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  • 5/9/2025
Bhai bahan story | suvichar|new emotional story|moral story in hindi #emotions #suvichar #romance #Romantic

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Transcript
00:00मेरा छोटा भाई हमेशा मुझे घूर-घूर कर देखता रहता था, जैसे कि मुझे कच्चा ही खा जाएगा. मैं उसकी गहरी नजरों को समझ नहीं पा रही थी. मैं तो अपने भाई को बहुत ही शरीफ समझती थी.
00:15लेकिन एक दिन उसने मुझे कोई ऐसा काम करने को बोला, जिसे सुनकर मेरे तो होश ही उड़ गए. और फिर कुछ ऐसा हुआ, कि हेलो दोस्तों, मेरा नाम अनू है और मैं अभी BTC की पढ़ाई कर रही हूँ.
00:31मैंने प्राइमरी स्कूल में टीचर के लिए परीक्षा भी दिया है. हमारे घर में कुल चार लोग रहते हैं. मैं, मेरा भाई और मेरे मम्मी पापा. मेरी उम्र अभी 24 साल है. मैं अपने शरीर को पूरा मेंटेन करके रखती हूँ और रोज सुबा व्यायाम भी करती हूँ
01:01एक दोस्त की तरह रहते हैं. जिस वज़ा से हम दोनों आपस में हर बात भी शेयर करते हैं. एक दिन मैं अपने भाई से कुछ सीक्रेट बाते कर रही थी. मैंने उससे पूछा, सचिन तुम्हें कोई पसंद है क्या?
01:16सचिन बोला नहीं दी दी. अभी तक ऐसी कोई नहीं मिली. अगर आप जैसे मिले, तब तो प्रयास करूँगा. इतने में वहाँ पर मम्मी आ गई और सचिन को किसी काम से बाहर लेकर चली गई.
01:31मेरे भाई के मुंग से आप जैसी बात सुनकर मेरे तो होश उड़ गए थे. मैं बस उसके ही बारे में सोच रही थी. यहीं सब सोचते सोचते कब मेरी आँख लग गई? मुझे पता ही नहीं चला. फिर जब मैं उठतो मैंने देखा, घर में कोई भी नहीं था.
01:53शायद मम्मी और सचिन अभी तक नहीं आए थे. फिर मैं बातरूम में जाकर नहाने लगी. तब ही मा और सचिन भाई मार्केट से आ गए, तो मैं उनके पास जाकर बाते करने लगी. फिर वह अपने स्कूल चला गया और मैं भी अपने कॉलेज चली गई. मैं अपने कॉले�
02:23तब ही मेरी एक सहली मेरे पास आई और बोली, अरे अन्तो क्या सोच रही हो? मैंने कहा, मैं तो कुछ भी नहीं सोच रही हूँ. फिर मैंने उससे पूछा, नहा, यार कोई उपाय बताओ की कैसे पैसा कमाया जाए? क्योंकि अब तो हमारा कॉलेज भी खत्म होने वाला है.
02:53फिर हम दोनों अपने अपने घर की तरफ जाने लगी, क्योंकि हमारा क्लास खत्म हो चुका था. मेरी सहली अपने घर की तरफ जाने लगी. एर मैं भी अपने घर की तरफ जा रही थी. तभी मैंने रास्ते में अपने भाई सचिन को देखा. उसको देख कर तो मेरे होश ही �
03:23मुझे उस पर काफी ज्यादा गुसा आ रहा था
03:26क्योंकि पापा इतनी मेहनत करके पैसा लाते हैं
03:30और हमें पढ़ने के लिए देते हैं
03:32लेकिन यह सारा पैसा बरबाद कर रहा है
03:35फिर मैं उसी गुसे में घर चली आई
03:38और सचिन के आने का इंतजार करने लगी
03:42कि मैं मम्मी पापा को भी ये सब बाते बताना चाहती थी
03:46लेकिन मैंने नहीं बताया कि शायद उन्हें ठेस पहुचेगी
03:50फिर शाम के समय जब सचिन घर आया
03:54तो मैं उसके कमरे में गई और देखा तो वह टीवी देख रहा था
03:58मैंने उससे पूछा
04:00सचिन तुम मार्केट में ऐसे क्यों घूम रहे थे
04:04उनके साथ मत रहो वरना तुम्हें बरबाद कर देंगी
04:08उसने कहा नहीं दीदी मैं तो घूमू
04:12उनके साथ घूमने में काफी मज़ा आता है और मेरे लिए यही सही है
04:17अब नहीं घूमू तो कब घूमू
04:20वह मुझे गुसे में बोल रहा था
04:23मैंने उसे बहुत बार समझाया कि तुम ऐसा मत करो
04:28लेकिन वह नहीं मान रहा था
04:30मेरे बहुत कोशिशों के बाद वह बोला
04:34ठीक है उनके साथ नहीं घूमू
04:36लेकिन मेरी भी एक शर्त है
04:39अगर तुम पूरा करोगी
04:40तो मैं उनके साथ रहना भी छोड़ दूँगा
04:43मैं बोली हाँ बताओ
04:46क्या शर्त है तुम्हारी
04:48तो सचिन तुरंत बोला
04:51जैस पर सचिन बोला
04:53तो फिर ठीक है मुझे मत समझाओ
04:55मैं जो भी कर रहा हूँ
04:57तुम मुझे मत बोलो
04:59फिर मैं बोली
05:01चलो ठीक है
05:02शाम को सोच कर बताती हूँ
05:05इतना कहकर
05:07मैं उसके कमरे से
05:08अपने कमरे में चली गई
05:10और बैठ कर सोचने लगी
05:11अब मुझे पूरी तरके से
05:13घूर घूर कर देखता था
05:15मेरे भाई की कही हुई
05:17बातों को सोच सोच कर
05:19मेरी टेंशन बहुत ही ज्यादा बढ़ गई थी
05:22मैं अब तक यह सब एक्सपेक्ट भी नहीं किया था
05:26कि मेरा भाई भी ऐसा कुछ करने की सोच सकता है
05:29मुझे तो लगा था कि मेरा भाई बहुत शरीफ है
05:34और आगे चलकर वह घरवालों का सहारा बनेगा
05:37और घरवालों को अच्छा खासा कमा कर लाकर देगा
05:40लेकिन वह तो अभी से गलत कामों में पढ़ गया था
05:43लेकिन यहाँ बाते सुनने के बाद मुझे एहसास हो गया था
05:47कि मेरा भाई खुद के साथ साथ घरवालों की और मेरी भी जिन्दिगी खराब करने वाला है
06:07कि अब मैं क्या करू अगर मैं हा नहीं बोलूंगी तो वह उनके चक्कर में बरबाद हो जाएगा
06:13और उसकी पढ़ाई भी खराब होगी मैं उसे पती पत्नी के जैसे रहने के लिए भी नहीं बोल सकती थी
06:19क्योंकि दुन्या की नजरों में वह मेरा भाई था फिर मेरे दिमाग में अचानक खयाल आया कि शायद यहाँ बाद घर में ही रहेगी इससे हमारे घरवालों की जिन्दगी भी बची रहेगी और मेरा भाई भी सुधर जाएगा यही सब सोचते सोचते मैं सो गई फिर जब
06:49है सचिन मुझे तुम्हारी शर्ट मंजूर है लेकिन चलो पहले हम शॉपिंग करेंगे फिर मैंने उससे कहा कि यहाँ बाद बाहर किसी को पता नहीं लगना चाहिए और तुम भी किसी के साथ आज के बाद दिखाई मत देना वह बोला ठीक है आज के बाद आप जैक कहोगी
07:19लगी क्यों की आज रविवार था तो
07:22भाई बहुत ज्यादा सुधर गया है वह किसी के साथ घूमता भी नहीं है सिर्फ पढ़ाई करता है और घर आकर मेरे साथ एकडम पती पतनी की तरह रहता है इस तरह से हम लोग खुशी खुशी रहने लगे आप लोग प्लीज मुझे गलत मत समझना मुझे तो मजबूरी म
07:52फिर कौन रखेगा लगबक चार महिने बाद मेरी जॉब का जॉइनिंग लेटर भी आ गया और मैं वहाँ चली गई अब हमारा परिवार भी अच्छे
08:01से चलने लगा था हमार घर में सभी लोग बहुत खुश है और मेरा भाई सचिन भी अपनी जिंदगी में कुछ अच्छा करने की राह पर चल रहा है इस तरह से मैं और मेरे भाई ने एकदम पती-पतनी की तरह रहकर हमारे घर को बचा लिया और आगे तो आप सब समझ ही सक

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