00:00दोस्तों, आज की कहानी मेरी और मेरे पडोस में रहने वाड़ी दीदी की है.
00:06आसा है आप सब को कहानी बहुत पसंद आईगी.
00:10अगर कहानी अच्छी लगे तो एक लाइक जरूर कर देना.
00:14चैनल पर बहली बार आए हो तो चैनल को सबस्क्राइब कर लेना.
00:18दोस्तों, मैं यूपी के चंदोली का रहने वाला हूँ.
00:25मेरा नाम लग्की है और मैं बेसी फर्स्ट येर का स्टुडेंट हूँ.
00:29यह कहानी मेरी और मेरे पडोस में रहने वाली एक लड़की की है,
00:35जिसका नाम कुमल है.
00:37वो मेरे से उम्र में बड़ी है.
00:40मैं उसको कुमल दीदी बोला करता हूँ.
00:44वा अभी बेसी कर चुकी है और रहमेसी कर रही है.
00:48कुमल का घर मेरे घर के बिलकुल बगल वाला ही है.
00:52तो हम दोनों के घरवालों में अच्छी जमती है.
00:55एक दिन उन्होंने कहा तुम रोज कॉलेज जिसे आने के बाद मेरे घर आ जाया करू.
01:02मैं उसके घर जाता हूँ,
01:03तो उसे अपनी पढ़ाई के बारे में चर्चा होती रहती है.
01:07एक दिन उन्होंने कहा तुम रोज कॉलेज जिसे आने के बाद मेरे घर आ जाया करूं
01:13तो तुम्हारे सब्जक्स को अच्छे से समझा दिया करूंगी
01:17मैंने हामी भरती और अब मैं रोज कॉलेज जिसे आने के बाद उनके घर चला जाता था
01:24हम दोनों चत पर जाकर थोड़ा इस्टरी करते और उसी दोरान हम दोनों के बीच हलका-फुलका मजाग भी हो जाता
01:33कुछ ही समय में यह हो गया था कि इस्टरी कम होती और मजाग ज्यादा होने लगा था
01:39हम दोनों अब बिलकुल पक्के दोस्तों की तरह एक दूसरे के साथ अच्छा बहवार करने लगे थे
01:46उसके दो भाई भी हैं वे दोनों बाहर रहकर इस्टरी करते हैं
01:52सारा दिन वहाँ अपने घर पर दादा-दादी के साथ ही रहती है
01:56उसकी मम्मी की मृत्यू हो गई है और पापा अभी विदेश में जॉब करने गए है
02:01तो घर का सारा काम उसी को करना पड़ता था
02:05हम दोनों को ऐसे ही पढ़ाई के साथ मजाक आदी करने लगे थे
02:10और यहाँ सब रोजाना चलने लगा था
02:14एक दिन उसने मुझे से पूछा तुम्हारी कोई जी अफ है
02:18मैंने बोला नहीं
02:21उसने तपाक से कहा अरे तो कब बनाओगे
02:24क्या जब मुझे हो जाओगे तब
02:27मैंने कहा यार कोई धंकी लड़की मिलती ही नहीं है
02:31तो ऐसे कैसे गलफरन बना लू
02:34उसने पूछा तुमको ऐसे कैसी लड़की चाहिए
02:38जो तुम्हें कोई नहीं मिल रही है
02:40मैंने कहा वह कम से कम तुम्हारी तरह हो तुही सुचूंगा
02:45तो उसने पूछा मेरी तरह का क्या मतलब है
02:48मैंने बोला केरिंग हो
02:51खोट हो और intelligent भी हो तो जरूर बना लेता
02:55इस पर उसने बोला अच्छा यह मसला है
02:59मैंने उससे पूछा हा यह मसला है
03:02अब तुम बताओ तुम्हारा कोई भी F है क्या
03:06उसने बोला हा है
03:08तो मैंने कहा उससे मिलती हो
03:11वह बोली यार बात तो हो जाती है पर मिलना नहीं हो पाता
03:16फिलाल उससे मिले चार महीने हो गए हैं
03:21तब से अब तक हम नहीं मिल सके हैं
03:24मुझे बाहर जाने का टाइम ही नहीं मिलता है
03:26तो कहां से मिलो
03:28मैंने पूछा अच्छा कहां कहां घुमी हो उसके साथ
03:33उसने कहा यार वहा मुझे लेकर तो कई बर गया पर घुमने का टाइम ही नहीं मिला
03:38मैंने कहा इसका क्या मतलब हुआ
03:41जब साथ जाती हो तो और कैसा घुमना चाहती हो
03:46उसने कहा अरे वहा सब छोड़ो
03:49मैंने कहा ओके और बताओ उसके साथ क्या चल रहा है
03:53उसने बताया वह घहरा जाता है
03:57खाने बीने के बाद हम दोनों का ऐसा रहता है
04:01कि थोड़ा सा रेश्ट किया और उसके बाद जरा सा भी टाइम नहीं मिलता
04:05मैंने कहा अरे तु रेश्ट क्यों करते हो उसी समय घून लेना चाहिए न
04:10उसने कहा जब तुम्हारी जी एफ होगी और बाहर घूने ले जाओगे
04:16तो सब पता चल जाएगा कि रेश्ट क्यों करना होता है
04:19मैं समझ गया कि ये क्या बात करना चाह रही है
04:23फिर मैंने पुछा अच्छा बाहर घूने कितनी बार गई हो
04:27उसने कहा गई तो कई बार हूँ पर घून नहीं पाते
04:32मैंने कहा अच्छा घून नहीं पाती हो कुछ हुआ भी है
04:36उसके साथ या बस ऐसे ही रेश्ट भी
04:39वह बोली ठीक है पहले खिड की दर्वाजा बंद कर लो
04:44फिर तेल लगा कर थोड़ी मालिस कर दो
04:46मैंने ऐसे ही किया उसने लोर पहना था
04:49और उपर टी-शर्ट डाली थी मैंने उसकी टी-शर्ट को हटा दिया
04:53और उसकी पीट पर मालिस करने लगा
04:55अब वह मुझे लेटी हुई आजीब सी नजरों से देखने लगे थी
04:59मैंने पूछा क्या देख रही हो
05:01वह बोली यार सच में तुम्हारे जैसा बॉइफ्रेंड होना चाहिए
05:04कितनी अच्छी मालिस करते हो
05:06मैंने बोला मैं सब अच्छे से करता हूँ
05:09मैडम आप मौका कहां देती हो वह भी
05:12समझ रही थी कि मैं क्या इसारा कर रहा हूँ
05:15उसने अब अपने लोवर को थोड़ा सा नीचे
05:18किसका कर जगा बनाते वे इसारा किया
05:21मैंने उसकी पीट से होते वे कमर को थोड़ी देर तक सहलाया
05:25और देर लगा कर मालिस करने लगा
05:27उसका lower lose होने से मेरा हाथ थोड़ा नीचे तक जाने लगा था, मैं उसकी कमर का मालिस कर रहा था, मेरा ध्यान नहीं, था कि मेरा हाथ कब चला गया और उसका एहसास तब हुआ, जब मेरे हाथ को एक अलग सा फिल दिया, मैंने महसूस किया कि मेरे हाथ के लग जाने से उसने क�
05:57जोर से दबाते हुए मालिस किया तो इस बार वह मचल गई और बोली बस करो तुम्हारा इरादा ठीक नहीं लग रहा है, तुम बत्तमी जी कर रहे हो, मैंने कहा, यार एक तो मैंने तुम्हारी कमर की मालिस की और तुम्हें इसे बत्तमी जी बोल रही हो, चलो, अब मुझे
06:27वह भी शारा समझ रही थी मैं मुस्कुरा दिया तो वह जट से बोली अभी मैं कुछ भी चार्ज नहीं दे सकती तुम दो तीन दिन के बाद अपने सर्वीस का चार्ज ले लेना तभी मैं समझ गया मैं उससे एलग हो गया और हम दोनों के बीच एसी ही उल्टी सीथी बातते ह
06:57जाता था उससे जड़ा पहले आ गया वह संडे का दिन था तो मैं भी फ्री था मैं उसके रूम में गया वह नहीं दिखी
07:04मैं समझ गया कि वहाँ पक्का बात्रूम में होगी मैंने ध्यान दिया तो बात्रूम से पानी गिरने की आवाच आ रही थी और वहाँ कुछ गुन गुना रही थी
07:14मैंने बिस्तर पर देखा तो उसके कपड़े रखे थे मैं उधर ही बेट पर बैड़ गया उसे पता नहीं था कि मैं कमरे में आ गया हूँ और बेट पर बैठा हूँ
07:27वह नहा कर एकदम से बात्रूम से निकली जैसे ही उसकी नजर मेरे उपर पड़े वह घबरा गये मैं उसकी कपड़ों पर ही बैठा था उसने खुद को संग्यत करते हुए कहा मेरे कपड़े दे दू मैंने कहा आओ खुद ही ले जाओ जब वह कपड़े लेने आई और कप�
07:57देखेगा दर्वाजा बंध है वह बोली जल्दी से अपना चार्ज ले लो नहीं तो कोई दूसरा आ जाएगा तुम्हारी जगा मैंने यह सुनते ही अपना हाद रखा वह बोली पागल हो तुम मैं उसकी बात को सुना करते हुए लगा रहा वह भी अब पूरे मूड में आ
08:27सही होता तो तुमको चांस क्यों मिलता मैंने कहा मजा आ रहा है वह बोली हाँ बहुत मैं कहा मानने वाला वह देख रही मैंने उसे जोर से खीच लिया तो वह गिर गई उसने जहबट कर तोलिये को ले लिया मैंने उस पर अपना हाद रख दिया वह सहम गई और शर्मा भी �
08:57तुम्हारी जगा मैंने यह सुनते ही अपना हाद रखा वह बोली पागल हो तुम मैं उसकी बात को सुना करते हुए लगा रहा वह भी अब पूरे मूड में आ गई थी वह उसी तॉलिये से पूछने लगी थोड़ी दिर बात मैंने उसे फिर अपने बास खीचा वह बोली साल
09:27कहा मानने वाला वह देख रही थी मैंने कहा यार मजा नहीं आया मेरा फिर मूड बन रहा है वह बोली तो अब क्या करना है मैंने कहा यार वह तो बस ऐसे ही स्टार्ट अप था वह बोली रूको पहले मैं देख कर आती हूं कि कोई आया तो नहीं है फिर वह बाहर गई और द
09:57आया था सच में तुम बड़े खिलाडे निकले मैं तो तुमें छोटा समस्ती थी मैंने कहा मैं तुमारे जैसा ही हूँ वह हसने लगी उस दिन से हम दोनों बिलकुल खुल गए है और अब जब भी मन होता है उससे बोल देती है अब तो उसने अपने ब्राइफरेंड को भी क�