Namaskar doston!
आज की इस रहस्यमयी वीडियो में हम आपको ले चलेंगे 12वीं सदी के इंग्लैंड के एक छोटे से गांव Woolpit, जहाँ अचानक प्रकट हुए दो अजीब बच्चे – जिनकी त्वचा हरे रंग की थी! 🌿
क्या ये बच्चे किसी दूसरी दुनिया से आए थे?
क्या इनका कोई गुप्त मिशन था?
या फिर ये केवल एक ऐतिहासिक भ्रम हैं?
इस वीडियो में हम जानेंगे:
✅ Green Children की कहानी
✅ उनकी भाषा, खाना और रहन-सहन
✅ उनके गायब होने और मौत के रहस्य
✅ और theories: Alien, Parallel World या Medieval Folklore?
वीडियो को पूरा देखें और अपनी राय ज़रूर बताएं 👇
#GreenChildren #WoolpitMystery #AlienChildren #HistoricalMystery #UnsolvedMystery #HindiStory #FactsInHindi #StorytimeHindi #StrangeHistory #MysteriousChildren
आज की इस रहस्यमयी वीडियो में हम आपको ले चलेंगे 12वीं सदी के इंग्लैंड के एक छोटे से गांव Woolpit, जहाँ अचानक प्रकट हुए दो अजीब बच्चे – जिनकी त्वचा हरे रंग की थी! 🌿
क्या ये बच्चे किसी दूसरी दुनिया से आए थे?
क्या इनका कोई गुप्त मिशन था?
या फिर ये केवल एक ऐतिहासिक भ्रम हैं?
इस वीडियो में हम जानेंगे:
✅ Green Children की कहानी
✅ उनकी भाषा, खाना और रहन-सहन
✅ उनके गायब होने और मौत के रहस्य
✅ और theories: Alien, Parallel World या Medieval Folklore?
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FunTranscript
00:00नमस्ते दोस्तों, कभी सुनाएं दो ऐसे बच्चों के बारे में जिनकी थ्वच्छा अपसूची हरी थी और वो ऐसी जबान बोलते थे जो कोई समझ ही नहीं पाया
00:09हाँ और वो भी अचानक से मतलब बार्मी सधी के इंगलंड के गाउं में प्रकट हो गए?
00:13बिलकुल, तो आज हम वुल्पिट के इनी हरे बच्चों के हैरान करने वाली कहानी की गहराई में उतरेंगे
00:19जी हम देखेंगे कि उस जमाने में क्या लिखा गया, क्या बाते हुई और बाद में लोगों ने क्या-क्या अंदाजे लगाए
00:25सदियों पुराना रहस्य है ये
00:27तो चलिए, सीधे चलते हैं इंग्लेंड, सफोल्क काउंटी का वुल्पिट गाउ
00:31टाइम है लगभग 11.35 से 11.54 के बीच का
00:36हाँ, और ये वो दोर था जब किंग स्टीफिन कराज था, इंग्लेंड में बड़ी उथल पुथल मची हुई थी, जिसे दी एनार की कहते हैं
00:43मतलब ग्रह युद्ध जैसा माहौल था
00:45अच्छा, तो माहौल भी तनाओ वाला था
00:47बिलकुल, और इसी माहौल में कटाई का मौसम था, गउवालों को भेडियों को फसाने वाले गड़े होते हैं न, वुल्फ पिट्स
00:54हाँ हाँ
00:55उन्ही के पास एक लड़का और एक लड़की मिले
00:57और मिलते ही सब को जटका लगा हुआ, बच्चे, हरे रंके
01:02सोची ज़र, पोचा साफ हरी, कपड़े एक दम अजीब अंदेखे से और उनकी बोली किसी के पल्ले ही नहीं पड़ रही थी
01:09फिर क्या हुआ, कहां ले गए उन्हें
01:12उन्हें गाउं के जो जमिनदार थे, सर रिचर्ड डिकॉल ने उनके घर ले जाया गया
01:16अच्छा, वहां कुछ खाया पिया उन्हें
01:18यही तो और अजीब बात थी, सर रिचर्ड के घर पे उन्हें जो भी नॉमल खाना दिया, रोटी, मास, कुछ भी, उन्होंने हाथ तक नहीं लगाया
01:26कुछ भी नहीं, भूखे होंगे बेचारे
01:28बिल्कुल, फिर किसी ने उन्हें ताजी तोड़ी भी हरी फलियां दी, ब्रॉट बीन्स और कमाल देखिये
01:34क्या?
01:34उन्होंने सिर्फ वही खाई और वो भी बड़े चाउसे
01:37सिर्फ हरी फलियां, ये तो बड़ा आजीब है
01:40मतलब, क्या ये कोई इशारा था कि वो कहां से आये थे, ये उनकी बोड़ी को कुछ खास चाहिए था?
01:46हाँ, ये सवाल उठता है, क्या ये ही उनका मेन खाना था, या ये किसी नूट्रिशन की कमी दिखा रहा था
01:52फिर, दुख की बात ये हुई कि जो लड़का था, कुछ टाइम बाद बीमार पड़ा और उसकी मौत हो गया
01:59अरे
01:59लेकिन लड़की, जिसे बाद में लोगों ने एगनिस कहना शुरू किया, वो बच गई
02:04अच्छ एगनिस बच गई, फिर उसका क्या हुआ हो हरी रही?
02:08नहीं, तो धीरे धीरे जैसे जैसे उसने वहां का खाना, बतब नॉमल अंग्रेजी खाना चुरू किया
02:13तो उसकी तशा का हरा रंग जाता रहा, वो बिलकुल सामान ने इंसानी रंगत में आ गए
02:18क्या बात है, और उसने बोलना भी सीखा, अंग्रेजी
02:22उसने अंग्रेजी सीख ली, और यहीं से कहानी और ज़्यादा दिल्चस्प बिला दी
02:26कैसे? उसने बताया वो कौन थे, कहां सी आये थे
02:29बिलकुल
02:30जब वो ठीक से बोलने लगी, तो उसने बताया कि वो और उसका भाई
02:34सेंट मार्टिन्स लैंड नाम की जगह से आये
02:36सेंट मार्टिन्स लैंड, यह कहां है? कैसा नाम है यह?
02:40है न, उसके बताने के हिसाब से, यह एक ऐसी जगह थी, जहां हमेशा
02:44जैसे शाम का साथ दुंदल का रहता न, गोधूली बेला
02:47मतलब प्रॉपर दिन नहीं निकलते था
02:49हाँ, सूरज कभी तेज नहीं चमकता और वहां रहने वाले सब लोग उन्हीं की तरह हरे थे
02:55सब लोग हरे, कमाल है
02:57और उसने बताया कि एक बड़ी नदी थी, जो उनकी दुनिया को किसी दूसरी जादा रोशन दुनिया से अलग करती थी
03:03बाप रे, यह तो किसी परी का था जैसे लग रहा है, पर वो यहां पहुँचे कैसे, वुल्पिट में
03:09उसने बताया कि वो लोग अपने पिता के मवेशी चरा रहे थे, तभी उन्हें पास के गुफा से जोर-जोर से घंटिया बजने की आवाज आई
03:17घंटियों की आवाज? गुफा से?
03:19हाँ, वो सवास के पीछे-पीछे गुफा में खुज गए, चलते गए, चलते गए, और फिर अचानक खुद को वुल्पिट के उन गड़ों के पास पाया, जहां सूरज की देज रोशनी थी, जो उन्होंने पहले कभी देखी नहीं थी
03:31सोच कर ही अजीब लग रहा है, अंधेरे से एकदम रोशनी में
03:34बिल्कुल, और ये कहानी सिर्फ काउं की गपशब नहीं रही, उस जमाने के दो बड़े इतिहासकार थे, विलियम अफ न्यूबर्ग और राल्फ अफ कॉक्षाल
03:42अच्छा
03:43उन्होंने बाकाइदा इस पूरी घटना को अपने लेखों में दर्च किया है, इससे कहानी को वजन मिलता है
03:48हाँ, अगर इतिहासकारों ने लिखाए तो मतलब कुछ तो बात रही होगी, पर क्या उन्होंने भी यही माना कि वो किसी दूसरी दुनिया से आये थे?
03:55देखे उन्होंने दर्च तो किया, पर वो भी पूरी तरह समझा नहीं पाएं, इसी लिए तो इतने सालों बाद भी यह रहस्य हैं, और इसको समझाने के लिए कई अलग-अलग थियोरीज सामने आई हैं
04:06जैसे? क्या-क्या थियोरीज है?
04:08एक तो है medical बजह, जिसे कहते हैं chlorosis, यह क्या होता है?
04:15यह एक तरह का गंभीर एनीमिया है, बनलब खून की बहुत ज़्यादा कमी, जो कुपोशन से होती है, और इससे दवचा पर पीला हरा सा रंगा सकता है
04:23अच्छा, तो यह उनके हरे रंग का कारण हो सकता है?
04:27हाँ, यह थियोरी कहती है कि शायद वो बहुत कुपोशित थे, और याद है उन्होंने शुरू में सिर्फ हरी फलियां खाई
04:33हाँ, हाँ
04:35और बाद में Agnes का रंग नॉर्मल हो गया, तो यह चीजें इस थियोरी से थोड़ी मिलती है
04:40हम, यह बात तो लॉजिकल लगती है, पर फिर वो अजीब भाशा और वो सेंट मार्टिन्स लैंड वाली कहानी, क्या वो भी सिर्फ कोपोशन से समझा सकते हैं?
04:50नहीं, यही पर दूसरी थेयरी जाती है, एक और मजबूत थेयरी है फ्लेमिश आप्रवासियों की
04:55फ्लेमिश? मतलब जो फ्लेंडर से आये थे?
04:58बिल्कुल, आस में ये गाउं था, फॉननम सेंट मार्टिन, वहां उस जमाने में बहुत से फ्लेमिश लोग रहते थे, जो वहां के राजा के उत्पीडन से परिशान थे
05:08तो हो सकता है ये बच्चे उसी समुधाय के हो, भाग निकले हो, जंगल में खो गए हो, उनकी अग्याद भाषा शायद फ्लेमिश रही हो, जिसे वुल्पिट वाले नहीं समझे
05:18और सेंट मार्टिन्स लैंड शायद फॉननम सेंट मार्टिन गाओं का ही जिक्र हो, ये तो काफी जमीनी अकिकत वाली बात लग रहे है
05:25हाँ, ये जादा मुम्किन लगता है, लेकिन फिर सवाल वही, हरी तोचा, फ्लेमिश होने से तोचा हरी तो नहीं होगी
05:31सही का, मतलब कोई भी एक थियोरी सब कुछ नहीं जमझा पारे
05:35बिल्कुल, इसलिए और भी थियोरी से, एक कहती है आर्सेनिक पॉईजनिग, शायद किसी ने जहर दियाओ बच्चों को भगाते हुए, उससे भी तोचा हरी हो सकती है
05:44आरे बापरे
05:45और फिर हैं लोग कताओं वाली बात हैं, परियां, धर्ती के नीचे रहने वाले लोग, यहां तक कि कुछ लोग तो एलियन्स तक कह देते हैं
05:52एलियन्स? बारवी सदी में
05:55हाँ, मतलब आज के जमाने में लोग सोचते हैं, उस जमाने में परियों और दूसरी दुनिया की बातें आम थी
06:00तो मतलब क्लोरॉसिस तवचा समझाता है, फ्लेमिश आप्रवासी भाश्या और जगह समझा सकते हैं, पर सब कुछ एक साथ फिट नहीं होता
06:10यही इस कहानी का असली रहस्य है, हर थियोरी कुछ समझाती है, पर कुछ छोड़ देती है
06:16और शायद इसलिए ये कहानी आज तक जिन्दा है, है न?
06:20दिल्कुल, यह सिर्फ इतिहास की किताब का तिस्सा नहीं है, हर्बर्ट रीड ने इस पर दे ग्रीन चायड नाम का उपन्यास लखा, आज भी वुल्पिट गाउं के साइन वोट पर उन हरे बच्चों की तस्वीर बनी हुई है
06:29क्या बात है, मतलब गाउं वाले भी इसे याद रखते हैं?
06:33हाँ, यह उनकी पहचान का हिस्सबन गया है
06:35तो दोस्तों देखिए, वुल्पिट के हरे बच्चों की कहानी हमें कितने सवालों के साथ चोड़ जाती है
06:40क्या सच था, क्या वो कुपोशित बच्चे थे, या खोए हुए आप्रवासी, या किसी लोग कथा के पात्र, या वाकई कुछ
06:48और इसका कोई एक पक्का जवाब शायद हमें कभी नहीं मिलेगा
06:51और मुझे लगता है शायद यही बाद इस कहानी को इतना दिल्चस्प बनाती है, इतना आकरशक
06:55यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि हम कैसे किसी अधूरी जानकारी से मतलब निकालते हैं
07:01कैसे रहस से बनते हैं और पीडियों तक चलते रहते हैं
07:05बिल्कुल और यह भी सोचने पर कि जो हम किसी बिल्कुल अंजान अजीब चीज का सामना करते हैं
07:12तो हम उसे कैसे समझते हैं या कैसे कहानिया गड़ लेते हैं
07:16ये सोचने वाली बात है, आप क्या सोचते हैं दोस्तों, कौन सी थियोरी आपको ज्यादा सही लगती है, नीचे कॉमेंट्स में जरूर बताईएगा
07:24और अगर आपको ये चर्चा पसंद आई, तो इसे लाइक और शेर करना ना भूलें और हमारे चैनल को जरूर फॉलो करें
07:30अगली बार फिर मिलेंगे एक और ऐसे ही दिल्चस्प, शायद थोड़े रहस्य मई किस्से के साथ, तब तक के लिए नमस्ते
07:38नमस्ते