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समोर युपी-बिहारी लोक, राज ठाकरेंचं हिंदीतलं पहिलं भाषण UNCUT3
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00:00बाशन करने की कोशिश करूँगा मैं पहली बार हिंदी में भाशन दे रहा हूँ
00:03हिंदी भाशा अच्छी है लेकिन हिंदी ये राष्ट्र भाशा है ये गलत है
00:10आ राष्ट्र के जो युवक है युवती जो है उनको यहाँ पे पहला प्रेफरेंस मिलना चाहिए
00:15इसमें कोई गलती है क्या कि प्रदान मंतरी के लिए आपको हमारा श्यत्र चलता है
00:20लेकिन हमारे यहाँ पे जो युवक है हमारे यहाँ की जो लोग है वो बाहर काम करने के लिए क्यों जा रहे है
00:25युवक है महाराश्रक के जो लड़के है लड़किया जो है
00:28मैं महाराश्रक का हूँ
00:30मुझे लगता है कि मेरे राज्य में पहली पहला प्रेफरंस मेरे बराथी लोगों को मिलना चाहिए
00:36अगर उसमें से बचे तो बार के लोग आके उनका उनकरी कर सकते
00:40किसी भी राज्य में हम लोग जाएं तो मुझे लगता है कि उस राज्य का मान रखना चाहिए
00:45पहले उस राज्य की भाशा सीखनी चाहिए
00:51जब परदेश जाते हो तो क्या करते हो हिंदी में बार करते हो
00:55मेरे भाई और बैनो
01:10एक दिन मैं घर पे बैठा था तो हमारे संदीब देश्पांडे जी उन्होंने मुझे कहा कि एक विनाई दुबे है उनको आके आपको मिलना है
01:34तो मैंने कहा मैंने अभी तो कुछ बात की ही नहीं है
01:39तो क्यों मिलने आ रहे है तो बोले नहीं उनको कुछ आमंद रण देना है
01:46तो मैंने कहा ठीके लेके आईए
01:48तो भी नहीं दुबे जी और उनके सहकारी जो है थे वो मेरे पास आएं
01:54उन्होंने मुझे ये कहा कि उत्तरप्रदेश बिहार के जो लोग हैं उनके बीच में
02:02जो गलत फैमिया है आपने कहा कुछ और है उनको बताया कुछ और है
02:12बीच में जो कुई आंदुलन हुए उसमें जो कुई मार पिट हुई वगरा वगरा ये सारी चीजों के उपर कुछ प्रश्ण है
02:23तो अगर आप सोयम आके वहाँ पर बात करें उन लोगों के साथ तो बहतर होगा उसके बीच में
02:33इतने से हॉल में आवाज नहीं आ रही है मेरी
02:40तो हुआ ऐसे था बीच में कि एक गुजराती समाज के लोग मुझे आके मिले थे
02:50मिस्टर जैश वालिया यहीं पर बोरियूली में ही था वो प्रोग्राम
02:58उनका भी यहीं कहना था
03:01तो मैं वहाँ पर गया था फिर उसके बाद मुझे पुना में बुलाया था
03:08कोई गुजराती और मरवाड़ी लोग थे तो उन्होंने भी मुझे बुलाया था
03:12तो वो सामने रखते हुए विने दुमेजी मेरे पास आएं और उन्होंने कहा कि अगर आप उत्तर भारतियों के सामने आके आपकी बात कहें तो बहतर होगा
03:23मैं बला ठीक है मुझे क्या हो जो आता हूँ वो जो गुजराती लोग थे गुजराती समाच के लोग थे उन गुजराती समाच के लोगों के सामने पुना में जो गुजराती और मारवाड़ी समाच के लोग थे उनके सामने मैंने जो भाषणी दिया था वो मराठी में दिय
03:53आज आपके बीच में आ रहा हूं मैं सिर्फ आपी की बात होती ही तो मैं माराठी में भाशन कर लेता
04:01लेकिन विने दुबेजी ने मुझे कहा था कि ये आपका जो भाशन है
04:06ये भाशन हमें उत्वरदेश में बिहार में सब लोगों को दिखाना है
04:11उनको बताना है कि आपकी बूमी का असलियत में क्या है
04:14तो इसलिए मैं हिंदी में भाशन करने की कोशिश करूगा
04:22मैं पहली बार हिंदी में भाशन डे रहा हूं
04:33कुछ गलत फैमिया
04:34भाशा के अनुसार आपके बीच में भी होगी
04:38जो सच है
04:40सच तो कड़वा होता है लेकिन
04:42मुझे लगता है कि आपको समझना चाहिए वो भी
04:44हिंदी भाशा
04:46यानि मैं जब
04:48स्कूल में था तो मेरी
04:49तब से मेरी हिंदी अच्छी है
04:52मुझे पता है कि
04:56कौन से अक्षर के नीचे नुक्ता देना है
04:58वो इसलिए क्योंकि मेरे पीता जी
05:08जो थे उनकी
05:10उनकी हिंदी अच्छी थी उनकी सबसे ज़्यदा
05:12वो बोल सकते थे
05:14लिख सकते थे समझ सकते थे
05:16वो भाशा थी उर्दू
05:18तो इसलिए उनके कारण मेरा
05:23थोड़ा बहुत हिंदी ठीक्ठा हुआ
05:25और दुसरा कारण है फिल्मे
05:27हिंदी भाशा अच्छी है
05:34बहुत सुन्दर भाशा है
05:37उसमे कोई संदे नहीं है
05:40लेकिन हिंदी ये राश्ट्र भाशा है
05:45ये गलत है
05:46क्योंकि राश्ट्र भाशा का निर्णे
05:54कभी हुआ ही नहीं
05:56ये जो मैं बोल रहा हूँ
05:59अभी इंटरनेट है
06:01सारी बहुत सारी चीज़े है
06:02जाके आप देख सकते हैं
06:04समझ सकते हैं
06:06तो जैसे हिंदी भाशा है
06:09वैसे ही मराटी भाशा है
06:10वैसे ही तामिर भाशा है
06:11वैसे ही गुजराती भाशा है
06:12इस राश्ट्र की भाशा है
06:14ये सारी भाशाएं हैं
06:17लेकिन आपके प्रदेश में
06:22आपके लोगों को कुछ मेरी बातें समझानी हैं
06:25इसलिए मैं आज हिंदी में भाशान करूँगा
06:28कुछ गल्तिया हुई तो समझ लेना
06:35मैंने उनसे कुछ सवाल मांगे थे
06:43आपके मन में क्या-क्या सवाल है
06:46वो एक बार मुझे लिख के दे दे
06:48ताकि मैं उन सवालों के उपर मैं कुछ बात कर सको
06:52जो भी कुछ सवाल आये हैं मुझे
06:58कि वो
06:59रिल्वे एक्जाम के वक्त जो
07:02यहां पे हुई मारपिट हुई
07:04जो फेरी वाले हैं
07:10उनको भी इसी चीज़ का सामना करना पड़ा
07:15हमारे लोगों से
07:16मुझे लगता है कि एक पहली बार हम लोग
07:21हमारा देश समझ ले
07:27कि हमारे देश
07:28हमारा देश
07:29हमारी देश की घटना क्या है
07:31हमारा देश कहता क्या है
07:33हमारे देश के कानून क्या है
07:35वो एक बार अगर हम लोग समझ ले तो मुझे लगता है कि बाकी चीज़े समझने के लिए बहुत आसान रहेगी
07:40लोग कहते हैं कि राजठाकरे और उसके पार्टी के लोग जो है उनके महाराश्य सैनिक जो है वो समवीधान का अपमान करते है
07:54समवीधान में तो ये लिखा हुआ है कि इस देश का आदमी कहीं भी जा सकता है कहीं भी घुम सकता है कहीं भी रह सकता है
08:02वो जो Interstate Migration Act जो है उसके बारे में कहते हैं मुझे लगता है कि Interstate Migration Act किसी ने पढ़ाई नहीं है
08:11हम लोग बस एक हवा में बात करते हैं
08:14कि इस देश का आदमी कहीं भी जा सकता है
08:16कहीं भी रह सकता है
08:17कुछ भी कर सकता है
08:18ऐसा वो नहीं कहता
08:19अगर वो काईदा अगर आप पढ़ ले ठीक से
08:26तो उसमें आपको पता चलेगा
08:28कि अगर आपको एक राज्य छोड़ के
08:31दूसरे राज्य में आना है
08:32अगर आप आते हो
08:35तो आने के वक्त आपको पहले
08:39पुलिस टेशन में आपको बताना पड़ता है
08:41कि आप कौन है
08:42किस काम से आये हैं
08:44आप कहां रहने वाले हैं
08:47आपको अगर जॉब मिली है
08:48तो किसने आपको जॉब दी है
08:50उसका एक सर्टिफिकेट लगता है
08:52यह सारी चीज़े उसमें दी है
08:53हम लोग सिर्फ एक ही बात पगड़ते हैं
08:57कि एक राज्य से निकले लोग
08:59और दूसरे राज्य में चले गए
09:00ऐसे नहीं होता
09:01जो असली तकलीफ जो है
09:08वो यहां से शुरू होती है
09:09मैं जो हर वक कहता हूँ
09:15आज देखिए मैं आज आज आपके सामने
09:17मैं क्लरिफिकेशन देने के लिए नहीं आया हूँ
09:18मैं मेरी भूमी का जो है
09:20जो मेरी भूमी का पहले से थी
09:22वो सिर्फ आपको हिंदी में बताने के लिए आया हूँ
09:24एक अबराहाम लिंकन का एक बहुत अच्छा सेंटेंस है
09:33बहुत अच्छा वाक्या है उनका अबराहाम लिंकन का
09:36कि कभी क्लारिफिकेशन मत देना
09:43क्योंकि जो आपके उपर प्यार करते है
09:48वो clarification की मांग नहीं करते
09:50और जो आप से दफरत करते है
09:56वो clarification सुनते ही नहीं आपका
09:59तो clarification क्यों दिना है
10:04लेकिन मुझे लगता है कि
10:09देश भर में जो भी कुछ घटनाएं हुई है
10:11वो मुझे लगता है कि हमें
10:13एक बार देखनी चाहिए समझनी चाहिए
10:15कि ये क्यों हो रहा है किसलिए हो रहा है
10:17मैं आज महाराश्रा की बात कर रहा हूँ
10:23महाराश्रा में महाराश्रा के आज
10:25अगर जनसंख्या देखी जाए तो महाराश्रा की
10:27जनसंख्या है साड़े तेरा करोड
10:29बहुत सारे लोग आज
10:35बाहर के राज्जों से महारा राश्रमें आते हैं
10:38खास करके उत्तरप्रदेश और बियार से लोग आते हैं
10:41मैं कुछ कोट्स लेके आया हूँ
10:48हमारे जो पुर्वर राश्रपती थे
10:52हमारे जो पुर्वर प्रदान मंतिर थे
10:55उनके कुछ कोट्स लेके आया हूँ मैं
11:05पुछता हूं इसका पता चल जाएगा आपको यह हैं अपने पुर्वर राष्ट्रपती राजेंदर प्रसाद जी का कहना यह उनका स्टेट्मेंट है
11:18कि यहां बुमी पुत्र मुद्दा आज का नहीं है
11:251938 में पहली बार राजेंदर प्रसाद जी ने भुद्वर राष्ट्रपती बिहार का सरवे किया था
11:33और एक रिपोर्ट लिखा लिखके उन्होंने वह कॉंग्रेस कारिक समीति के सामने रखा था
11:38उस रिपोर्ट में राजेंदर प्रसाद जी लिखते है हम जहां रहते है उसी क्षेत्र में हमें काम मिले यह अच्छा स्वाभाविक है उसे हम टाल नहीं सकते
11:48और उसके लिए नियम बनाना अगर वही नियम सभी राज्यों को हो कॉंग्रेस की विचार धरा की अनुसार ही है
11:57राजेंदर प्रसाद जी आगे लिखते हैं यहीं उचित होगा कि किसी प्रांत के स्थानीक लोगों को वही रोजगार और शिक्षा का उसर उपलब्द हो
12:05स्थानीक लोगों की ऐसी मांग हो को हम टालना नहीं चाहते और वह हम कर भी नहीं पाएंगे
12:15स्तानीक लोगों की इच्छा को सम्मान देना चाहिए
12:18दुसरा कोट है इंदिरा जी का लोकसभा का
12:23लोकसभा में उन्होंने जो कहा था वो कोट है
12:26और उन्हें कहा था कि यह सही है कि भारत का कोई भी नागरी कहीं भी भी जा सकता है
12:32काम कर सकता है
12:34फिर भी अगर बहुत भारी संख्या में अगर बाहर के लोग काम करने हितू आएंगे तो संगर्ष तो होगा ही
12:40उस राज़मे संगर्ष तो होगा ही
12:44मैं इस पे कुछ नियम बनाने के पक्ष में नहीं हूँ
12:48फिर भी इसमें कुछ संतुलन बनाना चाहिए
12:51और किसी भी हालत में स्तानी लोग रोजगार से वंचित नहों ये देखना चाहिए
12:56मैं जो कहता हूँ इससे अलग क्या कह रहा हूँ मैं
13:03अगर महाराष्ट्र में रोजगार उपलब्द है तो महाराष्ट्र के जो युवक है युवती जो है उनको यहां पे पहला प्रेफरेंस मिलना चाहिए इसमें कोई गलती है क्या
13:16कल अगर उत्तर प्रेफरेंस में इंडस्ट्री जाती है उद्योग आते है तो पहला प्रेफरेंस उत्तर प्रेफरेंस के लोगों को मिलना चाहिए वहां के युवाओं को मिलना चाहिए अगर बिहार में इंडस्री जाती है तो पहला प्रेफरेंस उनको मिलना चाहिए इसम
13:46हम लोग कहते हैं मैंने एक बार कहीं एक भाषण में कहा था
13:50कि भारत एक यूरोप जैसा है
13:53अगर हर प्रांत की भाषा देखी जाए तो अलग है
13:57हर प्रांत का अगर पहराओ देखा जाए कपड़े अगर देखी जाए वो अलग है
14:02सलस्कृती अलग है
14:04खाने पीने की बाते अलग है
14:07तो ये जो भारत है ये भारत भी यूरोप जैसा है
14:13वहाँ पे भी एक अलग-अलग राज्य है
14:15जिसे अभी इंगलेंड बाहर निकला वो बात अलग
14:17लेकिन अलग-अलग राज्य है उनकी करंसी एक है
14:20भारत भी वैसा ही है
14:22जिसे हम लोग राज कह रहे है वो असलियत में एक-एक देश है
14:26जिसे बांदा हुआ है जिसे हम लोग भारत कह रहे है
14:31पहली गलती तो वहां पर है जहां पर उत्तरप्रदेश के राजनेता जो है
14:40वो आपके यहां पर उद्योग ना ला सके
14:42बिहार के जो राजनेता है वो वहाँ पे उद्योग ना ला सके
14:48अगर ठीक से हम लोग सोचे तो देखिए
14:52कि भारत के जितने भी प्रदान मंत्री हुए हैं
14:56उसमें से कम से कम सत्तर से अस्री टका प्रदान मंत्री उत्तर प्रदेश से है
15:01पड़े जवाला लेरू
15:05लालबादुर शास्त्री उत्तर प्रदेश इंदी राजी उत्तर प्रदेश राजिव गांधी उत्तर प्रदेश सोनिया गांधी उत्तर प्रदेश रावुल गांधी उत्तर प्रदेश अटल विहारी बाच्पई उत्तर प्रदेश विपी सिंग उत्तर प्रदेश
15:21अटल बियारी बाच्पई उत्तर प्रदेश और नरिंदर मोदी
15:28यह जो बाते हैं यह जो सवाल है आप यह जो मुझे पूछ रहे हैं आप उनको क्यों नहीं पूछते
15:43कि प्रदान मंत्री के लिए आपको हमारा श्यत्र चलता है लेकिन हमारे यहां पे जो यूवक है हमारे यहां की जो लोग है वो बाहर काम करने के लिए क्यों जा रहे है इसका किसी के बाद जवाब नहीं है
16:01मैं अगर मेरी महाराश्र के मेरे यूवकों को जो यूवक है महाराश्र के जो लड़के है लड़किया जो है
16:12मैं महाराश्र का हूँ मुझे लगता है कि मेरे राज जम्य पहली पहला प्रेफरंस मेरे मराठी लोगों को मिलना चाहिए
16:20अगर उसमें से बचें
16:22तो बार के लोग आके
16:23उनकरी कर सकतें
16:25किसी भी राज़े में हम लोग जाएं
16:30तो मुझे लगता है कि उस राज़े का
16:32मान रखना चाहिए
16:33पहले उस राज़े की
16:38भाशा सिखनी चाहिए
16:40जब परदेश जाते हो
16:46तो क्या करते हो हिंदी में बात करते हो उनकी भाषा में बात करनी पड़ती है तो शुरुआत तो मुझे लगता है कि यहां से शुरू होती है अलग-अलग चीज़े हैं लेकिन मुझे इस बात का ताज़ुब है कि जो महाराश्व में जो हुआ
17:09उसका चित्र जो देश भर खड़ा किया खास करके दिल्ली में बैठे हुए मीडिया के लोग
17:22तो जो बाकी राज़ों में हुआ उसके बारे में चर्चा क्यों नहीं होती
17:26आपको शायद पता नहीं होगा लेकिन एक गोवा के मंत्री थे
17:35आई थिंग नाइक रभी नाइक वहाँ पे बिहार से एक गोवा एक ट्रेन शुरू कर रहे थे
17:49एक रेलवे शुरू कर रहे थे तो उन्होंने एक स्टेट्मेंट किया था कि हमें भीकारियों की ट्रेन यहाँ पे नहीं चाहिए
17:58तब किसी को अपमान नहीं लगा तब किसी का खून नहीं खौला
18:09तब मीडिया वालोंने कुछ सवाल नहीं पूछ है
18:11अब हिस्त्री देखिए अगर आसाम में देखेंगे यहाँ तो कुछ नहीं हुआ
18:22अगर आसा में देखेंगे तो आसा में तो बिहारीयों के उनकी गर्दन काटी गई थी
18:28उनको मार डाला था
18:31एक बहुत बड़ा अंदुलन वहाँ पे आसा में हुआ था
18:35कि बिहारीयों को हटाओ
18:37उसका भी कुछ नहीं हुआ
18:41उसके बारे में भी कोई बीडिया के लोग पत्रकार कोई बात करना नहीं चाहते
18:47एक बार वो कौन अरनब गोस्वामी वो मेरे पास आये थे
18:57और उन्हेंने शुरू कर दिया यह
19:00उत्तब्रदेश और बिहार के लोग जो आते हैं वगरा वगरा वगरा वगरा
19:04मैं बोला अरनब एक मिन ठेर
19:05पहली बात मेरे को ये बता तू तो आसाम ही है
19:11तो आसाम में क्या हुआ उसका जवाब पहले तू मुझे दे
19:16बाद में मैं तेरे को देता हूँ
19:17हम दूर क्यों भटक रहे हैं अब भी एक मेहने पहले तो गुझराच से निकाल दिये थे
19:33दस-पंद्रा हजार लोग तो मुंबई आ गए हैं ये अच्छा है
19:44किसी राज्य से निकाल दिये जाए तो मुंबई चले आते हैं वापिस उस राज्य में नहीं जाते
19:52पहले से बोज क्या कम है इस राज्य के उपर
19:56लेकिन वो सवाल कभी आप नरेंद्र मोदी को नहीं पूछेंगे दो दिन चली वो निउस उसके बाद खतम
20:10मेरे बारे में कितने दिन चल रही थी
20:13अभी भी कुछ-कुछ लोगों को बीच में अटैक आ जाते हैं तो इकल देते हैं
20:21लेकिन वो गुजरात की द्यूज दबाई गई उसका आगे कुछ नहीं हुआ किसी वहां के मुख्य
20:28मंद्री को सवाल नहीं पूछे गए ना दरेंद्र मोदी को ना वो अमिच्छा को ना और किसी को सवाल नहीं पूछे गए
20:34वहां पे तो सब लोगों को मारा था गुजरात में सब लोगों को भगा दिया ट्रेन में बिटा बिठा कर बाहर दिकाल दिये
20:52अब मैं मेरे आंदोलन पे आता हूँ
20:54जहांसे यह शुरुबात हुई थी वो था रेलिवे का आंदोलन
20:59महाराश्रा में रेलिवे के जो जॉब्स है जो महाराश्रा के लोगों को मिलने चाहिए थे
21:08उसका इश्तिहार किसी भी महाराश्रा के मराठी नियूस्पेपर में कभी छपआया नहीं
21:14महाराश्रा के किसी नियूस्पेपर में छपआया नहीं
21:16किसी English newspaper में आया नहीं
21:19महाराश्र में इस तरह के jobs हैं
21:24इस तरह की नोक्रिया हैं
21:25इसके इश्टिहार कहां पे आ गए
21:27उत्तर ब्रदेश में और बिहार में
21:29क्यों महाराश्र में क्यों नहीं
21:30मुझे लगता है उस वक्त लालू यादो
21:39लालू यादो थे
21:41रेल्वे मिनिस्टर और वहां से आ गए
21:47सब यहां पे मुंबई में आ गए
21:49सब रेल्वे स्टेशन भरे हुए है
21:52रोड्स भरे हुए है उसके सारे फोटो
21:55फोटोग्राफ सब न्यूस्पेपर में आ गए
21:56मैं सोच रहा थे यार यह आये क्यों है
21:59फिर हम लोगों ने पुछताश की
22:01तो उन्हें पता चला कि वो रेल्वे बोर्ड के
22:03एक्जाम के लिए आये है रेल्वे के नोक्रियों के
22:05एक्जाम के लिए आये यह क्यों आए
22:07फिर यहां पे क्यों नहीं पता चला
22:10इसके पहले भी हम लोगों ने
22:13किंद्रिय मंतरी थे उनको हम लोगों ने लेटर्स बहिंचे थे
22:16कम से कम चार या पांच कि जिन जिन राज्यों में नोक्रिय हो गी कि सेंटर की उन राज्यों के लोगों को मिलनी चाहिए
22:25चार या पांच लेटर्स हमने भेजे थे हमारे लोग जाके मिलके भी आये थे उनको बुले हम लोग करेंगे करेंगे करेंगे
22:34और फिर उससक्त जो माहूल जो भरक गया
22:43मुझे जो कहना था कि मैंने उससक्त कहा कि अगर इनको मिलना चाहिए
22:55इनको नहीं मिलने चाहिए तो हमारे लोग जाके उनके साथ उन्होंने बात की
22:59कि आप यहाँ से अभी के अभी आप चले जाहिए
23:03यहाँ अगर jobz है तो यहाँ के लोगों को मिलने चाहिए
23:06जब यह बात करने के लिए जब हमारे लोग उनके साथ गये
23:12तो उन्होंने जिस भाषा का प्रयोक किया
23:14प्रयोग किया वो अगर भाशा का प्रयोग अगर आप सुनते आप भी खॉल उठते जो यहां पर आए थे वो अगर उस भाशा का प्रयोग करेंगे तो हमारे आपको क्या लगता है हमारे लोग के हाथ पे हाथ रखके बैठेंगे
23:29कल अगर यहीं बात उल्टी हो गई पकड़ लोग
23:37कि मरठी लोगों ने जाके अगर रुत्तर नुदेश में या बिहार में इस तरह की बात की
23:42आप क्या करेंगे
23:44आरती उतारेंगे
23:52संगर्ष तो वहां से शुरू हुआ
23:53और उसके बात जब ममता बेनर जी जब रेल्वे मंत्री बनी उनके पास भी हमारा लेटर गया
24:03और पहली दफा ममता बैनर जी जो रेल्वे मंत्री थी
24:07उन्होंनों ये आदेश निकाला कि जिस राज जम्हें नौकरियां हैं उस राज जके लोगों को वहाँ पे नौकरी मिलनी चाहिए
24:16और अगर वहाँ पे जो एक्जांस होते हैं, वो भी उस राज्य के राजभाशा की तरह होनी चाहिए, उसी लाइंग्वेज में होनी चाहिए
24:23अब मुझे एक बात बताईए, कि यहीं बात मैंने लेटर में लिखी थी
24:31अगर एक पत्र से समझ में नहीं आता
24:34तो संगर्श तो हो गई, वो तो अटल है, उसका कुछ नहीं हो सकता
24:46मुझे तो सिर्फ सवाल पुछने आप लोगों को, उत्तर प्रदेश के और बिहार के लोगों को मुझे सवाल पुछने
24:51आपके यहां के राजनेता कुछ नहीं करते
24:53आप बाहर जाते हैं बाहर जाके
24:55आपको इस संगर्च का सामना करना पड़ता है
24:58आपको नहीं लगता कि आप हर जगा जाके अपमानित होते हैं
25:02आपका सुभीबान कहा है
25:08आप आपके राजनेताओं को कभी पूछेंगे नहीं
25:13कि हम लोग जब बाहर जाते हैं तो हमें जिल्लक की जिन्दगी जीनी पड़ती है
25:19लोग गालिया देते हैं मारपीट करते हैं
25:25वहाँ के लोगों को अगर अभी तक उनके वहाँ पे लोगों को रोजगार नहीं है
25:28हम लोग वहाँ पे जा रहे हैं
25:30और यह सिर्फ उत्तरप्रदेश, बिहार, महाराश्चर, गुजराती
25:38यहीं तक यह बात नहीं है
25:39यह पूरे दुनिया में हो रहा है
25:41यह हर जगा पे हो रहा है
25:44और इस बात को हमें समझना चाहिए
25:51कि हमारे लोगों को
25:52अगर आपके, अरे मैं बिहार में अगर देखे जाए
25:56अपने यहाँ पे जो पहली यूनिवर्सिटी बनी वो तक्षेशीला
25:59जो पार्टिशन के बाद अभी पाकिस्तान में चले गई
26:04दूसरी जो यूनिवर्सिटी बनी
26:07वो नालंदा जो बिहार में थी
26:10तिस्री यूनिवर्सिटी बनी
26:17वो थी बारा सो में
26:20बारा सो नब्बे या कहीं उस बग आउक्सफर्ड
26:23अंगरे लोग, कुछ लोग, कुछ प्रोफेसर्स
26:32उसके बाद एक फ्रांस में एक यूनिवर्सिटी बनी
26:34तो कुछ लोग, फ्रांस की उनिवर्सिटी में चले गए थे
26:38और वहाँ पे भी यहीं संगर चुआ था
26:41कि फ्रांस के उनिवर्सिटी में जो सिखाने वाले जो प्रोफेसर्स हैं
26:45वो फ्रांस के होंगे
26:46इंगलेंड के नहीं होंगे
26:48Britishers नहीं होंगे
26:49तो Britishers उंको बाहर निकाल दिया गया
26:51जो गए थे
26:55वो वापिस आ गया आक्सपर्ड में
26:57अभी जो आक्सपर्ड में जो थे
27:00उनके लिए तो वो मुहाजिर थे
27:02ये तो बाहर जाके आए
27:05बाहर से अभी अपनी यहां पर इंग्यूर्सिटी में आए
27:18तो उनको पता चला
27:20तो वो बाहर निकले और बाहर निकलने के बाद
27:23उन्होंने एक उनिवर्सिटी खोली
27:24जिसका दाम है Cambridge University
27:27बहिए आपको क्यों कह रहा हूँ
27:30क्योंकि ये आज से नहीं
27:32ये सालों सालों से चल रहा है
27:34हर जगा चल रहा है
27:35कि अगर मेरे बच्चे अगर मेरे यहां पर लोग
27:37अगर भुके रहेंगे उनके हाँ को काम नहीं मिलेगा
27:40उनको नोक्रिया नहीं मिलेंगी
27:41और वो देख रहे हैं कि बाहर के आके
27:44लोग यहां पर अगर बस रहे हैं
27:46और काम कर रहे हैं
27:47इन्होंने मुझे किसे इसमें सवाल किये हैं कि जो उत्रप्रदेश से लोग आते हैं बियार से लोग आते हैं वो सबजिया बेचते हैं तरकारी बेचते हैं वाच्मन में बनते हैं कम सैलेदी में वो काम करते हैं मराठी लोग काम करते हैं क्या आईए मेरे साथ मैं दीखाता ह
28:17तरकारी बेच रहे हैं, मंड़ई में जाएगे कभी, मार्केट में, आपको मराठी लोग ही मिलेंगे
28:23बहुत जगाओं पे हमारी मराठी औरते बैठी रहती है
28:28यह जो फेरी वाला का जब अंदलन जब हुआ, उसके बाद बहुत सारे ऐसे मराठी लोग भी मेरे पास आए
28:34लेकिन जहाँ पर लीगल नहीं था, वो मेरे पास आए कि हमें बैठने दीजिए
28:41मैं बोला जहाँ पर लीगल नहीं है, वहाँ पर कोई नहीं बैठ सकता
28:43तो जो मैंने मुझे समझाना था, वो आपको भी वहीं समझाना था, उनको भी मैंने वहीं समझाया
28:58और फेरी वाला के अंदलन में भी यहीं हुआ था, कि हमारे लोग जब उनको समझाने के लिए गये, बताने के लिए जब गये
29:03उन्होंने जो भाषा का प्रयोग किया
29:06और दिखाने के लिए आपके जो नेता लोग यहां पे कहते हैं
29:12कि हम लोग उत्तर भारतियों के नेता जो है
29:14उन लोगों ने इन सारी चीजों में जो आग लगाई
29:18उसके बाद ये संगर्श शुरूआ
29:20मुझे लगता है एक बार अगर आप अपने भी गिरेबान में जाग कर देखेंगे कि क्या हो रहा है
29:30तो मुझे लगता है कि ये संगर्श का कोई मतलब ही नहीं है
29:33आज इंडस्ट्री महाराश्र में इतने सालों से क्यों रह रही है
29:42क्यों आ रही है
29:43क्योंकि यहां के मराठी लोगों ने जो सुसंस्कृत मराठी जो लोग है
29:48उन लोगों ने यहां की जो भूमी तयार की उसकी वज़े से बाहर की बहुत सारी इंडस्ट्री महाराश्र में आ रही है
29:55मुझे लगता है कि ऐसी कोई सुशन स्कृत उत्तर प्रदेश में लोग नहीं है ऐसी बात नहीं है बहुत सारे लोग है उनको एक बार यह सोचना चाहिए कि उनके जो युवा है जो युवती है उनके भविश्य के लिए यहां पे लोग आने चाहिए इंडस्री उत्तर प्र�
30:25आप मुंबई महाराश्रम में चले आएं आप मालूम नहीं क्या करना है अब बस गए जोपर पट्टी के उपर जोपर पट्टी बंद रही है मुंबई में ठाना में हर जगा पे
30:36आपको मालूम है उत्तर देश बिहार और सिर्फ जारकंड से तिन राज्यों से महाराश्रम में रोज रोज अर्ताली स्ट्रेन आती है
30:48अर्ताली स्ट्रेन रोज आ रही है भरके आ रही है खाली जा रही है
30:56एक शहर होता है एक राज्यों होती है उसके एक कपासिटी होती है उसके एक शमता होती है
31:07उस शमता के बाहर अगर लोग सिर्फ आते रहेंगे तो जो रह रहे हैं पहले से वो कहा जाएंगे
31:14जैसे मराठी लोगों का तो है ही महाराष्टर लेकिन इस महाराष्टर में रहने वाले ऐसे बहुत सारे तीन जनरेशन चार जनरेशन ऐसे
31:26उत्तरदेश के भी लोग है बियार के भी लोग है गुजराती भी है मारवाड़ी भी है चार चार पाच पाच जनरेशन यहां पे रह रहे है वो समझ सकते हैं मैं क्या बोल रहा हूँ आज इन शहरों की जो हालत बनी हुई है लोगों को स्कूल में एडमिशन्स नहीं मिल रहे
31:56रोड्स कम पढ़ रहे हैं ट्राफिक बढ़ रहा हैं और सबसे बड़ी बात जो बाहर से जितने लोग आए हैं यहां पे आज जितने पुलिस यहां पे आई हुई है कभी एक बार उनको जाके पूछ लीजिए माहराश्रा पुलिस को जाके पूछ लीजिए आपका सबसे ज
32:26वो सबसे जादा अगर वो इन्विस्टिकेशन उनका चल रहा है तो वो उत्तब्रदेश, बिहार, जारकरण और बांग्लादेश की बॉर्डर पे चल रहा है यहाँ पे क्राइम करते हैं और वहाँ पे चले जाते हैं
32:3995 के पहले ऐसी हलत नहीं थी लेकिन 95 में यहाँ पे एक बार अश्र में स्कीम आई
33:00जोपडपटी वालों को मुफद घर
33:0295 के पहले की मुंबई अलग थी, 95 के बाद की मुंबई अलग है
33:09मुंबई ठाना 95 के अलग अलग था, 95 के बाद अलग है
33:13माराश्रा के हर शहर में जाएंगे, पुरा में जाएंगे, हर जगा जाएंगे
33:18तो 95 के पहले अलग है, 95 के बाद अलग है
33:21इतने वहां से लोग आए अच्छा मुंबई में फोकड घर मिल रहा है
33:25उसमें बहुत सारे जो लोग आए वो आए हुए लोग कौन है
33:33जो यहां पर सीख रहे हैं जो यहां पर नौकरी कर रहे हैं
33:37अच्छी तरह से नोकरी कर रहे हैं वहां पर संगर्श की कोई बात नहीं है लेकिन जो सर्फ क्रिमिनल्स यहां पर आ रहे हैं अगर उस राज्जों से आ रहे हैं राज ठक्रे बरदाश्ट नहीं करेगा
33:49हमारी मा बेनों की इज़द कोई चारा पे रखी नहीं हमने
33:59कि कोई भी यहां बाहर से आता है जो टैक्सी वाला बोलता है टैक्सी चलाता है और टैक्सी चलाते चलाते हमारी मा बेनों को अगर वो गाली देगा कौन साएगा
34:10आज महाराश्चा में जो मुसलमान रहते है, जो महाराश्चा के मराठी मुसलमान है, जो आप देखिए बहुत सारे इलाकों में रहते है
34:22दंगे वहां पे कभी नहीं होते
34:24जो बाहर से आये हुए जो मुसल्मान है बाहर के राज्जों से आये हुए मुसल्मान है दंगे वहाँ पे होते है
34:31मुझे याद है एक बार आजाद मैदान पे एक मोर्चा निकाला गया था
34:37कोड होते थे रजा कदमी के उनका एक मोर्चा निकाला हुआ था
34:43मैंने जब बाद में पूछता श्की मैंने पुलिस से तो सब उसमें से कम से कम 98% 98% जो मुस्लिम्स थे आये हुए जिनों ने
34:57मीडिया की वैंच जलाए थे पत्रकारों के यहां पर मारा था यहां के पुलिस को मारा था
35:04पुलिस जो महला हैं हमारी जो बहने हैं उनके इज़्जत पर हाट डाला था जो भी लोग थे वो बाहर के लोग थे आपको क्या लगता है वो हम लोग से हैं
35:16वो सब थे आजम गड़ प्रताप गड़ वगरा यहां से लोग आये थे यहीं बात उल्टी करके एक बार देख लीजिए कि अगर यहीं बात आपके प्रदेश में अगर उत्तर प्रदेश में हो या ब्यार में हो आप क्या करेंगे
35:36मुझे लगता है कि आपको भी इस बात पर सोचना चाहिए
35:49संगर्च होता कब है ऐसी बात नहीं है कि मुझे कोई बाकी कोई सोच नहीं है बस संगर्च करो
35:56जो मैं कहता हूं जो मैंने बाते मराठी में की थी वहीं आपके सामने में आज मैं हिंदी thoughts में रख रहा हूँ
36:05आज आज मैंने यहां पर दोस्त हुए है यहां पर कई बैठे होंगे
36:08मिस्टर यह देखिए है
36:09खड़े हो जाई उबर आ
36:11यह इनका नाम है
36:14मिस्टर सुरेज गुपता
36:15यह कम से कम
36:1940 साल से मेरे दोस्त है
36:2030 साल से तो है ही है
36:22अगर हर जगा बैं नफरत की
36:29आँखों से देखता है
36:30यह क्या दोस्त रहे थे कैं मेरे
36:32यहां पर एक
36:36यहां पर एक बहुत बड़े सिनियर पत्रकार बैटे हैं
36:39अमरिश बिशुरा
36:40टाइमस आफ इंडिया के
36:42मराठी लोग नहीं बोल सकते
36:47उतनी उत्तम मराठी यह बोलते है
36:49मेरे पार्टी के उपाद्यक्ष
36:57वागिश सारस्वत किदर है
36:59यह देखिए
37:00क्या रहते का यह वो मेरे साथ
37:04मेरी जो सोच है वो बहुत सीधी है
37:13बीच में कुछ लोग आये थे मेरे पास
37:16एक युगांडा में रहने वाले
37:18मराठी लोग जो थे
37:19उनको मेरी तरफ से कुछ संदेश चाहिए था
37:22तो मैंने उनको संदेश लिखके भेजा था
37:25शायद लिखके नहीं मैंने बोल की भेजा था
37:28और मैंने उनको कहा था
37:31जिस देश में रह रहे हो उसकी भाषा सीखो
37:34उसकी संस्कृति सीखो
37:35उसके हिसाब से रहो
37:36आप जिस प्रदेश
37:43आप जिस प्रदेश में जा रहे हो
37:47उस प्रदेश की भाषा
37:49उस प्रदेश की भाषा आपको सीखनी चाहिए उस प्रदेश के लोगों का आपको सम्मान रखना चाहिए और यहां पे अभी इतनी भीड हुई है कि आपके लोगों को अभी बताना चाहिए कि भाई साब अभी मत आना
38:03एक समय था जहाँ जब मुंबई में माराश्य के बहुत सारे शेहरों में खास करके मुंबई में दक्षिन के लोग आते थे
38:23साथ की दशक में उस वक्षिनों दक्षिनात्यों के खिलाब वहां पे उस वक्षिन भारत में तमिलनाड़ू में आंदरपरदेश में केरला में करना टक करना टक नहीं
38:40लेकिन केरला में हर जगा पे वहां पे उद्ध्योग आने लगे इंडस्ट्री आने लगी वहां के लोगों को काम मिलने लगे वहां के जो राज देता थे उन्होंने वहां पे इंडस्ट्री लाई वहां पे उन्होंने काम शुरू कर दिया अभी दक्षिन भारत से लोग न
39:10वहां पे भी लाखो युवक आज उनको भी हाथ को काम नहीं है
39:15हमारे अगर विदर्ब में जाएंगे हमारे मरठोड़ा में जाएंगे हमारे पश्रिम महाराष्ट में जाएंगे हमारे कोंकर में जाएं
39:23बहुत सारे ऐसे युवक हैं जिनको जिनको मालू भी नहीं है कि काम कहां पर है
39:28बहुत सारे इंडस्ट्री में पता चले कि बाहर से लोग भर रहे हैं आप मुझे बताईए संगर्श नहीं होगा तो क्या होगा
39:53कि यह इतनी सीजी बात है
39:56कि मीडिया के लोग मुझे याद है वो मेरा भाषन चल रहा था कि मैं बराटी में भाषन दे रहा था
40:11एक यहां यहीं का एक रिपोर्टर था यह जो उसने मुझे बताया और उसने कहा कि मैं हमारे जो एंकर जो दिल्ली में थी
40:22वहां पे कुछ गलत दिखा रहे थे जो मैं भाषन कर रहा हूँ मैं बता रहा हूँ
40:27वो दिखा नहीं रहे थे यानि वो लिखते हैं न बाशन में क्या बोल रहा हूं जो लिखते हैं वो कुछ गलत लिख रहे थे तो यहां के वो रिपोर्टर ने उनको फोन करके बोला कि आप जो दिखा रहे हैं वो गलत है राज ठक रहे हैं ऐसे भाशन नहीं बोल रहे हैं वो
40:58यहांने आपके टियरबि के लिए अगर आप आज़राजों के बीच
41:02में अगर आप आग लगाते रहें गे ओओ आप यह कैसे होगा
41:11कि कि यह बात मुझे लगता है कि आपको समझ लेनी चाहिए और एक
41:20कि हर राजज में होना चाहिए कुछ काइदे जो बने हैं उस वक के हालाथ या यह बनने चाहिए
41:42हमारे यहां पर राजज जो है राजज में सत्ता होती है केंद्र का काम अलग रहता था
41:48अब ये नरेंद्र बोधी आये तब से कुछ अलग-अलगी बन रहा है
41:51जब वो मुख्य मंत्री थे भाषा उनकी अलग थी
41:57जब प्रदान मंत्री बन गए तो भाषा उनकी अलग है
42:00जब मुख्य मंत्री थे तो नरेंद्र मोधी कहते थे केंद्र को
42:05उन्होंने केंद्र को कहा था
42:07जब मुख्य मंत्री थे
42:08कि हमें आप पैसे भेजना बंद कर दीजिए
42:11हम आपको पैसे देना बंद कर देंगे
42:13हम हमारा राज्य चलाएंगे
42:15प्रदान मंत्री बंदी के बाद कह रहे है
42:20हम हमारा पैसा हमारे पास रखेंगे
42:23राज्यों का पैसा भी हम लोग ले लेंगे
42:25आपको मैं ज़रूर बताना चाहता हूँ कि ये
42:35क्या हलत है
42:37आपके प्रदेश, उत्तरप्रदेश, बियार
42:42इन्हें क्या मिलता है
42:53ये देखिए
43:05महाराष्ट केंद्र में जितने पैसे देता है
43:10महाराष्ट केंद्र के बंडार खजाने में
43:15100 रुपयों का योगदान देता है
43:17तो महाराष्ट को सिर्फ उसके बदले में
43:2113 रुपए 20 पैसे मिलती है
43:22यहने 100 रुपए अगर महाराष्ट डाले
43:26तो 13 रुपए 20 पैसे मिलते हैं वापिस
43:29लेकिन बिहार जब-जब 100 रुपए देते हैं
43:37तब उन्हें विकास के लिए
43:38149 रुपए मिलते हैं
43:42यह कौन सा तरीका है मुझे समझा नहीं है
43:49जो स्टेट काम कर रहा है
43:52जो पैसे खड़े कर रहा है
43:53जो पैसे केंदर को दे रहा है
43:55उनको 13 रुपए 100 मैसे 13 रुपए
43:57और जहां पर इंडस्री नहीं है
44:00जहां से लोग उटके बाहर जा रहे
44:01दुसरे राज़ों में जा रहे है
44:02काम के लिए जा रहे है
44:03तो वहां के राज़निता कुछ काम नहीं कर रहे है
44:05तो उनकी यहां पे 100 रुपए में
44:07उनको 149 पैसे मिल रहे है
44:09रुपए मिल रहे हैं यह पैसे के पैसे पैसे खा रहे हैं काम कुछ नहीं कर रहे हैं उद्योग नहीं ला रहे हैं लोगों को रोक नहीं रहे हैं बाहर जा रहे हैं अपमानित हो रहे हैं यह कौन सा तरीका है भई
44:28ये कौन सा जीना है
44:32और मैं आज आपको कह देता हूँ
44:39देखिए मुझे संगर्ष करनी की जरूरत नहीं
44:41लेकिन यहीं अगर तरीका और बढ़ते जाएगा
44:44तो हर राजमे संगर्ष हो गाई
44:47अगर इन्हें सुधार ना है
44:53तो आपको आपके लोगों के बीच में सुधार लाना चाहिए
44:57उनको ये सारी बाते कहनी चाहिए
45:01और आपके कहने के भी बाहर अगर वो लोग होंगे
45:06तो हम तो है ही
45:08ये किसी दादागिरी की बात नहीं है
45:15लेकिन मुझे लगता है कि हर राज बढ़ा हो
45:22उद्योग में बढ़ा हो
45:24बाकी सारी चीजों में बढ़ा हो
45:27और हर राज के बीच में एक हेल्दी कॉम्पिटिशन हो
45:30क्या अगर ये राज ऐसे कर रहा है तो मैं ये ऐसे करूँगा
45:38वो राज ऐसे कर रहा है तो मैं ऐसे करूँगा
45:40इससे मुझे लगता है देशी बड़ा होगा हर राज अगर बड़ा होगा तो देशी बड़ा होगा
45:45यहीं बात मैं आज तक कहते आया हूँ अब समझी
45:58बाकी वो चीज़े छोड़ दीजिए मुझे आप भी तक पता नहीं चला उसमें कंट्रोवर्सी क्या थी
46:14अमिदाब बच्चन जी का जब सवाल आया था तो मैंने क्या गलत बताया था
46:18मेरा जो वाक्य था वो जो उस वक्त था आज भी वहीं है बीच में एक बार मेरे साथ
46:29अमिदाब बच्चन जी एक स्टेज पर आये थे उनके सामने भी मैंने वहीं बात रखी दी
46:35मैंने से इतना ही कहा था कि अभी ताब बच्चन जब लोकसबा के लिए खड़े हुए तो उन्हें अलाबाद से खड़े हुए
46:45क्यों नहीं मुंबई से
46:46जब उन्हेंने काम किया तो एक भोजपोरी फिल्म में काम किया था
46:53जब उनके कोई बहु के नाम से कोई कन्या शाला निकाल ली थी उसके लिए उन्होंने उत्तरप्रदेश की जमिन चून ली थी
47:05मेरा सिर्फ इतना ही छोटा सा सवाल था कि इतने बड़े शेहनशा इतने बड़े आदमी को जो इतना बड़ा कलाकार है
47:13इस इतने बड़े कलाकार को अगर अपने मात्रभूमी या जन्मभूमी के बारे में या अपने राज्य के प्रती अगर इतना प्यार हो सकता है
47:23तो राज्च्छाक्रे बहुत छोटा आदमी है उसको अगर माराश्च्छा के प्रती प्यार होगा
47:27तो उसमें गलत क्या है
47:35यही मेरी भूमी का थी और यही मेरी भूमी का रहेगी
47:52बात किसी से नफरत करने की नहीं है
47:54लेकिन किसी से नफरत करने की नौबत भी ना आ जाए
47:58यह मैं चाहता हूँ
47:59तो बस यही था मेरा
48:05जो मुझे मैंने जो कहा था इतना ही मेरे सामने जो था वो इतना ही था
48:09आज आप आये हैं मुझे लगता है कि आपने मुझे शायद समझ लिया होगा
48:14कि मुझे क्या कहना है और मुझे क्या करना है
48:17मैं महाराश्र का उतकर्ष चाहता हूँ
48:20महाराश्र में मराठी लोगों का उतकर्ष चाहता हूँ
48:25मेरे महाराश्र के साथ
48:27जो बरसों से, सालों से
48:30जो मेरे साथ महाराश्र के जो है
48:32जो इतर भाशिक भी होंगे
48:34लेकिन जो महाराष्ट को मांते है
48:35मेरी मराठी भाषा को मांते है
48:37यहां के लोगों का सम्मान रखते है
48:38उनकी भी तरक्की मेरे हाथ में
48:41मैं करूंगा
48:42सो महाराष्ट का उतकर्ष करना
48:44यह मेरा काम है
48:45आप जाके सिर्फ वहां पे
48:46उस राजनेताओं को बताईए उस प्रदेश का उतकर्श उनके हातों हो बस इतना ही दन्यवाज जै हिन जै माराश
49:16क्रिपया कोई इस सभागरा से बाहर नहीं जाएगा
49:28आज माननी राज साब जी के उपस्तिती में हम लोग एक गोशना करना चाह रहे हैं
49:47कि जब तक ये जो मुमिन्ट हम चला रहे हैं हमारे राज्यों के बला के लिए
49:53क्योंकि हमारे लोगों को यहाँ पर आके जो अपमान सहना पड़ता है
49:55उसका सबसे मुक्य कारण हमारे राज्यों के विदायक, संसत और वहां की सरकारे हैं
50:01तो हम चाहते हैं कि हम उनके उपर इस तरह से एक समयधानिक तरह से एक दवाव बनाए
50:05उनका मुमबई में, महराष्ट्रा में हम लोग करेंगे
50:09उनका प्रवेश्पन करेंगे
50:11कि जब तक रोजगार ना दें तब तक रूमबई नहीं आ सकते
50:13यह इनों ने कहा है
50:25वो बाकी लोगों के लिए है
50:28हमारे एक मित्र है
50:30सुनिए
50:32हमारे एक मित्र है
50:34जो बियार से है
50:36दिविश ठाकूर
50:38वो यहां पे आये हुए है
50:40बस उनका रास्ता बंद मत कर दिजिए
50:42क्योंकि उनका शिक्षन पुरा में हुआ है
50:46और वो अच्छी मराठी बोल लेते हैं
50:48हम मंत्री रहे चुके हैं वो
50:51धन्यवाद
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