- 6/10/2025
#geotv #harpalgeo
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Kurulus Osman Season 06 Episode 223 - Urdu Dubbed - Har Pal Geo
Osman Bey, who moved his oba to Yenişehir, will lay the foundations of the state he will establish in this city. One of the steps taken for this purpose will be to establish a 'divan'. Now the 'toy', which was collected at the time of the issue, is left behind. Osman Bey will establish a 'divan' with his Beys and consult here. However, this 'divan' will also be a place to show themselves for the enemies who seem friendly, who want to weaken Osman Bey from the inside.
As Osman Bey grows with the goal of establishing a state, he will have to fight with bigger enemies. Osman Bey, who struggles with the enemy who seems to be a friend inside, will enter into a struggle with Byzantium outside. Osman Bey has set his goal, the conquest of Marmara Fortress, which will pave the way for Bursa and Iznik!
Production: Bozdag Film
Project Design: Mehmet Bozdag
Producer: Mehmet Bozdag
Director: Ahmet Yilmaz
Screenplay: Mehmet Bozdağ, Atilla Engin, A. Kadir İlter, Fatma Nur Güldalı, Ali Ozan Salkım, Aslı Zeynep Peker Bozdağ
#kurulusosmanS6Ep223
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Kurulus Osman Season 06 Episode 223 - Urdu Dubbed - Har Pal Geo
Osman Bey, who moved his oba to Yenişehir, will lay the foundations of the state he will establish in this city. One of the steps taken for this purpose will be to establish a 'divan'. Now the 'toy', which was collected at the time of the issue, is left behind. Osman Bey will establish a 'divan' with his Beys and consult here. However, this 'divan' will also be a place to show themselves for the enemies who seem friendly, who want to weaken Osman Bey from the inside.
As Osman Bey grows with the goal of establishing a state, he will have to fight with bigger enemies. Osman Bey, who struggles with the enemy who seems to be a friend inside, will enter into a struggle with Byzantium outside. Osman Bey has set his goal, the conquest of Marmara Fortress, which will pave the way for Bursa and Iznik!
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Director: Ahmet Yilmaz
Screenplay: Mehmet Bozdağ, Atilla Engin, A. Kadir İlter, Fatma Nur Güldalı, Ali Ozan Salkım, Aslı Zeynep Peker Bozdağ
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FunTranscript
00:00आओ बेटी
00:28वो दोनों खाना कम बना रही है और लड़ साथा रही है
00:32मैं तुम्हें कह रही हूँ
00:33मेरे काम में मदाख़त मत करो
00:35याल्ला
00:37ये नमक कहा चला गया
00:42वालिदा
00:50बाबा कल जिर्गा क्यों बुला रहे हैं
00:54क्या आप जानती है
00:54हर कोई जानना चाहता है
00:58पता नहीं मेरी बेटी
00:59लेकिन उस्मान साथ काफी दुनों से फिकरमन नजर आ रहे हैं
01:03दीवान में सबको पता चल जाएगा इंशाल्ला
01:07इंशाल्ला
01:09यह दोनों जंग्जू इस उमर में ही बहुत माहिर हैं
01:24जोटे सिपाही तुम यहां क्या कर रहे हो हम लोहा काट रहे हैं जी माशाल्ला माशाल्ला यह दोनों जंग्जू इस उमर में ही बहुत माहिर हैं वह
01:37माशाल्ला हर वक्त मुझसे घोड़ों के बारे में ही पूछते रहते हैं और आज आपको यहां जहमत देने का यही मकसद है कि आपसे सीख सके माशाल्ला तो फिर तुरकों के हमसफर यानी घोड़ों के बारे में जानना चाहते हो तो फिर आजाओ मेरे साथ मैं तुम दोनो
02:07माशाला, घोड़ा जहाद का साथ ही है और हवा की तेजी से फताह की तरफ दौड़ता है
02:14तो सिपाही इसके बगार मुकमल हो, हर्गिस नहीं
02:18तो क्या इन में से आपका कोई दोस्त है?
02:21हाँ, जिसे तुम देख रहे हो
02:22सारे घोड़े हिनिन आ रहे हैं, ये क्यों खामोश है?
02:31ये भी हिनिन आता है, मगर दिल से
02:33इसकी आँखे देखो जरा
02:35बहुत कुछ जानता है लेकिन इतराता या शोर नहीं मचाता
02:40लेकिन अगर तुम बोलोगे तो जरूर सुनेगा
02:44कैसे सुनेगे ये मेरी बात?
02:47तुम्हारा नाम क्या है बताओ जरा
02:48मलिक शाह अल्प
02:50माशालला मलिक शाह अल्प, घोड़ से सुनो
02:53हम घोड़े का दिल पढ़ लिया करते हैं
02:57आँखों से समझ लेते हैं
02:58कान खड़े हुए, या तुम उठी हुई तो नहीं
03:01अगर ये देखना सीख जाओगे
03:04तो ये जवाब जरूर देगा
03:05फिर तुम इससे बातें कर सकोगे
03:08इससे घोर से देखो मलिक शाह
03:11अभी ये घोड़ा ठका हुआ लग रहा है
03:16इसकी सफाई करेंगे
03:17सफाई ना की तो क्या होगा?
03:21हाँ, अच्छा सवाल है अलपरसलान
03:24अगर सफाई ना की तो
03:25इसके बाल उलच जाएंगे
03:27जल्द खराब हो जाएंगे
03:28और सफर नहीं कर पाएगा
03:30और अगर घोड़े की पुष्ट पर जरब लगाओगे
03:33तो ना ये तुम्हें देखेगा
03:35और ना सुनेगा
03:36चलो अब
03:39गर्दन से शुरू करेंगे
03:54इन्हें भी साफ करना होगा
03:56और हाँ
03:58अगर पीछे से पकड़ोगे
04:00तो पेट पर लाद पड़ेगी
04:02गंदुमी जाबास का सुफैद घोड़ा
04:21जाबास का वफदार साथी होता है
04:24वो उसका हमरास भी बनेगा
04:26और जंग से मूँ नहीं मोडेगा
04:28हम जहाद के लिए रवाना होते हैं
04:32तो अपने दिल एक दूसरे से बांट लेते हैं
04:35सर जुका कर बात मानेगा अगर
04:38उसकी लगाम नहीं केंचुके
04:40अपनी नालों से पत्थर तोड़ देगा
04:43और अपने बाल अपने चहरे पर डाल लेगा
04:46प्यार करोगे तो सितारा बन जाएगा
04:49इसकी खांदानी आँख में हिलाल उतराएगा
04:52हिलाल चमकेगा इसकी खांदानी आँख में
05:13तुमने तो मेरा असली पाजंतीनी की तरह
05:32इस्तक्बाल का इतमाम किया है कलाडियोस
05:34मैं अपने दोस्तों को हमेशे सराकों पर बिढ़ाता हूँ
05:38खास तोर पे खुफिया मालूमात लाने वालों को
05:41बैचो
05:43हम तुम्हारे साथ अपनी तक्दीर चोड़ रहे हैं
06:02मैं तेजधार दलवार हूँ
06:04और तुम बेमिसाल नेजा
06:08हम दोनों का एक ही रास्ता है
06:11पूरा यखीन है मुझे
06:13ये बताओ हमारे लिए क्या मालूमात लेकर आए हो
06:18उस्मान ने दीवान का कहा है
06:21खिते के सबसरतारान को
06:25कबीले मदू किया है
06:27तुम अच्छे से जानते हो
06:31उस्मान के इस दीवान के बाद
06:34उस तुफान का रुख तुम्हारी तरफ होगा
06:39तुर तुमें काम करो
06:42दीवान में होने वाले फैसलों का पता लगाओ
06:45हाँ जरूर
06:46जरूर करूँगा मैं ऐसा
06:49हम दोनों का मकसद एक ही है क्लाडियोस
06:53के उस उस्मान को मिलकर तहस नहस कर दें
06:57लेकिन बदले में तुम्हें मुझे सोना चान्दी
07:01और ग्यूरिक का इलाका देना होगा क्लाडियोस
07:06अपना कबीला में वही ठहराऊंगा
07:09तुम्हारा कबीला
07:11यखिने ना आप अपने भाई की कबीले की बात कर रहें
07:15या अपने भाई से कबीला चीनने वाले है
07:22बेतरीन
07:27तो तै हो ग्या ग्लाडियोस
07:31बिलकुल हो ग्या
07:33उस्मान की सरदारी खतम होने पर
07:36हम आपको हर चीज़ से नावास देंगे
07:39इन्शालला
07:40तो लीजिए
07:44आप कुछ परिशान लग रहे हैं मुझे
08:05कोई बड़ा मसला है क्या उस्मान
08:07क्या दीवान इसी वज़े से बुलवाया है
08:10जिम्दारी भारी है
08:13बहुत भारी है
08:15सफर तवील है बाला
08:17मगर
08:18जब तुम्हारे पास आता हूँ
08:21तुम्हें जब देखता हूँ मैं
08:24तो भूल जाता हूँ सबी
08:25खुद को बेहतर महसूस करता हूँ
08:27काश मैं इस से ज़ादा आपके कामा सकती
08:31जानते हैं आज
08:34हमारा एक और खौप पुरा हो गया उस्मान
08:36क्या बताओ
08:38आपकी बेटियां सुबा से बावची खाने में है
08:40आपके लिए खाना तयार कर रही है
08:42क्या वाकिम है?
08:44मेरे लिए बाला
08:45और किस के लिए बनाएंगे?
08:47अपने बाबा के लिए तो बनाएंगी खाना
08:49मुकाबला हो रहा है दोनों का
08:51सच में बहुत खुश हूँ आज
08:54आपकान नहीं था जन चीज़ों का
08:59वो सब बारी बारी पूरा हो रहा है
09:01ये तुम ही कहा करती थी
09:05किस सबर का फल मीठा होता है
09:08तुम्हें याद है ये सब क्या?
09:11हाँ, बिल्कुल
09:12कहा था मैंने
09:14अगर आप वहां होते हैं, अस्मान
09:18देखते कि मैंने आज कितना शुकर अदा किया
09:20वो दोनों एक साथ हैं
09:22हाँ, जो खाब था सच हो गया वो
09:25तुमने मेरी मुखालिफत की थी
09:27तुमें जखम की वज़ा से
09:29मुझसे मूँ मोड़ गई थी, याद है तुमें
09:31हाँ, मैंने तुमसे कहा था
09:34तुम्हें याद होगा, कि हमारी उलाद होगी
09:36और नसल आगे बढ़ेगी
09:37अब देखो जरा, हमारे लिए
09:40खाना त्यार कर रही है
09:41शुकर है लागा
09:44नसीब में था उस्मान
09:46ऐसा ही है
09:50सिपाहियों
09:58आज के बाद हर शक्त सोच चमच कर कदम उठाए
10:02हाँ
10:03सिपाहियों
10:08मैं तुम सब को बता रहा हूँ
10:10तुर्गुत घाजी तुम लोगों की हड़ी पसली एक कर देंगे
10:14और अपने अपने बिस्तर भूल जाओ
10:16अब वो तुम लोगों को सुबा शाम मश कर आएंगे
10:19सुबा शाम मश कर आएंगे
10:20असलाम ओलेकु
10:26तश्रीफ लाईये तुर्गुद घाजी
10:31बहुत शुक्रिया
10:32तश्रीफ रखिये सब
10:35या ला
10:39सिपाहियो
10:44क्या आप सब जानते हैं कि आप लोगों को शिकस्त क्यूं ही
10:49क्यूंकि आप लोगों के दर्मियान भायचारे का रिष्टा कमजोर था
10:53किसी भाई की वज़े से शिकस्त होती है
10:57और किसी भाई की वज़े से हम वतायाब होते हैं
11:03अब मैं आप सब को दो भाईयों का किस्सा सुनाओंगा
11:08जो बहादुर और आजीम तरीन सिपाहियों में से एक थे
11:12उस वक्त मैंने ये कहानी
11:15सुलिमान शाह से सुनी थी अल्ला उनकी मख्वरत करें
11:19ये किस्सा कोई आम किस्सा नहीं है
11:25और नहीं जोटे किसी किस्सम का
11:28अगरचे इसे किस्सा कहते हैं मगर
11:30ये बिल्कुल सच है
11:32सालों पहले
11:36दुनिया की इंतहाई ताकतवर
11:39और अजीम रियास्त की बन्याद रखने वाले
11:41सलजू की सलतनत काइम करने वाले
11:44दो भाई कुजरे हैं
11:45एक सियासत के इल्म में माहिर थे
11:49सिल्टानों के सिल्टान जनाब अर्तुल अलगासी
11:52और दूसरे उनके बड़े भाई
11:54सरदारों के सरदार
11:56जो जंग के मैदान में दुश्मनों को
11:58पचाड कर रख दिया करते थे
12:01चायर सरदार
12:02जानते हो उस वक्त
12:06मट्टी खून अलूद हुआ करती थी
12:09और समीन धर्रा उटती थी
12:12हर कोई एक दूसरे की
12:14जान का दुश्मन हुआ करता था
12:16जब हर कोई
12:19अपनी बगा के लिए जंग लड़ रहा था
12:22तब इन भाईयों का मकसद
12:24सल्जू की रियासत की बगा और तरक्की थी
12:27जो इन दोनों भाईयों की
12:29जिन्दगी से वाबस्ता होकर रह गए थी
12:31सुलिमान शाह की
12:33वफात के बाद चायर सरदार
12:35ने एक
12:37बहुत ही आहम फैसला लिया
12:39एक ऐसा फैसला जिसकी
12:40मिसाल आज तक काहिम है
12:42कैसा फैसला तरक्त घाजी
12:45सल्तनत के तक्त पर
12:49चायर सरदार का हक था
12:51लेकिन उन्होंने
12:53तक्त की जिम्हदारी
12:55अर्थरुल सरदार को सौब दी
12:57हाँ
12:59वो तो ठीक है
13:00लेकिन उन्होंने अपने नफस पर कैसे काबू पाया
13:03यानि अपनी अक्तिदार की हवास को कैसे संबाल
13:06चाइर सरदार इंतहाई अकलमंद शक्स थे
13:10मैदान जंग में किसी की हिम्मत नहीं थे
13:13कि उनके सामने कोई तलवार उठाए
13:16मुकावले में आने वाला कोई शक्स टिक नहीं पाता था
13:20अर्थुरुल सरदार माहिर थे रियासती उमूर के
13:24साहिब शिजात और इल्म रियासत के माहिर सुल्तान थे
13:29अर्थुरुल सरदार और चाइर सरदार उनमें कभी अना नहीं देखी गई
13:35अर्थुरुल सरदार की अकल और चाइर सरदार की तलवार की बतुलत
13:40फतायाब होते चले गए घोड़े दोड़ाते चले गए
13:44जब जंग शुरू होती तो तूफान उट खड़ा होता
13:49सलजूग सल्तनत के तीर जब आसमान का रोख करते
13:54तो सूरज भी छुप जाया करता
13:58चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा चाजाता
14:02तुरकिस्तान से निकल कर शाहीनों की तरह आगे ही आगे बढ़ते चले गए
14:08तुश्मनों के सीनों पर वार करते चले गए
14:12एए माशाला उन दोनों भाईयों का भाई चारा बेमिसाल था
14:20दोनों ने एक दूसरे से लड़ने के बज़ाए इत्धात का फैसला किया
14:24और इत्धात भी ऐसा जो कई सदियों तक आने वाली नसलों तक बरकरार रहा
14:31एक भाई रियासत की अकल बना और दूसरा रियासत के लिए इनसाफ की तलवार
14:37दोनों ने साथ मिलकर आलम इसलाम के पर्चम को बलंद किया
14:42और एक अजीम और शान रियासत काइम की उन्होंने
14:47वो अपने मकसद और रियासत की बका के लिए खुद को कुर्बान कर देने से पीछे नहीं अटे
14:54अर्थरुल सरदार जब अपने रियासत में एक आली शान मौशरा तश्कील दे रहे थे
15:01तब चाइड सरदार खुरासान में लशकर की सरबराही कर रहे थे
15:07इस तरह एक दूसरे के शाना बशाना खड़े होकर
15:10इस अजीम रियासत को काइम किया उन्होंने
15:15माशाला
15:17माशाला
15:18माशाला
15:19इस किस्से से आपको ये सबख मिलता है
15:22कि हमेशा मुद्ध होकर एक दूसरे का साथ दो
15:28जिहाद सिर्फ और सिर्फ मैदान जंग में नहीं किया जाता
15:32फटाह की वज़ा यक जान और दो कालिब बनने वाले
15:37कभी भी अना का शिकार ना होने वाले
15:40जावाज हुआ करते है
15:45बहुत शुक्रिया तुर्गुत खाजी
15:47ए अलावदीन गोंचा तरदार तुम्हारी बहने कहा है
16:00मत पूछे बाबा दोनों अभी आजाएंगी
16:05जी वो बस अभी आती ही होंगी
16:12चलो ठीक है बैठते हैं
16:16बिसमिल्लाहर्रहमानराहीम
16:21देखो मैंने कहा था ना के हमें देर हो गई
16:27बाबा दस्तरखान पर बैठ चुके हैं
16:30मेरी वच्छा से देर नहीं होई
16:31इस देर की वच्छा तुम हो फात्मा
16:33बाबा देखे मैंने अपके लिए क्या बनाया है
16:37है खुश्बू तो अच्छी नहीं आ रही
16:42बाबा भी ये खा कर देखे जो मैंने बनाया है
16:45अच्छा लग रहा है ना
16:49खा कर पता चलेगा
17:06बाला देख रही हो हमारी बेठियां मेरे लिए खाना मना कर लाई है
17:10जी हाँ माशाल्दा मेरी बेठियों माशाल्दा
17:14खा कर देखता हूँ
17:19खा उंगा तो फैसला कर पाऊंगा मैं
17:23छोड़ो इसे छोड़ो मैं और आलकन देखते हैं इसे
17:28अरे रुख जा रुख जा बैठ जाओ
17:31कहीं नहीं जाओगी तुम दोनों मेरे पास बैठी रहोगी बैठ जाओ
17:35तो चलिए मिलकर खाएंगे
17:38देख रहे हैं आप गोंजखा दो
17:42ये हमें पहले ही भूल चुके हैं
17:46सबर करो
17:47सबर करो लाउटीन जलो मत अपनी बेहनों से
17:49मेरी बेठीों ने बहुत मेहनत की है
17:52आप पीश में कुछ नहीं बोलेंगे लाउटीन
17:54वालिदा क्या आप भी
17:56अब मुझसे ऐसा कहेंगी
17:57कोई कुछ मत कहें मेरी बेठीों के बार में
18:26अब मुझसे लाउटीन
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