#Shattila Ekadashi Vrat Katha #षट्तिला एकादशी व्रत कथा #Shattila Ekadashi #षट्तिला एकादशी

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षट्तिला एकादशी व्रत में तिल का छ: रूप में प्रयोग करना उत्तम फलदायी होता है। जो व्यक्ति जितने तिल का दान करता है उसे उतने हज़ार वर्ष स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है। ऋषिवर ने जिन 6 प्रकार के तिल प्रयोग की बात कही है वह इस प्रकार हैं -

1. तिल मिश्रित जल से स्नान 2. तिल का उबटन 3. तिल का तिलक 4. तिल मिश्रित जल का सेवन 5. तिल का भोजन 6. तिल से हवन।

इस प्रकार छः रूप में तिल का प्रयोग करें और किसी श्रेष्ठ ब्राह्मण को बुलाकर उन्हें भी तिल का दान दें।

इस प्रकार जो षट्तिला एकादशी का व्रत रखते हैं भगवान उनको अज्ञानता पूर्वक किये गये सभी अपराधों से मुक्त कर देते हैं और पुण्य दान देकर स्वर्ग में स्थान प्रदान करते हैं। इस कथन को सत्य मानकर जो भगवत् भक्त यह व्रत करता है उसका निश्चित ही प्रभु उद्धार करते हैं।

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