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  • 5/31/2025
Shashi Tharoor: शशि थरूर, कभी कांग्रेस (Congress) के चमकते सितारे, अब पार्टी के लिए उलझन बन गए हैं। मोदी की प्रशंसा और बीजेपी सरकार (BJP Govt) से सहयोग ने उनके झुकाव को उजागर किया है। कांग्रेस उन्हें खोना नहीं चाहती, पर उनकी स्वतंत्र सोच और दिशा पार्टी के लिए चुनौती बनती जा रही है। कहां हुई कांग्रेस से गलती वीडियो में जानें विस्तार से.

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Transcript
00:00कॉंग्रिस से कैसे खिसक रहे धरूर?
00:04कॉंग्रिस के पास ज्यो नहीं है जवाब
00:07ये हैं पांच बड़ी वचा है
00:10शशित धरूर की राजनीती में मौजूद की
00:19कॉंग्रिस पार्टी के लिए जितनी एहम है उतनी ही असहज भी
00:24विनातो पारंपरिक कॉंग्रिसी है और नहीं गांधी परिवार के कटर वफादार
00:29उनके विचार, उनकी शैली और उनकी लोग प्रियता
00:32कॉंग्रिस की जड़वत राजनीती के लिए एक तरह चुनौती बन चुकी है
00:37आज जब कॉंग्रिस संद्रूनी कल है विचारधारा के ब्रहम और नितित्व के संकट से जूज रही है
00:43तब धरूर जैसे निता पार्टी के भीतर अलग सोच और नई उर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं
00:49लेकिन पार्टी उन्हें अपनानी की बजाए उनसे असहज दिखती है
00:53धरूर चार बार से तिरुवनित पूरम के सांसत है
00:57हर बार एक कड़े मुकाबले में जीत दर्च करते हुए
01:00उन्होंने मलिकर जुन खडगे के खिलाफ कॉंग्रिस सध्यक्षपद का चुनाव लड़कर ये साफ कर दिया
01:06कि वे महज मौन अनुयाई नहीं लेकिन यही स्वतंत्र सोच कॉंग्रिस में कही लोगों को रास नहीं आती
01:14पार्टी की संस्कृती जहां वफादारी और चापलूसी को एहमियत देती है
01:18वहां धरूर जैसे पढ़े लिखे आत्म विश्वासी और मुखरनेता को बागी करार देना आसान है
01:25धरूर की सबसे बड़ी ताकत उनकी लोग प्रियता है
01:28खास कर केरल के शहरी और मध्यम वर्ग में विनायर समुदाय से आते हैं
01:34जो रज्य में एक प्रभाव शाली जाती है
01:36उन्होंने सबरी माला जैसे समवेदन शील मुद्दे पर संतुलित रुख अपनाया
01:42जिससे उनकी हिंदू पहचान भी बनी रही और अल्प संख्यक समुदाय से संबंध भी नहीं बिगड़े
01:48लेकिन कॉंग्रिस इस संतुलन को राजनायतिक संपत्ती के तरह देखने के बचाए
01:53अकसर शंगा की नजरों से देखती है
01:56पार्टी में पुराने निताओं की लोबी, विशेशकर्प, किसी विणोगोपाल जैसे गांधी परिवार के करीबी थरुर को बाहर से आए एक खुस पैठी के तरह देखते हैं
02:05उनकी हर बात को संधे की नसरों से देखा जाता है
02:09चाहे वो रज सरकार की प्रशंशा हो या फर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोधी की यूजनाओं की सराहना
02:16इससे ये धार्णा बनती है कि कॉंग्रेस अब नई सोच और विविद विचारों के लिए जगह नहीं छोड़ रही
02:21थरूर जैसे नेता पार्टी को आधुनिक बनाने की दिशा में एक अफसर हो सकते थे
02:26लेकिन कॉंग्रेस उन्हें संभालने की बज़ाए काटने की तयारी में नजर आती है
02:31अगर पार्टी उन्हें किनारे रखती है तो वे खुद को एक ऐसे नेता से वंचित कर लेगी
02:35जो ना सर्फ चुनाव जीतना जानता है बलकि राष्ट्रया और अंतराष्ट्रया मंचों पर पार्टी की छवी सुधार सकता है
02:44भविश्य में अगर थरूर कॉंग्रेस छोड़ते हैं तो ये पार्टी की वैचारिक असहिश्णता का एक और सबूत होगा
02:51ये दिखाएगा कि कॉंग्रेस सब सर्फ परिवार और पुराने धांची के भरोसे रह गई ना कि नए विचारों और दमदार नित्रत्व के साथ
03:00ऐसे में कॉंग्रेस को ये तै करना होगा कि क्या वो धरूर को गले लगाएगी या नहीं या फिर अपनी एक मजबूत शील्ड को खोने वाली है

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