Jinnah Ke Purvaj Kaun The: जिन्ना के पिता हिंदू परिवार में पैदा हुए थे और उसका परिवार गुजरात के काठियावाड़ा के पनेली गांव में रहता था. जिन्ना के दादा का नाम प्रेमजीभाई मेघजी ठक्कर था और वो मछली के बहुत बड़े व्यापारी थे और ये कारोबार विदेशों तक फैला हुआ था. वो लोहना जाति से ताल्लुक रखते थे, जो मूल तौर पर वैश्य होते हैं और गुजरात, सिंध और कच्छ इलाके में होते हैं. उनकी जाति के लोगों को उनका कारोबार पसंद नहीं था. लोहना समुदाय के लो कट्टर शाकाहारी थे. इस वजह से उनका विरोध होने लगा.Jinnah Ke Purvaj Kaun The:Mohammad Ali Jinnah Ke Mata Pita,Parivar,History In Detail
00:00भारत पाकिस्तान की जंग की बीच जहां भारत पाकिस्तान की हर हमले का मूँतोड जवाब देता हूँ नजर आ रहा है तो वहीं पाकिस्तान को अस्तत्व को लेकर भी लोग सवाल उठा रहे हैं
00:16ये तो हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान के काय में आजाद मुहम्मद जिन्ना को लेकर भी सोशल मीडिया पर तमाम तरह के दावे किये जा रहे हैं
00:25तो आईए से वीडियो में आपको बताते हैं आखर मुहम्मद अली जिन्ना कौन थे? कहां से आये थे? इनके पूरवज क्या हिंदू थे? इनके माता पिता क्या करते थे?
00:37नमस्कार मैं हूँ सूक्रती रोई चैटर जी और बोल्स काई में आप सभी का स्वागत है
00:42मुहम्मद अली जिन्ना का जन्म 25 दिसंबर 1886 को कराची में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है लेकिन तक ब्रटिश अंडिया का हिस्सा था
00:51हलाके जिन्ना के पूरवज गुजरात में राजकोट जिले के पानेली मोटी गाउं के रहने वाले थे
00:58जिन्ना के पिता का नाम जेना भाई ठककर और दादा का नाम पूंजा भाई ठककर था
01:03पिता एक सम्रद्ध व्यापारी थे जिन्ना की माता का नाम मीठी बाई था
01:08काय में आजाद के माता पिता बिजनस के सिलसले में कराची जाकर बस गए थे
01:13वहीं पर जिन्ना का जन्म हुआ
01:15एक रिपोर्ट की माने तो गुजराट स्थत जिन्ना के पूरवजों का घर आज भी वह मौजूद है
01:20वर्तमान में उस घर में प्रवीन भाई पूपट भाई पोकिया रहते हैं
01:24घर को प्रवीन भाई के दादा ने खरीदा था
01:26प्रवीन बताते हैं किस घर में जन्ना के दादा और पता रहा करते थे
01:30रिपोर्ट्स की माने तो गाउं के ही एक सत्तर साल के व्यक्ति का कहना है
01:35कि जन्ना के पूरवज लोहाना ठक कर जाती के थे
01:38पूंजा भाई ने जब जींगा मशली बेशने का काम शुरू किया
01:41तब लोहाना ठक कर जाती के लोगों ने उनके परिवार को बहिश्कृत कर दिया
01:45इसके बाद परिवार ने इसलाम धर्म अपना लिया और खोजा मुसल्मान बन गए
01:50वही जन्ना जन्म से और उनके पूरवज भी हिंदू ही थे
01:53साथी मशली बेशने के व्यापार उससे जाती के भीतर शुरू हुए विरोध का ही करण था
01:58कि उन्होंने इसलाम धर्म अपनाया
02:00परिवार के सबी सदस्यों का नाम हिंदू की तरह था और उससे कोई परिशानी भी नहीं थी
02:19लेकिन करांची में मुसलिम आबादी के बीच रहते वे जेना भाई अपने बेटे का नाम कुछ ऐसा रखना चाहते थे
02:25जिससे की वो सुरक्षत रहे इस योजना के तहट जेना भाई और मीठी भाई ने अपने बेटे का नाम मुहमद अली रखा
02:31लेकिन साथ ही गुजरात में जिस तरह के नाम के पीछे पिता का नाम जोड़ा जाता है उस परंपरा को भी जारी रखा
02:37इसले उनका पूरा नाम हुआ मुहमद अली जेना भाई शुरुवाती पढ़ाई घर में ही गुजराती भाषा में हुई
02:44बाद में जेना भाई ने करांची में शीर्ष की मैनेजिंग एजनसी डगलस ग्राहम एंड कम्पनी के महा प्रबंधक सर फ्रेडरिक ली क्रॉफ्ट के सुझाव पर मुहमद अली जेना भाई को 1892 में बिजनस सीखने के ले लंडन भीजा
02:58वही उन्होंने जेना भाई का अंग्रेजी करन करते हुए जिन्ना कर दिया
03:02कारोबायर सीखने के ले गए जिन्ना ने बाद में वही पढ़ाई शुरू कर दी
03:06लंडन जाने से पहले जिन्ना की मा ने उनकी शादी पानेली मोटी गाउं की ही 11 साल की एमी बाई से करवा दी थी
03:14हाला कि जिन्ना कभी एमी बाई को देख नहीं पाए क्योंकि उनके लंडन से लोटने से पहले ही एमी बाई की मौत हो गई