00:18बक्ता बक्ता डोलां समोर जिवलग मित्र लोकल मधुन पडला
00:22केतन सरोज ये तरुणान मुम्रा इतले अपगातात जीव गमावला
00:27यावली तच मित्र हतेच सोबत होता
00:30नेमक तेवा काई घडल पहा
00:52रोच से डेली ये नहीमीचा काम
00:55अजसा प्रवास मिजेते करो सरोज केतन साथी महा भएंकर ठरला
01:03इकड़ुन जानार हे सगले प्रवासी आनी समोर नियनार हे प्रवासी
01:09तर थोड़शा धक्का भुक्या मुले घटना घडली
01:13पन रेल्वे मदे सग्लेच जन पोटपाने साथी इकड़े तिकड़े जाते तास्तततततत्त 59S में आतमते भुषततत अं जन्छा नार बेटली तोड़शा लटकततत्तत्तत अपना जीवास में अधक्वासन ते दरवाचा लटकततत्तत्त
02:08अनी त्यचा मदे जार अमी रोज ज़र नॉर्मल गर्दी रहते
02:13केतन अनी मी माझा गर्दी खाली होते है खाल
02:17खाली होते सब्सक्तव और नियुकॉश को सल्कите अनी रहते हैं
02:20कि यह ममै पूल लोज द आख काल्या को माझा बहते हैं
02:21सक छल्री टिब लेकोग specifically साढ़े
02:28अटिक्या माला अन्मी गर्मोन गर्म होते हैं
02:34तर त वाल या खुटा तुन पाड़ी लाग। तौन तर दियौस राता शौटा मुख्या घरधी चालई एन।
02:42ऑप्षे जातने लौकात बाष्ट मदें चड़ता थी कोई मे जातने लौकाता थी यह नहीं चलवए जादनी बाड़ी भार्यन की तुपन होता
02:59तर तोपन हुब अजयन कि तिकुरून ने जसर दीवायूरून गाड़ी तो अहीं शाज जाली कारण कि मुंबरा चलंद करण वेला हौल्ट नहीं है, तारेट करण लखाएं लगाड़ी तो यृट थी यृट रपास्ट मादे होता तीटिके, तो अमिध जौबल जातो रोच
03:29वोलमस्ट पॉब्लिक चर्ड लिए लाटक लेयर आयग हो तएक दोन जनावागी तिक है।
03:42किमक्रून का एक मानस्वा तटी बैग होती हिक है तो मांस का बैग होती है।
03:45टो पार्टर माहाच खालि नहीं हे सिर्म झा। लक्रोसिंग आथा qu
04:11येका चो इतो फाटले डारेक तो डारेक पुरुमाल घूनस डारेक बसला तुक तया जागयावा तला पानी वगेर दिला आणी माक्चे डब्यात पन तीन चा जना नेक ताई जना दिवावर पन पढले
04:25दिपक तुला विचर राईज होता नेमकाहा सम्पूर्ण प्रसंग घृढा तु मंजे जा ठिकानी उबा होताई त्या ठिकानी एक डोर आशेल आणी तजा पूर्चा काई डब्या मदे एक डोर आशेल पाहिला पाहिला तर एका डब्या दोन दर्वाज आसता तुम्चा त्
04:55के लिजा राषाली देली नहीं नहीं लोकली पार दील लोकली यह थामगली नहीं दाल
04:59तीकड़ पर नंतर आमी तिकड़ उतावलो आणी तिकड़ पन माक्चा डॉर ला एक दौन जखमी होते तो एक जन डारेक्ट बेशुद्ध पडला तो माक्चा डॉर वाला मतला तिकड़ अमंग पुलीस अगरे आर्पीफ वाले वन्द तिकड़ पन जिता जन पडले त्या�
05:29दे चार मांस अबले तैज डबेहतली 3 दा चैन होडलीली तरी रेलवे थामली नुद्ध्या ची स्वपन पहाणारा केतन बक्ता-बक्ता गिला चैन खेचल्यानं अंतर लोकल थामली असती दर कदा चेत केतनला लवकर उप्चार मिलाली असतो तैच्चा नाथेवाई का न