अगर अंदर Fail होने का डर है तो अवश्य सुनें !(Special For Aspirants) | Must Listen | Bhajan Marg Please do not put any copyright strike on the video. If you have any feedback about the video, you can email me. My main goal is to spread my religion to all the people of the world. If you like the video, don't forget to like, share and comment. Be sure to follow our channel. Greetings to all.
Hare Krishna Hare Krishna, Krishna Krishna Hare Hare, Hare Rama Hare Rama, Rama Rama Hare Hare. हरे कृष्ण हरे कृष्ण | कृष्ण कृष्ण हरे हरे | हरे राम हरे राम | राम राम हरे हरे
00:00कर रहा था में नहीं आना कर रहा हूं लेकिन नहीं लगना प्राण पन से लगा जाता है से थूड़ी मन को परास्त करना कोई खेल है जब तक तो टेंचन होता
00:15सब्सक्राइब तो क्या होगा कुछ नहीं वही एक शेत्र है इसका मतलब इसके बाद सरीर छोड़ दे या इसे मूर्खतावत बच्चे तो अपने सरीर का आघात कर लेते हरे एक जगह हम परास्त हो गए तो क्या हम पढ़ाई नहीं पढ़ पाए हम ग्रेजिवेट नहीं हु�
00:45में क्या होगा यह होगा तेंसन क्यों लेते हैं समय से पढ़ो और भगवान का इस्मरण करो और आएगा तो पढ़ाई के अंदर ही बच्चा अगर ब्रह्मचरी ठीक है और आप नाम जब कर रहे हो तो एक बार सुना दिया जाए हमको तो हमारे दिमाग में टेप हो जाएग
01:15हम फेल हो जाते हैं तो बरदास्त है अगली बार हम फिर और पढ़ाई पढ़ेंगे अगली बार हम और हिम्मत करेंगे हम भगवान के अंसे हारने वाले नहीं हैं यह बिलकुल किसी भी बच्चा की मन में नहीं पढ़ने में तो जीवन नष्ट करने की नहीं सोचना एक जी�
01:45के आश्रित हो कोई व्यापार कर लो हम एक नौकरी कर लेंगे अपने जीवन को थोड़ी नष्ट करेंगे हम छोटे से छोटा कारी कर सकते हैं और भगवान हमारे साथ है तो बड़ाई उनके हाथ में वो बड़ा कर दो जिसको बड़ा बना देते ना भगवान है मच्छर को
02:15नहीं है दिमाग में प्रशनता रखो आंगे के दास भगवान मंगल भान है मैं अनकी सब्सक्राइब और यह
02:27टेंसन के टेंसन बन जाओ तो भगवान के दास वे चैना नहीं पढ़ाई पढ़ नाम जब कर ओं तुम्हारी गरह जो तो पास कर देना तुम्हारी गरज़ों तो पास कर देना जहां रखो
02:53या जैसे रहोंगे वैसे रहोंगो आपको पुकारता रहूँगा आपका इश्मयाण करता रहंगा माया पर विजेप्राप्त हो जाएगे आपने करने से कितना मुढ предлож पाएंगे
03:03और वो जब गोध में लेके उणेंगे तो बहुत उचाई पे चड़ जाएंगे इस पर द्यान दखना अपने भवान के भरोसे उन्नती उन्नती बड़ा प्रशांगत बड़ा उधारण युक्त है एक राजा केरल के थे उनका नाम
03:21धर्मात्मा था, धर्म के पूर्न रख्षक अन्य चार-पाँच राजाओं ने मिलकर चड़ाई कर दी और उनको पता नहीं था, धर्मिक राजा थे, उनको पता नहीं था
03:34और उनके संतान हुई थी उस संतान का नाम रखा गया था चंद राश पूरे राज्य में आनंद चाया हुआ था आक्रमन चारू तरफ से हो गया और भगवान का बजन करने वाले थे अब पराजी तो होना ही पड़ेगा क्योंकि चारू तरफ से बहरी राजा है और पहले से स�
04:04पड़ाओ का तू ही बचा सकती मेरे बेटे को भगवान तुझे सामर्थ दे और महल में काट मार मचाया हुए थे कि कोई भी बंसका नहीं बचना चाहिए
04:13दाशी ने बहुत प्रविर्णता की और टोकरी में जिसमें दोना पत्तल डाले जाते हैं ऐसे डालकर नीचे बालक चंद रास और निकले और श्रहिनकुन का क्या है तो उपर से इसे दिखायागी दोना पत्तले से उनका निकल लें दो यह तो दाशी है राज परिवार को को
04:43हैं बहुत प्रविन होती हैं तो द्रश्ट बुद्धी नाम के जो उस राज्य के मंत्री थे उनकी सरण में गए उसको राजकुमार बचाना था उसने इस परश्ट कहा मैं केरल के राजा की दाशी हूं और यह मेरा पूत्र है मैं हर कार्य में प्रविन हूं आप चाहिए ज
05:13थी उससे दासी मना के रख लिया और वह बालक लाज मंत्री के घर में भगवान जिसकी रक्षा करते हैं ध्यान से सुनते हैं भगवान किस हालत में पहुंचा दिया कि विल्कुल मिट्या मेट अब देखो उनकी उन्नती अब एक दिन द्रश्ट बुद्धी की पुत्री थी
05:43पानों ने ऐसे रेखा देखी और लड़के को देखा खेलती है चंद्राज जी को तो उनका इसका पती तो यह होगा तो एकदम अपमान लगा ना राज्य मंत्री और उस दासी पुत्र तो उस समय तो कुछ नहीं बुला जिस सभा गई जलाद बुलाए और का इसको काट के �
06:13कर दिया अब चंद्राज जी को जंगल में ले गए और उनको देवर्श नारज जी ने जब यहां दासी पुत्र बन करके रह रहे थे एक छोटा सा साली ग्राम दिया था का तो मुख में रखे रहना चर्णाम्रत पान करते हैं और कृष्ण कृष्ण कृष्ण ऐसा बुलते
06:43में ले गए बोले बेटा तुम्हें पता हैं क्यों लाएं तो उनका हमें तो पता नहीं तो उनका तुम्हें मारने लाये हैं मंत्री का आदेश है उनका हमने कोई गलती की है क्या तो उनका नहीं उनका आदेश है हम जलाद है हमारे दया है नहीं पर तुम्हें देखकर ऐसा
07:13और काये राजा को दिखाूंगा जाके कि तुम्हारा बध कर दिया पर तुम यहां से भाग जाओ तो काटने से खून निकला वो वहीं मुर्चित होके गिर गए क्रिश्ण क्रिश्न क्रिश्न क्रिश्न क्रिश्न
07:24और वो जल्लाद वापस अंगुली दिखाए कि मैं उनको मार डाला हूँ
07:28हुमा नाम का एक पंक्षी होता है पहाड में
07:31वो परम पवित्र अगर अपने पंक्ष कर ले तो राज लक्षिमी उसके चरणों में आ जाए
07:36वो आकर के बैठ गया चंद्राज जी के उपर हुमा नाम का पंक्षी यह पहाडों में होता है
07:43भगोत प्रदत किसी भाग्र साली के उपर उसका अब वो अपनी छाया में उनका वो मुर्छित बेहोस
07:50कोई जंगली पसू ने अटेक नहीं किया चंद्राज जी पर इतने में चंदनवती नाम के राज्य का छोटा राजा
07:58द्रश्ट बुद्धीक जो बात्षा के मंत्री थे उनके यहां उकर देने जा रहा था उसने बहुत आराधना की थी लेकिन पुत्र नहीं हुआ था
08:07तो राश्टे में द्रश्टी गई कि हुमा नाम का पंक्षी किसको गेरे हुए तो जब गए तो देखा चंद्राज जी सुन्दर राजकुमार और अंगुली कटी हुई तुरंत पट्टी बांदी और ले करके वापस चले गए रुआने कर देने बड़ा उल्ला समना कि भ�
08:37वो कर देने नहीं गया बात्सा के यहां तो बात्सा ने द्रश्ट बुद्धी से का चंदन्वती नगर का राजा कर देने नहीं आया जाओ यदि वहां सम्मान पूर्वक कर दे दे तो ठीक नहीं उनका विनास कर दो
08:50मंत्री पूरे परिकर सहित आक्रमन किया तो चंदन्वती राजा का इसा वईभव था कि जब से चंद्राजी उनके राजकुमार बने उनको डर ही नहीं था क्योंकि चंद्राजी भगवान का भजन करने वाले तो द्रश्ट बुद्धी नजदी का आया और का कर दे दो नही
09:20चंद्राजी ने कहा कि हम स्वयम कर देने के लिए तयार हैं आप शांत रहें उसकी दृष्टी में दृष्टी मिली तो उसने यह वही बालक है क्योंकि नेत्रिस के वही है जो उनके घर में राजा दासी पुत्रबल करके तो चंद्र्णवती के नरेश से कहा कि तुमने इस
09:50को मैं दूला नहीं बनने दूँगा। उसने का मैं कर्माफ करता हूं कि वल तुम्हें एक बाद बात्शा के सामने जाओ। पहले तुम नगर में जाओ गए हमारे घर। महां तुम्हारा श्वागत होगा और इसके बाद तुम बात्शा के पास जाओगे। कर स्वईकार है।
10:20जो बेटे थे उनको लिखा कि बेटा ये पुरुष जिसको मैं भेज रहा हूं जाते ही विष्ट दे दिया जाए जाते ही भोजन में विष्ट हला हल तुरंत मर जाना चाहिए
10:32तो उन्होंने ऐसे खोस लिया मुकुट के साइड में और गए भगवान कि इच्छा उस दिन उपवन में उन्होंने अपना घोड़ा रोका कि थोड़ी देर बाद चले जाएंगे उपवन में और उपवन था राजकुमारियों का और उसमें आई थी उनकी बेटी जिसका नाम
11:02निकाली खोली लिखा था कि जाते ही विशया विश्दे दर्म जाते ही विश्दे देना पिता जी कि बुद्धि खराव हो गई इतना सुन्दर राजकुमार इसको विश्दे देंगी उसका नम भी सया था तो विश्द के आगे क्यों यह बला ली थी तो काजर की रेक से जो
11:32तो वहां गए तो जो द्रष्ट बुद्धी का पुत्र था बड़ा धर्मात्मा था, उसने आदर्शत कारुनका पिताजी ने आपके पत्र दिया, जो पत्र देखा, तो उनोंका पंडितों को बुला, तुरंत व्या करो, पिताजी का दे, जाते ही भी सया दे देना, अब बे�
12:02अब उनको समझ में आया कि प्रारद इतना बगवान होता है जब घर के अंदर गए तो देखा बेटी और तो उसने का तुम्हें जिंदा तो नहीं रहने दो मन में सोचा चाया बेटी भी दवा रहे है चार जल्लादों को बुले और का देवी के मंदिर में जा उसे का बेटा �
12:32आप जेसा दामाद और अंदर से जल रहा था और उधर चार जल्लाद लगा दिये देवी के मंदिर में अभी अकेले देवी के मंदिर में और इधर जो बात्सा था बात्सा से पंडित लोग विचार के कहने कि इस समय यदि आप राजगदी पर बैठेंगे तो आकाल पढ़
13:02का हमारे जीजा ऐसे हैं बड़े तेजस्ट्री प्रतापवन आप देखेंगे तो उनका इसी समय लाओ तो वो दोड़े पुछा कि कहा है बोले देवी पूजन करने के बार से ही पता चला वो दोड़के गए और बोले देवी पूजा हम कर लेंगे तुम जाओ बात्सा बु
13:32अगर भगवान रक्षक भगवान जीताने वाले तो कोई परास्त नहीं कर सकता हर विधान उल्टा होता चला जाता है और भगवान से बिमुक होते चाजितनी उन्नती हो उसका परड़ाम कुछ नहीं होगा यहां मर जाएंगे सब चूट जाएंगे
14:02नाम भगवान का वास्त्र भगवान का वो उठाते तो उठाते चले जाते ना तो कभी भी डिस्टर्वने होना चाहिए यह बात कभी नहीं लानी चाहिए कि मैं सरीर छोड़ दूं किसी भी भी सैमें हार जाए यह किसानी में कोई विवधान या पढ़ाई में अरे हम फिर �
14:32जीवात्म है तो लोग कैसे जिंदा भूंज रहें कितना दयाखताम हो चुकी है जिंदा भूंज रहें खा रहें शरीर बढ़ा रहें मरेंगे नरख जाएंगे वह में को मनुष्य जन में मिला है अब इतना बजन कर लेना है कि इससे नीचे न गिरें अगर चांस मिले तो �