पौराणिक मान्यता के अनुसार चार माह तक श्रीहरि का शयनकाल चलता है और परिवर्तिनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु निद्रा अवस्था में करवट लेते हैं। कहते हैं इस दिन एकादशी की व्रत कथा सुनने मात्र से व्यक्ति का जीवन भी दुख से सुखी जिंदगी की ओर करवट लेता है। कहते हैं इस व्रत को करने से दुर्भाग्य दूर रहता है।
भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा कि जो भी व्यक्ति परिवर्तिनी एकादशी के दिन उनके वामन स्वरूप की पूजा करता है, उसे तीनों लोकों की पूजा करने का फल मिलता है।