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  • 6/7/2025

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Transcript
00:00sieh ein dolladeh
00:21Break time, point, point, point, point, point, anita.
00:51ईद पर जब हम खानदान, दोस्तों और जरूरत मंदों के साथ गोश्ट बांटते हैं, तो हम इतिहाद और हमदर्दी की एकदार को जिन्दा कर रहे होते हैं.
01:05ये दूसरों तक पहुंचने, माफ करने और उनके साथ अपने तालुकात को मजबूत करने का एक मौका है.
01:12ईद की खुशी तब बढ़ती है, जब हम अपनी खुशियों में सब को शामल करते हैं, खास तोर पर वो लोग जो खुद को अकेला महसूस कर सकते हैं.
01:27तो इस ईद अलजहा पर आईए याद रखें, असल जशन महर्बानी, कुर्बानी और यकजहती में पाया जाता है.
01:35यही ईद की हकीकी रोह है.

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