सोमवती अमावस्या और वट सावित्री व्रत पूरे देश में श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. वट सावित्री व्रत के मौके पर सोमवार को प्रयागराज में गंगा तट पर बड़ी तादाद में श्रद्धालु जमा हुए. हिंदू महीने ज्येष्ठ की अमावस्या के दिन मनाया जाना वाला ये व्रत इस बार सोमवती अमावस्या के साथ पड़ रहा है. ये त्यौहार महाभारत में सावित्री और सत्यवान की कहानी पर आधारित है. कहा जाता है कि जब सत्यवान की मृत्यु हो गई तो उनकी पत्नी सावित्री प्राण लेकर जा रहे यम देवता के पीछे चली गईं और अपनी बुद्धि, भक्ति से अपने पति के प्राण लौटाने के लिए यम देवता को मना लिया.तीर्थ पुरोहित गोपाल जी ने कहा कि, "ये सोमवती अमावस्या और वट सावित्री का जो आज संयोग है ये बड़ा अतिसुंदर और पूर्णदायक है. जो लोग इस ऐसे अवसर पर खासकर ये त्योहार तो महिलाओं का है. वट सावित्री सुहाग की कामना, पुत्रों की कामना, परिवार के मंगल कार्य हेतु अक्षय वट की परिक्रमा की जाती है 108 जो 108 ना कर सकें वो कम से कम 54, 27 या 9 कर लें तो उन्हें भी पूरे फल की प्राप्ति होगी."वट सावित्री व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और खुशहाली के लिए रखती हैं. इस पावन मौके पर पवित्र गंगा में स्नान के लिए सैकड़ों श्रद्धालु सुबह से ही हरिद्वार में पवित्र हर की पौड़ी पर जमा हुए. कहा जाता है कि सावित्री को एक ऋषि ने पहले ही बता दिया था कि उनके पति सत्यवान की मृत्यु एक साल के के अंदर हो जाएगी. भविष्यवाणी के दिन मृत्यु के देवता यम सत्यवान के प्राण लेने पहुंचे लेकिन सावित्री उनके पीछे चली गई.जब यम ने सावित्री को वापस लौटने के लिए कहा तो उसने कहा कि उनका पति जहां भी जाएगा उसके पीछे चलना उसका धर्म है. उसके हठ से प्रभावित होकर यम ने उसे तीन वरदान दिए. एक वरदान में सावित्री ने सौ पुत्रों की माँ बनने का वरदान मांगा. ये उसके पति के बिना संभव नहीं था जिससे यम को सत्यवान के प्राण लौटाने पर मजबूर होना पड़ा.ये भी पढ़ें: ओडिशा में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 को सफल बनाने के लिए हुई अहम बैठक, देखें वीडियो
00:00वट सावित्री वरत के मौके पर सोमवार को प्रयागराज में गंगा तट पर बड़ी तादाद मेश्रधालू जम हुए
00:12हिंदू महीने जेश्ट की अमावस्या के दिन मनाया जाने वाला ये वरत किस बार सोमवती अमावस्या के साथ पढ़ रहा है
00:21ये त्योहार महाभारत में सावित्री और सत्यवान की कहानी पर आधारत है
00:26कहा जाता है कि जब सत्यवान की मृत्यू हो गई तो उनकी पत्नी सावित्री प्राण लेकर जा रहे यम देवता के पीछे चली गई
00:37and his spirit, his spirit, his spirit, his soul and his soul to him.
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01:35First of all, we have a small fruit in the morning, which is a sweet fruit, and then a little fruit, which is a seasonable fruit.
01:50If you have a seasonable fruit, you can have a seasonable fruit.
01:54It is a great day for our husband's ayu.
01:58We have three days of work.
02:00But in our MP and UPC,
02:04we can keep one day.
02:06What do we keep doing?
02:07We keep the day for our husband's ayu.
02:12It's a great day for our husband's ayu.
02:14We have three days of work.
02:16But in our MP and our MP,
02:18there is a lot of people doing one day.
02:21इसमें बर्गत के पेड की पूजा की जाती है इसमें सीजनेबल फल चलाया जाते हैं शोला सिंगार करके हम सारी लेडिस आती हैं और सुबह खाल भूखे प्यासे विना पानी पे पहले पूजा करती है फिर उसके बाद नेक्षटे ब्रत तोड़ती हैं
02:46It is 50th for us, revenge camps in the rest of the night of Ganges,
02:52and in the morning of Ganges, one day of Ganges,
03:05the only reason that Ganges can get there.
03:08The same thing is, it won't be.
03:08Everyone is pulling all the way.
03:10Everyone is making it.
03:12Everyone is making it.
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03:43ुसके हट से प्रभावित होकर यम ने उसे तीन
04:12वर्दान दिये एक वर्दान में सावित्री ने 100 पुत्रों की मा बनने का वर्दान मांगा ये उसके पती के बिना संभव नहीं था जिससे यम को सत्यवान के प्राण लोटाने पर मजबूर होना पड़ा