एक दौर था जब देश की राजनीति की धुरी में कांग्रेस (Congress) हुआ करती थी। राजीव गांधी (Rajeev Gandhi) का दौर जा चुका था, पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) थीं और साल था 1999 का। ये वो साल था जब देश में आम चुनाव (General Election) (Election) होने वाले थे। सत्ता में बने रहने के लिए कांग्रेस का मुकाबला बीजेपी (BJP) से था, और दांव पर लगी थी कांग्रेस की वो सीटें, जिसे कांग्रेस का मजबूत गढ़ समझा जाता था। अमेठी (Amethi) और रायबरेली (Raebareli) की सीट कांग्रेस किसी कीमत पर गंवाना नहीं चाहती थी। लेकिन 1999 के चुनाव में बीजेपी ने एक ऐसा दांव खेल दिया था, कि रायबरेली की सीट कांग्रेस के लिए बेहद चैलेंजिंग बन गई थी। इस सीट से बीजेपी ने अरूण नेहरु (Arun Nehru) को मैदान में उतार दिया था। अरुण नेहरु कोई और नहीं बल्कि रिश्ते में राजीव गांधी के ही चचेरे भाई लगते थे। लिहाज़ा ये सीट फंसी हुई लग रही थी। लेकिन इस बीच प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने कम शब्दों में कुछ ऐसा कहा, जिसने पूरी चुनावी बाज़ी को ही पलटकर रख दिया।