हनुमानजी के पंचमुखी रूप और अहिरावण का वध !
- 18 days ago
हनुमानजी के पंचमुखी रूप और अहिरावण का वध !
The Panchmukhi Avatar of Hanuman and the Slaying of Ahiravan.
#shortsfeed2024 #ytshort #ramayan #panchmukhihanuman
इस वीडियो में हम आपको रामायण के एक अद्भुत और महत्वपूर्ण प्रसंग के बारे में बताएंगे। जब भगवान राम और रावण के बीच भीषण युद्ध हो रहा था, तब रावण ने अपने मायावी भाई अहिरावण से सहायता मांगी। अहिरावण, जो मां भवानी का परम भक्त था और तंत्र विद्या का ज्ञानी था, ने भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण कर लिया और उन्हें पाताल लोक ले गया।
भगवान राम और लक्ष्मण को बचाने के लिए हनुमानजी ने पंचमुखी रूप धारण किया। इस रूप में उन्होंने पांच मुखों के साथ अहिरावण के जलाए पांच दीपकों को एक साथ बुझाया और उसका वध कर दिया। इस अद्वितीय घटना ने राम और लक्ष्मण को अहिरावण के बंधन से मुक्त किया।
हनुमानजी के पंचमुखी अवतार के प्रत्येक मुख का विशेष महत्व है:
1. पूर्व दिशा का वानर मुख: दुश्मनों पर विजय प्रदान करता है।
2. पश्चिम दिशा का गरुड़ मुख: जीवन की रुकावटों और परेशानियों को खत्म करता है।
3. उत्तर दिशा का वराह मुख: लंबी आयु और कीर्ति की प्राप्ति करता है।
4. दक्षिण दिशा का नृसिंह मुख: जीवन में आ रहे तनाव और मुश्किलों को दूर करता है।
5. आकाश की ओर अश्व मुख: मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला माना गया है।
The Panchmukhi Avatar of Hanuman and the Slaying of Ahiravan.
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इस वीडियो में हम आपको रामायण के एक अद्भुत और महत्वपूर्ण प्रसंग के बारे में बताएंगे। जब भगवान राम और रावण के बीच भीषण युद्ध हो रहा था, तब रावण ने अपने मायावी भाई अहिरावण से सहायता मांगी। अहिरावण, जो मां भवानी का परम भक्त था और तंत्र विद्या का ज्ञानी था, ने भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण कर लिया और उन्हें पाताल लोक ले गया।
भगवान राम और लक्ष्मण को बचाने के लिए हनुमानजी ने पंचमुखी रूप धारण किया। इस रूप में उन्होंने पांच मुखों के साथ अहिरावण के जलाए पांच दीपकों को एक साथ बुझाया और उसका वध कर दिया। इस अद्वितीय घटना ने राम और लक्ष्मण को अहिरावण के बंधन से मुक्त किया।
हनुमानजी के पंचमुखी अवतार के प्रत्येक मुख का विशेष महत्व है:
1. पूर्व दिशा का वानर मुख: दुश्मनों पर विजय प्रदान करता है।
2. पश्चिम दिशा का गरुड़ मुख: जीवन की रुकावटों और परेशानियों को खत्म करता है।
3. उत्तर दिशा का वराह मुख: लंबी आयु और कीर्ति की प्राप्ति करता है।
4. दक्षिण दिशा का नृसिंह मुख: जीवन में आ रहे तनाव और मुश्किलों को दूर करता है।
5. आकाश की ओर अश्व मुख: मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला माना गया है।