00:00जब मर जाओंगा तपी पहले लोग पत्थर मार के जखेंगे कि सच मुझा मर गया
00:08कि अपने किया लेकिन मैं इसका आर्थ जानता हूँ पचात्तर रशे की साल जब उड़ी जाती है तो इसका आर्थ यह होता है कि अब आपकी आयो हो गई अब जराब आजो हमको करने
00:23आती हमने मैं अब जया होता है ंब दोड़ा करता है कि आता है कि अअच्छी त्येस वतार स्काली हैी तो यह साथ जिलता सुर्दी विजर्व को सच मार रोग तो शक्कतनारह गोर से शुझनागा है