00:00अग्राइब देन पहले नाइट के अंदर ये अड़वाला गाओं के कोई पसुपा लगते उन्होंने ये जो बिमार जो डॉग था उसको यहां रात में छोड़के चले गए फिर जब अगले दिन हम सुबह हम यहां आये तो हमें लगा ये कोई नॉर्मल वैसे ही कोई बिमार
00:30कि ये भी चल सके या एक जिगह दूसरी जिगह चला जाए तो ये डोग क्या था या तो एक जिगह बैठा रहता या फिर अपने आपको घसीरता हुआ चलता तो उस चीज को देखते हुए मतलब इतनी जादा देया इतना जादा दुख होता था कि हम एक जो पसुची किस्�
01:00अनी भी वीलचेर आ रही है वह बहुत जादा कोश्टली है तो फिर इसको देखते हुए फिर हमने एक पीवीसी पाइप और जो बच्चों की साइकल के जो टायर होते हैं उसके माध्यम से एक विस मसीन का निर्मान किया और इस मसीन की साहिता से आज ये डोग जो है ये एक
01:30तड़पने के लिए मरने के लिए हमें नहीं छोड़ना होगा हम इसकी साहिता से उनको एक नहीं जीवन दे सकते हैं वह बहुजा सुकुन मिलता है मैं अपने जैसल मेर के जो सभी हमारे जो सहरवासी है या जो अपने ग्रामी में जो परिवेस में जो लोग निवास कर रहे