BJP की आंकड़ेबाजी पर फूटा अखिलेश यादव का गुस्सा II खुली जांच की चुनौती के साथ कहा तंत्र मंत्र सब फेल

  • 3 years ago

बीजेपी की आंकड़ेबाजी पर फूटा अखिलेश का गुस्सा
किसानों और कोरोना की बदहाली पर बोला हमला
एक के बाद एक मुद्दे पर अखिलेश ने बजाई बैंड
अखिलेश यादव ने बीजेपी को दी खुली चुनौती
अखिलेश यादव के आरोपों के बाद बीजेपी नेताओं में गुस्सा
अखिलेश यादव के तथ्यों पर बीजेपी नेताओं ने उठाए सवाल
बीजेपी नेता बोले सुकून से घर में बैठो अब कुछ नहीं होगा !
सपा नेता बोले ‘शेर’ को ललकारने कि हिम्मत न करो !

कोरोना काल में प्रदेश सरकार की आंकड़ेबाजी का खेल लगातार जारी है और मामले पर अब विपक्षी दल सपा का गुस्सा फूट रहा है क्योंकि आवाम कोरोना का शिकार बन रही है और प्रदेश की सरकार आंकड़ों के जरिए आवाम को बरगलाने का काम कर रही है ऐसे में खुद कोरोना संक्रमित अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा और प्रदेश की योगी सरकार को एक के बाद एक मामले पर तमाम चुनौतियां दे डाली…अखिलेश यादव ने जब मोर्चा खोला तो बीजेपी नेता उनके ही ऊपर निशाना साधने लगे और तंज कसने लगे जिसके बाद सपा नेताओं ने भी पलटवार किया है और कहा कि शेर को ललकारने की हिम्मत न करो तो अच्छा है क्योंकि प्रदेश में अगली सरकार सपा की ही बनने वाली है…अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर किस मुद्दे पर दोनों दलों के नेताओं में वाक युद्ध छिड़ा…दरअसल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोरोना में बिगड़े हालात को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा था और कहा कि महामारी के दौर में भाजपा सरकार का कोई भी तंत्र-मंत्र काम नहीं कर रहा हैं. जिंदगियां दम तोड़ रही हैं, लोग तड़प कर मर रहे हैं. इस अमानवीय स्थिति में भी दवाओं, आक्सीजन, वेंटीलेटर और बेड़ की आपूर्ति के बहाने कुछ लोग कालाबाजारी में जुट गए हैं, प्रशासन मूकदर्शक बना है. प्रदेश भर में स्वास्थ्य सिस्टम ध्वस्त है. इस अव्यवस्था के लिए भाजपा सरकार ही पाप की भागी है.साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि योगी जी सख्ती आदेश तो देते हैं लेकिन अधिकारी मामले पर कोई संज्ञान नहीं लेते और न ही फोन उठाते हैं…ऐसे में परेशान लोगों की गुहार सुनने वाला कोई नहीं. उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?…इसके अलावा अखिलेश यादव ने किसानों के मुद्दे को लेकर भी निशाना साधा औऱ कहा कि प्रदेश में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है तो राज्य का सबसे बड़ा अन्नदाता किसान भी सरकारी उपेक्षा का शिकार बनाया जा रहा है…र्थव्यवस्था में किसान का गहरा नाता है…भाजपा अपनी गलत नीतियों के चलते प्रदेश को बर्बादी, बदहाली में ढकेल देने पर तुली है. जो सरकार अपने दोष दूसरों पर मढ़ कर केवल सत्ता भोग में ही लिप्त है, उसके जाने से ही जनता को अपनी तकलीफों से मुक्ति मिल सकती है…सपा प्रमुख अखिलेश यादव का कहना है कि कोरोना संकट के बहाने भाजपा सरकार ने किसानों से गेहूं की खरीद बंद कर दी है. सरकार खरीद के झूठे आंकड़े पेश कर रही है, जब क्रय केन्द्र ही नहीं खुले. जहां खुले वहां बोरों-नकदी का अभाव रहा, घटतौली और किसानों को लौटाने की खब़रें आती रहीं तो कैसे खरीद का ग्राफ चढ़ गया? किसान को 1975 रूपये की एमएसपी मिल रही है तो फिर वह आंदोलन क्यों कर रहा है? किसान बाजार में 15 से 1700 रुपये प्रति कुंतल में गेंहू बेचने को मजबूर है. ऐसा लगता है कि बिचौलियों को फायदा पहुंचाकर गेंहू खरीद का लक्ष्य हासिल करने की साजिश की गई है. अखिलेश ने चुनौती देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी में हिम्मत है तो वह पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराएं. झूठ बोलना और जनता को भ्रमित करना भाजपा का स्वभावगत चरित्र बन गया है. गेंहू क्रय केन्द्रों में खरीद की सच्चाई अखबारों में छप रही है. अधिकारी केवल बयान द

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