ओडिसा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ को बुखार हो गया है. बुखार इतना गंभीर बताया जा रहा है कि भगवान पंद्रह दिनों तक एकांतवास में रहेंगे. इस दौरान भगवान के कक्ष में भक्तों को जाने की अनुमति नहीं होगी. वहां सिर्फ डॉक्टर्स ही विजिट कर सकते हैं. डॉक्टर्स के अलावा मात्र कुछ सेवादारों को ही अंदर जाने की अनुमति है. भगवान जगन्नाथ, सहस्त्रधारा स्नान की प्रक्रिया से गुजरे हैं. इस दौरान उन्हें, उनके भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा और सुदर्शन को 108 सोने के घड़ों से नहलाया गया है, जिसके बाद सिर्फ भगवान जगन्नाथ ही नहीं, उनके भाई और बहन को भी बुखार हो गया है. और वे 15 दिनों के एकांतवास में चले गए हैं. गौर करने की बात यह है कि यह कोई पहली बार नहीं हो रहा कि भगवान् बीमार पड़े हैं, भगवान के स्नान और बीमार होने की ये अनोखी प्रक्रिया सदियों से चली आ रही है. 15 दिनों के विश्राम के बाद वे स्वस्थ होकर रथयात्रा पर निकलेंगे और भक्तों को दर्शन देंगे.
#rathyatra #jagannath #puri
~ED.276~HT.408~
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00:00भगवान जगनाद को आया बुखार
00:1014 दिनों तक रहेंगे क्वारिंटाइन
00:13डॉक्टर्स करेंगे उपचार और लिखेंगे दवाई
00:15नमस्कार मैं हूरिचा और आज हम सब जानेंगे भगवान जगनाद के अस्वस्त होने की कहानी
00:30जिसे सुनकर आप चौक जाएंगे
00:32जी हाँ आपने बिल्कुल सही सुना
00:35ओडिसा के पूरी में स्थित भगवान जगनाद को बुखार हो गया है
00:40बुखार इतना गंभीर बताया जा रहा है कि भगवान 15 दिनों के लिए एक कांत वास में चले गए है
00:47इस दोरान भगवान के कक्ष में भक्तों को जाने की अनुमती नहीं है
00:51वहाँ सिर्फ डॉक्टर्स ही विजिट कर सकते हैं
00:54डॉक्टर्स के अलावा मात्र कुछ सेवादारों को ही अंदर जाने की अनुमती है
00:58अब सवाल यह उठता है कि भगवान कब तक स्वस्थ होंगे और कब दर्शन देंगे
01:05यह जानने से पहले जानते हैं कि भगवान कैसे बुखार की चपेट में आ गया है
01:09तो आपको बता दें कि भगवान जगनात सहस्त्रधारस नान की प्रक्रिया से गुजरे हैं
01:15इस दोरान उन्हें उनके भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा और सुदर्शन को 108 सोने के घड़ों से नहलाया गया है
01:22जिसके बाद सिर्फ भगवान जगनात ही नहीं
01:25उनके भाई और बहन को भी बुखार हो गया है
01:28और वे 15 दिनों के कान्तवास में चले गए हैं
01:31गौर करने की बात यह है कि यह कोई पहली बार नहीं हो रहा है कि भगवान बिमार पड़े है
01:36भगवान के स्नान और बिमार होने की अनोखी प्रक्रिया सद्यों से चली आ रही है
01:41सकन पुरान के अनुसार ठंडे पानी से स्नान करने के बाद
01:45तीनों भाई बहन को बुखार आ जाता है
01:47और फिर इन्हें 15 दिनों के लिए एकान तवास में रखा जाता है
01:52मंदिर के कपाट भी बंद रहते हैं
01:55इस दोरान भगवान को आयरुवेदिक जड़ी बूटियों से बनी दवाएं और काढ़ा दिया जाता है
02:00विशेश जड़ी बूटियों वाले तेल से भगवान की मालिश की जाती है
02:04जिसे फुलेरी तेल कहा जाता है
02:06जब भगवान स्वस्त हो जाते हैं तो नो जौबना दर्शन होता है
02:11इसके बाद रथ्यात्रा शुरू होती है
02:13इस वर्ष रथ्यात्रा 27 जून को निकाली जाएगी
02:1611 जून को भगवान के स्नान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब वे बिमार हो चले
02:22और 15 दिनों के लिए विश्राम करेंगे और उसके बाद स्वस्त होकर रथ्यात्रा पर निकलेंगे
02:27इस वर्ष रथ्यात्रा 27 जून को निकाली जाएगी
02:3111 जून को भगवान के स्नान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब वे बिमार हो चले
02:36और 15 दिनों के विश्राम के बाद वे स्वस्त होकर रध्यात्रा पर निकलेंगे और भक्तों को दर्शन देंगे
02:43भगवान जगनात के रध्यात्रा के पुर्व कि ये प्रक्रिया अनोखी होने के साथ साथ हमें ये भी सोचने पर मजबूर कर देती है
02:51कि भगवान ने सदियों पहले मानव मात्र को यह सिखाया
02:55कि अगर ठंड लगने की वज़े से इंसान को बुखार हो जाए
02:58तो उसे सबसे अलग या आजकल की भाशा में कहें
03:02तो फ्वारिंटाइन हो जाना चाहिए
03:03शायद यह भी एक वज़ा है कि जगनात को कलियू का भगवान कहा जाता है
03:09ऐसी ही और रोचक खबरों के लिए देखते रहें One India
03:12धन्यवाद