परिवर्तिनी एकादशी का व्रत गणेश उत्सव के दौरान रखा जाता है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु और गणपति की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। पौराणिक मान्यता है कि परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखने से वाजपेय यज्ञ के समान पुण्य मिलता है। परिवर्तिनी एकादशी को जलझुलनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं कि जो कोई इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसके सारे पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं, और पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
इस दिन कई जगहों पर वामन देव की पूजा भी की जाती है। इस व्रत को पूरे विधि विधान से करने से व्यक्ति को भय, रोग, दोष इत्यादि से मुक्ति मिलती है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखने से कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति में सुधार आता है और चंद्र देव आपसे प्रसन्न होते हैं।