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  • 5/19/2025
क्या ये इंसानी सभ्यता की शुरुआत का प्रतीक है, या किसी और ग्रह से आए मेहमानों की छुपी हुई कहानी?
Göbekli Tepe – दुनिया का सबसे पुराना मंदिर या कोई एलियन बेस?
इस रहस्य से भरे स्थल की कहानियाँ अब फिर से ज़िंदा हो रही हैं...
क्या आप तैयार हैं इतिहास के सबसे बड़े रहस्य से पर्दा उठाने के लिए?

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Transcript
00:00नमस्ते दोस्तों
00:01आज हम एक ऐसी जगा की बात कर रहे हैं जो दिमाग घुमा देती है
00:07सोचिए मिसर के महान पिरामिट से भी कोई 7000 साल पुरानी जगा
00:13और स्टोनेंस से तो करीब 6000 साल पुरानी
00:15हाँ और ये तब बनी जब मतलब पहिया भी नहीं था लिखने पढ़ने का तो सवाली नहीं
00:20धातू का इस्तमाल नहीं शहर नहीं बसे थे
00:23तो सवाल उड़ता है ना कि आखिर ये बनाया किसने और क्यों
00:27बिल्कुल हम बात कर रहे हैं तुर्की के गुबैकली तेपे की
00:30जिसे नाभी पहाडी भी कहते हैं ना
00:32हाँ वई 1994 में क्लाउस श्मिट एक जयमन पुरातत्वविद उन्होंने इसकी व्यवस्तित खोज शुरू की और दुनिया हैरान रहे गई
00:41इसने तो जैसे इतिहास पर ही सवाल उठा दिया
00:45सही का सबसे पहले तो इसकी उम्र लगभग लगभग 11,600 साल
00:5011,600 साल
00:51जी उस वक्त तो हम मानते थे के इंसान बस छोटे-छोटे ग्रुप्स में घुम रहे हैं शिकार कर रहे हैं
00:56कंद मूल इकठा कर रहे हैं
00:58खेती बस शुरूई हो रही थी या शायद हुई भी नहीं थी ठीक से
01:01तो फिर इतने बड़े इतने मॉनुमेंटल स्ट्रक्चर कैसे खड़े कर दिये
01:05ये ये हमारी पुरानी धारनाओं को चैलेंज करता है
01:08क्या?
01:09मतलब क्या ऐसा हो सकता है कि धर्म या सामुहिक आस्था
01:14वो पहले आई और उसने लोगों को जोड़ा?
01:17ये ही सवाल है क्या धर्म ने सभ्हता को यन दिया ना कि खेती ने?
01:22गोबेकली ते पे इसी तरफ इशारे करता लगता है
01:24ये वागी पूरी कहानी पलट देता है
01:26पर ये शिकारी संग्रहक जैसा हम उन्हें कहते हैं
01:30क्या वो हमारी सोच से ज्यादा केपिबल थे?
01:33ज्यादा संगठत?
01:35लगता तो यही है यूगी जो वहाँ मिला है वो असाधारन है
01:38क्या मिला है वहाँ? विस्तार सह बताईए
01:40देखिए अब तक करीब दोसों से ज्यादा विशाल पत्थर के खंबे मिले हैं
01:45ती आकार के
01:46ती आकार के?
01:47हाँ और ये छोटे मोटे नहीं है
01:48कुछ तो आप मानिए दस मीटर तक उचे हैं
01:51दस मीटर? और वजन?
01:53वजन पचास टन तक?
01:54पचास टन? आज भी से हिलाना कितना मुश्किल होगा
01:58बिल्कुल और इन खंबों पर बहुत ही बारी बहुत डीटेल नकाशिया है
02:03अच्छा? किस तरा की?
02:05जानवरों की जिसे शेर, लोमडी, साप, बिच्छू, गिद
02:10बहुत सजीव लगती है
02:11कला का बहतरी नमूना आई है
02:14लेकिन सबसे अजीब बात तो शायद ये है
02:16कि वहाँ कोई रहता नहीं था
02:18मतलब घर, बस्तियां
02:20हाँ, यही तो रहसे है
02:22इतने बड़े निर्मान स्थल पर
02:24किसी स्थाई बस्ती के या घरों के
02:27यहां तक कि रसोई के भी कोई
02:29पुखता सबूत नहीं मिले है
02:30तो लोग वहाँ आते थे
02:32ये बनाते थे, पर रहते कहीं और थे
02:35ऐसा ही लगता है
02:36तो फिर सवाल वही, कौन थे ये लोग
02:39कहां से आते थे, और सिर्फ ये
02:41बनाने के लिए, किस के लिए
02:43और कैसे, मतलब बचास टन का पत्थर
02:46बिना क्रेन, बिना मेटल टूल्स के
02:48हाँ, ये, ये मिलियन डॉलर सवाल है
02:51कैसे काटा, कैसे ट्रांसपोर्ट किया
02:54और फिर सिधा खड़ा कैसे किया
02:56क्या थियोरीज हैं इसको लेकर
02:57एक थियोरी तो ये है
02:59कि हजारों लोगों ने मिल कर
03:01ये काम किया होगा, रस्यों से
03:03खीच कर, लकडी के रूलर्स पर लुड़का कर
03:05पर हजारों लोग, उस जमाने में
03:08उन्हें कौन इखटा करेगा
03:09खिलाएगा कौन? सही सवाल है
03:11क्या कोई बहुत बड़ा लीडर था
03:13या कोई मजबूत धार्मिक प्रेणा थी
03:15जिसने सब को जोड़ा
03:17ये, ये साफ नहीं है
03:18यहीं पर फिर वो थोड़ी वाइल्ड फ्योरीज भी आती है
03:21हाँ, अटकले तो लगेंगी
03:23कुछ लोग कहते हैं कि शायद कोई
03:25भूली बिसरी एडवांस तकनीक थी
03:27या फिर वो एलियन वाली बात
03:29देखे उसका जिक्र आता है
03:30कुछ लोग मानते हैं कि वो जो टी शेप के पिलर है
03:33वो इंसानों जैसे नहीं लगते
03:35शायद एलियन जैसे दिखते हो
03:37और नकाशियों को भी कुछ लोग
03:39कोड या कोई नक्षा बताते हैं
03:41हाँ ये भी एक विचार है
03:43कि शायद वो कोई मिसेच था
03:45या कोई स्टार मैप
03:46क्या गोबेक लीते पे कोई मीटिंग पॉइंट था
03:49या कोई लैंडिंग जोन
03:50सुनने में थोड़ा फिल्मी लगता है पर
03:52पर जब आपके पास ठोस जवाब नहो
03:54तो कलपना तो कहीं भी जा सकती है
03:56है ना
03:57बिल्कुल
03:57अच्छा जादातर वैज्ञानिक क्या मानते हैं
04:00इसके मकसद के बारे में
04:01जादातर पुरा तत्व विद्ध
04:03इसे एक बहुत महत्वपूर्ण
04:04सेरेमोनियल या रिचुवल सेंटर मानते हैं
04:07मतलब एक धार्मिक स्थल
04:09जहां अलग-अलग ग्रूप्स के लोग
04:11खास मौकों पर एक खठा होते होंगे
04:13पूजा पाठ रस्मों के लिए
04:15हाँ, शायद किसी पर्व पर
04:16या मौसम बदलने पर
04:18हो सकता है ये खगोलिय घटनाओं को
04:20अब्जर्व करने की जगा भी रही हो
04:22जैसे एक प्राचीन अब्जरवेट्री
04:24संबव है, या फिर
04:26ज्यान सहेजनी की जगा
04:28वो नकाशियां शायद उनकी कहानिया हों
04:31उनकी मानेताएं, ब्रह्मान को
04:32समझने का उनका तरीका
04:34लेकिन फिर एक और बड़ा रहस्य सामने आता है
04:36कौन सा?
04:37इसे दफना क्यों दिया गया?
04:40वो भी जान बूज कर
04:41हाँ, ये
04:42ये वाकई हरान करने वाला है
04:44करीब आठ सो ईसा पूर्व के आसपास
04:47इसे बनाने वालों ने
04:48या शायद उनके वन्शुजों ने
04:49इसे पूरी तरह से मिट्टी और मलवे से ढग दिया
04:52हजारों टैन मिट्टी से? क्यों?
04:55ये सबसे बड़े रहस्यों में से एक है
04:56कोई नहीं जानता पक्के तोर पर
04:58क्या वो इसे किसी खत्रे से चुपा रहे थे?
05:00या ये किसी धार्मिक बदलाव का हिस्सा था
05:02क्या अब इसकी जरूरत नहीं?
05:04या शायद कोई बहुत बड़ा अनुष्ठान था
05:06किसी यूग के अंत का प्रतीक
05:08या फिर वो चाहते थे
05:10कि ये राज हमेशा के लिए दबा रहे हैं
05:12कारण चाहे जो भी हो
05:14इसी वज़े से हजारों साल तक सुरक्षित रहा
05:17कमाल है
05:18बिल्कुल
05:18अगर ये खुला पड़ा रहता तो
05:20शायद आज हमें ये मिलता ही नहीं
05:21तो कुल में लाकर गिबिकली तिपय ने
05:23इतिहास की हमारी समझ पर क्या असर डाला है
05:25सबसे बड़ा बदलाव क्या है
05:27सबसे बड़ा बदलाव ये है
05:29कि इसने उस सीधी साधी कहानी को बदल दिया
05:31कि पहले खेती आई, लोग एक जगा बसे, गाउं बने, शेहर बने
05:35और फिर धर्म और मंदिर आए
05:37हाँ ये तो हम हमेशा से पढ़ते आए
05:39पर गिबेकलित पर कहता है रुको, शायद कहानी उल्टी है
05:43शायद लोगों को पहले किसी बड़ी आस्था ने, किसी साजह मकसद ने
05:47बड़े पैमाने पर इखटा किया
05:49मतलम मंदिर पहले बने और उसने लोगों को एक जगा टिकने, साथ काम करने
05:55और शायद फिर खेती को बहता धंग से विक्सित करने के लिए प्रेरित किया
05:59यह सुझाता है कि कॉंपलेक्स सामाजिक संदरचना और धर्म खेती से पहले भी मौजूद हो सकते हैं
06:05और शायद उन्होंने ही खेती और बसाहट को जन दिया हूँ
06:08इसने सचमे इतिहास को दुबारा लिखने पर मजबूर किया है
06:11गोबैकली टैपे जो अब युनेसको वर्ल्ड हेरिटेज साइट भी है
06:15यह हमें दिखाता है कि हमारे प्राचीन पूर्वच कितने काबिल और रहस्यम ही थे
06:21हाँ, उनकी दुनिया हमारी करपना से कहीं ज्यादा जटिल और उन्नत थी
06:25यह हमें सोचने पर मजबूर करता है कि हम कितना कम जानते हैं अपने अतीद के बारे में
06:30बिल्कुल, यह जगा एक सवाल की तरह खड़ी है, क्या यह सिर्फ इंसानी आस्था की भव्य शुरुवात थी
06:36या कोई ऐसी कहानी जिसका सिर्फ अब तक हमारे हाथ नहीं लगा है, कोई अनकहा राज
06:42शायद और शायद यही इसकी खुबसूर्ती है
06:44इसी विचार के साथ आज के लिए इजाज़त चाहते हैं, उम्मीद है आपको यह जानकारी दिल्चस्त लगी होगी
06:50मिलते हैं अगली बार एक और ऐसे ही रोमांचक विशे के साथ
06:54तब तक के लिए अलविदा

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