00:00४ुश्कर आज मैं जब ब्रह्माजी ने कार्थिक शुगल एकादिशिज पुर्णिवा तक यहां पर अगनिश्टों व्यक्य किया था
00:25उसी समय की यह कथा है और उसी समय से यह अटमटेश और महादेव पुशकर से जुड़े वे हैं
00:32जब यग्य चल रहा था तो शिवजी यहां पर एक अटपटा रूप लेकर के आए हाथ में खपर और जिस प्रकार से आप एक घोर तांत्रिक को देखते हैं
00:42उस प्रकार का अटपटा रूप लेकर के महादेव इस यग्य में पदारते हैं और यहां पर उस यग्य मंटनब में वो प्रविष्ट करना चाहते हैं
00:49प्रविष्ट करना चाहते हैं परन तो जब उनके हाथ में खपर दिखता है और रूप बड़ा अटपटा दिखता है तो यग्य में उपस्तित ब्रह्मनों ने उन महादेव को वहाँ पर अंदर आने से रोक दिया था
01:01जब उन्हें रोका गया तो वह थोड़ी करोधित हुए और उन्हें ऐसा का कि मैंने तो ये सोचा था कि ब्रह्मदेव का यहां पर यग्य हो रहा है तो उस यग्य में को मैं प्रविष्ट पाने के लिए मैं यहां पर आया हूँ
01:13ब्रह्मदों ने कहा अगर आप कुछ बोजन करना चाहते हैं तो यहां पर बोजन चाला चल रही है अगर आप कोई वस्तर लेना चाहते हैं तो वस्तर का काउंटर यहां लगावा है अगर आपको दक्षना चाहिए तो कुबेर का काउंटर यहां लगावा है इस प्राकार क
01:43Had a woman with a woman who was there and gave her a woman with a girl to the girl and her girl to the girl.
01:50It was an example of the woman.
01:53There were a woman with a woman with a girl.
01:57He was looking for a woman who was on the girl and got a girl,
02:01and they thought that they would be a woman who was watching,
02:05that they would look like a woman who was there,