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  • 5/26/2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात के 122वें एपिसोड में उत्तराखंड में हल्द्वानी के रहने वाले 65 साल के जीवन चंद्र जोशी की प्रेरक यात्रा के बारे में पूरे देश को बताया. प्रधानमंत्री ने जीवन जोशी की क्रिएटिविटी की जमकर तारीफ की. पीएम ने बताया कि कैसे जीवन चंद्र जोशी ने चीड़ की बेकार पड़ी छाल को कला के शानदार कामों में बदल दिया. पीएम ने उन्हें एक जीवित प्रेरणा और दृढ़ संकल्प का प्रतीक बताया. जीवन जोशी पोलियो से ग्रसित हैं. बावजूद इसके उन्होंने एक अनोखी कला को जन्म दिया जिसका नाम रखा बैगेट. इसमें वो चीड़ के पेड़ों से गिरने वाली सूखी छाल से सुंदर कलाकृतियां बनाते हैं. जीवन चंद्र जोशी तीन दशकों से इस अनूठी कला का अभ्यास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे युवाओं को ये कौशल सिखाना चाहते हैं और उनके लिए एक प्रशिक्षण संस्थान खोलना चाहते हैं.

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Transcript
00:00प्रधान मंत्री नर्यन निर्मोदी ने रभिवार को मन की बात के 122 वे एपिसोड में उत्राखंड में हल्दुआने के रहने वाले 65 साल के जीवन चंदर जोशी की रेरक यात्रा के बारे में पूरे देश को पताया.
00:15प्रधान मंत्री ने जीवन चंदर जोशी की क्रियेटिविटी की जमकर तारीफ की. पीम ने बताया कि कैसे जीवन चंदर जोशी ने शीर की बेकार पड़ी च्छाल को कला के शांदार कामों में बदल दिया. पीम ने उन्हें एक जीवित प्रिणना और द्रण संकल्प का प्
00:45जीवन जोशी उम्र पैसर साल अब सोचिए जिनके नाम में ही जीवन हो वो कितनी जीवनतता से भरे होंगे जीवन जी उत्रा खंड के हल्दवानी में रहते हैं
01:02बच्पन में पोलियों ने उनके पैरों की ताकत छिन ली थी लेकिन पोलियों उनके होंसलों को नहीं छिन पाया
01:12उनके चलने के रप्तार भले ही कुछ दिमी हो गई लेकिन उनका मन कल्पनागी हर उडान उड़ता रहा
01:21इसी उड़ान में जीवन जी ने एक अनोखी कला को जन्म दिया नाम रखा बगेट इसमें वो चीड के पेडों से गिरने वाली सुकी चाल से सुन्दर कलाकृतियां बनाते हैं
01:37वो चाल जिसे लोग आम तोर पर बेकार समते हैं जीवन जी के हाथों में आते ही तरोहर बन जाती हैं
01:47ये सभी शांदार कलाकर्तियां लकडी से नहीं बलकि पिवलों से प्राकर्तिक रूप से गिरने वाली सुखी चीड की चाल से बनाए गई हैं
01:57जीवन चंदर जोशी तीन दश्कों से इस अनूठी कला का अभ्यास कर रहे हैं जिसे बैंगिट आर्ट के नाम से जाना जाता है
02:07जीवन चंदर जोशी का कहना है कि वे युवाओं को ये कौशल सिखाना चाहते हैं और उनके लिए एक प्रिशिक्षन संस्थान खोलना चाहते हैं
02:17लेकिन सीमित वित्ती संसाधन एक बड़ी बाधा बने हुए हैं
02:21मैं करी 35 वर्सों से यह कारी कर रहा हूं
02:26सब्सक्राइब आर्ट किस्ते की तोड़ा सा सही हैं या आते किसी कमद्योर होने के पार कारण में इस काम को पूर्ट सा अंजाम ने जेबा रहा हूं
02:34मैं चाहता हूं कि एक छोटा सा ट्रेंडिंग सेंटर कोल करके इसमें कुछ लोगों को यो कला मुझे आती उस कला को उन लोगों को सिखा कर चिखाऊं और स्वरोजगार से उनको जो और एक रोजगार के लिए एक अच्छा हावियाबत तया करूं
02:48प्रधान मंतरी के जिकर के बाद इस्थाने प्रशासर ने कहा है कि राज हास्तरशिर्प योजनाओं के माध्यम से जीवन चंदर जोशी जैसे कारीगरों को समर्थन देने की पूरी कोशिश होगी
03:18जिसमें वित्तिय साहता और प्रशेश्रम केंद्रों की इस्थापना भी शामिल है
03:48जीवन चंदर जोशी के काम को इंस्टिटूशनल प्लेटफॉर्म्स के जरिये व्यापक रूप से प्रचारित किया गया है
04:04और पूरे उत्राखन में अलग-अलग मंचों पर पदरशित किया गया है
04:08जीवन चंद जोशी जी को आसे सन 2013-2014 में मैंने खोजा था
04:24उनकी कला को देखा जो मैंने बहुत नायाव लगी
04:27तो उसके माध्यम से भी मुझे लगा कियता है कि क्यों ना इनकी कला को पहुचा आए जा
04:32कही ना कही चीसे मंचों पहुचा आए जाए
04:33तो बहुत सारे मंचों पर CCRT, IISF जैसे मंचों पर जिला उज्जो केंदर के माध्यम से
04:38बहुत सारे प्लेटफॉर्म पर एक्जीविशन्स पर लगाने का हमें सभागे मिला है
04:42तो इसी कड़ी में जीवन चंद जोशी जी की कला है
04:45इस्थाने कारीगरी और दरन संकल्प किस तरह राश्ट्रे पहचान दिला सकते हैं
04:55इसका एक शांदार उधारन जीवन चंद जोशी की ये कहानी है
04:59कई सालों की कड़ी महनत और पिये मोदी के मन की बात कारिक्रम में
05:03उनके उलेख तक जीवन चंद जोशी का सफर उत्राखन के कारीगर समदाई के लिए गर्व का खषण है

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