Caste Census: केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने जातिगत जनगणना करवाने की लंबे वक्त से चली आ रही मांग को हरी झंडी दिखा दी है… और अब जातीय जनगणना की घोषणा को देश की विपक्षी पार्टियां अपनी जीत बता रही हैं, लेकीन क्यों ? | BJP On Caste Census | NDA Government | Rahul Gandhi | PM Modi
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00:00केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवाई वाली सरकार ने जातीगत जनगर्णा करवाने की लंबे वक्त से चली आ रही मांग को हरी जंडी दिखा दी है
00:13और अब जातीए जनगर्णा की घोशना को देश की विपक्षी पार्टियां अपनी जीत बता रही हैं खास कर कॉंग्रेस और समाजवादी पार्टियों का कहना है कि केंद्र पर उनके लंबे समय से चले आ रहे दवाब की वज़े से इसकी घोशना की गई है
00:28तो ऐसे मैं ये जानना बेहत जरूरी हो जाता है कि जातीगत जनगर्णा के पक्ष और विपक्ष में क्या क्या तरक दिये जाते रहे हैं यानि इसे पक्ष और विपक्ष कैसे देखता है
00:40लेकिन आगे बढ़ने से पहले हम ये भी जान लेते हैं कि आखिर जातीगत जनगर्णा है क्या
00:46तो देखिए इसका सीधा सा मतलब है कि देश में रहने वाले अलग-अलग जाती के लोगों की गिनती
00:51यानि ऐसी जनगर्णा जिससे देश में किस जाती के कितने लोग रहते हैं
00:56उनकी गिनिती करके साफ तोर पर आकड़े सामने रखे जा सके
00:59अब ऐसा नहीं है कि भारत में जातीगत जनगर्णा पहली बार हो रही है
01:04क्योंकि ये पहले भी हो चुकी है
01:06लेकिन उसमें OBC को शामिल नहीं किया जाता था
01:10इसलिए अब जब भी इसके बारे में चर्चा होती है
01:13तो सबसे पहला और सबसे बड़ा सवाल यही आता है
01:16कि देश में OBC कितना बड़ा बन चुका है
01:19और समाज के कितने लोग अब देश में रह रहे हैं
01:23ऐसे में अब जब जाती गत जनगर्णा कराई जाएगी
01:26तो सबी की नजरे इस बात पर टिकी होंगी
01:29कि देश में OBC के लोग कितने प्रतीशत है
01:31अब इस पर भी एक सवाल और है
01:33कि ऐसी जनगर्णा की जरूरत क्यों पड़ी
01:36दरसल देश में जब मंडल आयोक की सिफारिश लागू की गई
01:39तब बताया गया था कि देश में OBC की आबादी लगवक 52% है
01:43हाला कि तब जब प्रधान मंतरी वीपी सिंग की अगवाई वाली केंद्र सरकार
01:47ने 52% का जो आकड़ा दिया था
01:50वो साल 1931 की जनगड़ना पर आधारित था
01:53इसलिए इसके सटीक होने पर सवाल उठने लगे
01:56कहा गया कि वक्त के साथ देश में OBC आबादी बदल चुकी है
02:01और इसलिए सरकार के आकड़े को सही नहीं माना जा सकता
02:04दरसल जातीगत जनगड़ना के पक्षुदर राजनितिक दल वास्तम में चाहते थे
02:09कि जातीगत जनगड़ना कराई जाए
02:11इसलिए वो इस आकड़े को कम मानते हुए इसे मानने के लिए तैयार नहीं थे
02:16और अब सबसे ज़रूरी सवाल कि इस पर तर्क क्या दिये जाते है
02:19जातीगत जनगड़ना का समर्दन करने वाले का मानना है
02:23कि इसके जरीए पिछड़े और अती पिछड़े वर्ग के बारे में बहुत कुछ पता चल सकता है
02:28यानि एजुकेशन क्या है, सामाजिक्ता क्या है, और आर्थिक और राजनीतिक स्थिती कैसी है
02:34और तभी आकड़ों की साफ तस्वीर सामने आ सकती है
02:37और तब जाकर सरकार इन वर्गों के लिए और भी जादा मजबूत नीतिया बना पाएगी, इनकी मदद कर पाएगी
02:43आला कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने एक नेड़ने में साफ कहा है
02:46अब दूसरा तर्क दिया जा रहा है कि इससे भेदभाव कम हो जाएगा
02:56या दूर हो जाएगा
02:58असल में साल 2023 में बिहार में जातिगत जनगर्णा कराई गई थी
03:02इसमें पता चला कि 84 प्रतीशत आबादी, OBC और Very Backward Class और अनुसुचित जाती की
03:09कहा जा रहा है कि इससे सरकार को इनके लिए नीतियां बनाने में आसानी होगी
03:13जातिगत जनगर्णा का विरोध करने वालों का तर्क है कि अगर इस जनगर्णा में OBC की आबादी जादा निकली
03:19तो सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तैगी गई आरक्षण की सीमा पार करनी पड़ी
03:23इससे OBC को और भी जादा आरक्षण मेलेगा यही नहीं
03:27कुछ लोगों का तर्क ये भी है कि ऐसे किसी भी जनगर्णा से देश्ट में जातियों में और जादा बटवारा हो सकता है
03:35अब एक तर्क ये भी दिया जाता है कि जाती के आधार पर भीदवाओ वैसे ही अवैद है
03:40ऐसे में जातिकत जनगर्णा कराई जाती है तो ये जाती विवस्था को और भी जादा मजबूती दे सकता है
03:47अब ऐसे लोगों का कहना है कि जाती के आधार पर बाटने की बजायद देश के सभी नागरेकों को वेक्तिकत अधिकार और समान अवसर देने पर ध्यान देना चाहिए
03:57तो अब आपने पक्ष और विपक्ष दोनों के तर्क सुने
04:00आपका इस बारे में क्या खयाल है क्या कहना है कि जाती के जनगर ना होना कितना सही है और कितना गलत कॉमेंट में बताना ना पूले