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केदारनाथ में खच्चर चलाने वाला बना IITian! पहाड़ों को चीरकर IIT मद्रास पहुंचा रुद्रप्रयाग का अतुल।

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग (Rudraprayag in Uttarakhand) के छोटे से गांव बीरों-देवल के अतुल कुमार ( Atul Kumar )की यह कहानी आपके दिल को छू जाएगी और आपको प्रेरणा से भर देगी। आर्थिक तंगी के चलते 8वीं कक्षा से केदारनाथ यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चर चलाकर परिवार का पेट पालने वाले और अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने वाले अतुल ने आज इतिहास रच दिया है।
अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर अतुल कुमार ने IIT JAM 2025 की परीक्षा में 649वीं रैंक हासिल की है, और अब वे देश के शीर्ष संस्थान IIT मद्रास से गणित में मास्टर्स (MSc) की पढ़ाई करेंगे।
यह वीडियो अतुल के संघर्ष, उनके दृढ़ संकल्प और उनकी शानदार सफलता की कहानी है। यह कहानी हर उस व्यक्ति के लिए एक मिसाल है जो मानता है कि मेहनत से किस्मत बदली जा सकती है।अगर आपको यह कहानी प्रेरणादायक लगी, तो कृपया वीडियो को लाइक और शेयर करें और हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें!


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~PR.338~HT.408~ED.110~GR.122~

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00:00जब होसले बुलंद हों और इरादे फॉला दी तब पहाडों का सीना चीर कर भी सफलता का सूरज उकता जरूर है।
00:07यह कहानी है उत्तुराखंड के रूद्र प्रयाक के एक छोटे से गाउं बीरो दीवल के उस लड़के की जिसने केदारनात के पत्रीरे रास्तों पर खचर की लगाम थाम कर अपने किस्मत की लगाम भी थाम ली। यह कहानी है अतुल कुमार की।
00:37दोक नहीं सकती। इसी कड़ी मेहनत और अटूट विश्वास का फल आल दुनिया के सामने है। अतुल कुमार ने देश के सबसे कटिन परिछाओं में से एक आईटी जैम दोहजार पचीस में 649 रेंग हासिल की है। यह कोई मामुली उपलबदी नहीं है। इस शानदार र
01:07आपने कौन सी परिक्षा दी है और क Different
01:27और आगे की पड़ाई आप क्या करेंगे आपके बारे में अगर आपके संगर्स की कहानी के
01:53संगर्स करने अर्थ अर्थ जा संगर्स के जाले घर सकते हैं और आपके अर्थिकी का आधार क्या है
02:13शाम सब्सक्राइब और व्य खहेंगे पाता हैं और मेरे चंटी बहन एक दीटी है
02:21और एक भाई है मेरा भाई अभी 12 में है बहन का 12 पास आउट हो गया है और बड़ी बहन की मेरे शादी हो चुकी है और सर फैमिली जैसे कि आपको पता ही है कि पहाड़ों में ज्यादा आनिंग के सोर्सेथ होते नहीं और फैमिले से हमारे कोई जॉब वाला है नहीं हमारे पह
02:51हमारे का घौड़े खच्चर आपके केदारनाथ जो पैदल यात्रा है उस पे चलते हैं या और काम भी आप करते हैं क्या है जी सब केदारनाथ का तो ऐसा है कि जब केदाना धाम के कपार्ट खुलते हैं तो उस टाइम पे एग या लिए महीने के लिए वहां रहते हैं उसक
03:21पर उतना रेगुलर काम नहीं का पर रेगुलर है कि अपने पिता के साथ जो है आद बटाना शुरू किया था पैदल यात्रा पर आप भी जो है घोड़ा कच्छर चला कि अपने जो समय है उसमें आप भी संगस्ष करते आएं इस पर थोड़ा सा जाने कि आप दर्सप्रों को
03:51हो गया था कोई तो उसमें थोड़ा पापा का प्रैक्शर हो गया था तो चल तो लेते हैं पर उतना हैवी वर्क नहीं कर पाते हैं तो इसलिए तब उस टाइम पर ऐसा हुआ कि खाली घर में बैठना भी क्या था और अनिंग के सोर्सेस कुछ थे ने के दानात के कपार्ट क
04:21बार मां उससे पहले ऐसे जब बच्पन में था तो उस टाइम पापा ही जाते थे वहां तो हम सिप गौरी कुन तक ऐसे जैसे एक छोटे बच्चे नहीं हो तो गूमने के लिए चले गए या पापा के दासर देखे उस तरह पर में ली चलाने के लिए मैं दोजार अठारा स
04:51कि कि दानात में पढ़ाई हो पाना तो पॉसिबल नहीं मोबाइल चार्ज हो जाए वही बड़ी बात है और नेट्वर्क तो रहता नहीं है और पढ़ाई तो बुक्स तो वहां ले जाना बहुत ही होगा क्योंकि वहां अगर आप जाएंगे वहां आप रहने का देखेंगे
05:21पहले भी करी थी पर उतना पेज से नहीं कर पाया था क्योंकि वो चीज भी देखनी थी और उसके बाद जुलाई से मैंने प्रिफेशन स्टार्ट करी थी और फरवरी में मेरा एक्दाम गूरी अतुल कुमार की कहानी हर उस सुईवा के लिए प्रिणा है जो सीमिस अंसाद
05:51।षाल प्रिछिएवगा की कर टो लूंग, कर लूंग, ठनासद स्सा लाद करो यो में ठलड नहीं प्रिएवगा कैना स्ट्रे उसरे उसजवा का।

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