाला स्टील और कंक्रीट इस्तेमाल किया गया है
04:55ब्रिज के निर्मान में 28,660 से 30,000 मिट्रिक टन स्टील और 46,000 क्यूबिक मिटर कंक्रीट का इस्तेमाल हुआ है
05:04जो इसे मजबूत और टिकाव बनाते हैं
05:08सुरंगों और पट्रियों पर 2400 घंटे CCTV की निगरानी की वेवस्था मौजूद है
05:15इसकी वेज़े से इसमें अगर किसी प्रकार की छेड़ छाड़ होती है तो इसकी सूचना हाथो हाथ लग जाएगी
05:22हमारे लिए गर्द की बात यह भी है कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में जिन लोगों एहम भूमी का निभाई है उनमें एक महिला का नाम सबसे उपर है
05:31जी हाँ हम बात कर रहे हैं भारतिय विज्ञान संस्थान बंगलूरू की प्रोफेसर माधवी लता की जिन्होंने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में अपनी बुद्धिमता का लोहा मनमाया है
05:42माधवी लता ही चिनाब पूल प्रोजेक्ट की भूत अकनीकी सलाहकार रही है उन्होंने इस प्रोजेक्ट पर 17 साल काम किया है
05:51चिनाब पूल चीन पाकिस्तान के मुँँपर एक करारा तमाचा है इसके साथ ही एक इंजिनियरिंग चमतकार भी है जो भारत की सुरक्षा और एक्ता के लिए बहुत महत्वपुन है
06:03यह पुल जम्मो कश्मीर के लोगों के लिए विकास और सम्रिधी के नए रास्ते खोलेगा
06:09इससे पर्याटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानिय अर्थ वैवस्था को मजबूती
06:15ऐसी ही और रिपोर्ट्स देखने के लिए बने रहें One India के साथ
06:20धन्यवाद
06:33झाल

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