भगवान् शिव समस्त व्याधियों के हर्ता तथा अपने भक्तों को शीघ्र ही मोक्ष प्रदान करने वाले हैं | शिवपुराण में भगवान् शिव की अनन्त महिमा का वर्णन किया गया है | श्रीमत् शंकराचार्य कृत इस शिव स्तोत्र में तीन श्लोक हैं, जो मनुष्य को त्रिविध (आधिदैविक, आदिभौतिक, आध्यात्मिक ) तापों से मुक्त करता है | जिनमें भगवान् शिव के विभिन्न स्वरूपों के विषय में बताया गया है | जो भी मनुष्य प्रातः काल जागरण कर भगवान् शिव के विभिन्न स्वरूपों का स्मरण करता है, उसके समस्त दुःख समाप्त हो जाते हैं, तथा अन्त में भगवान् शिव के परमधाम को प्राप्त करता है |