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00:00हे भरत पुत्य निर्भायता आत्म शुद्धी अनिवार्य है
00:18आत्यात्म ज्ञान अनुशीलन दान आत्म सैयम बड़ा यग्य परायन ताप मुख वेदाज्य यन भी साच हो
00:36तपस्या हो सरलता हो अहिंसाच्याग सत्यता
00:48सावधान ममाश्री
01:02क्रोधोन भूलन शान्ति व्रत छिट्जान वेशन में अरुची
01:12करुणा समस्त जीवों पर लोभ हीनता भद्रता
01:20एज लज्चा ख्षमा संकल्प हैर्य धारण पवित्रता
01:29इर्शा से मुक्त हो त्यागो अभिराशा सन्मान की
01:38उपरोक्त गुण है देज्य गुण देव प्रक्ति की संपन्न जो हूँ
01:47उन देव तुल्य पुर्शों के आभूशन अनबोल हैं
01:56फेति था पुत्र दंभोर दर्त रोधर का ठोरता जो रखते
02:14अभिमान अज्ञान के कारण उनके प्रज्या चक्षून खुल सकते
02:23मामा श्री दुर्योधन के परम प्रिये मामा श्री
02:39बाद जबान चलाने लगए हो
02:41आपके दुरभाग के से भाड चलाना भी जानता हो गांधा नरेश
02:46ओ तो तुम मुझ से यह दिकर आओगे
02:49मैं तुम्हें युद्ध के लिए ललकारता हूं
03:04सावधन
03:06हाँ
03:16देखा जब बोले
03:18हाँ
03:20अब बता चला कि मैं की अवल पाद से फेकना ही नहीं बलकि तुम्हाएं दुरभाग के से चीज लाना भी जानता हूं
03:38हाँ
03:42कंदानर एस
03:46हूड
03:56हूड
03:57हूड
03:59हुड
04:00हुड
04:01हुड
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04:06हट
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04:13यह यह
04:17हए
04:19हट
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04:20हट
04:23सबरा
04:24हट
04:25थ ही
04:30करव crippled
04:31हट
04:32हट
04:32हट
04:33चोपी भाई तो पुत्र समान होते हैं और पुत्र पिता की संबस्ति कहलाते हैं
04:42ठीक है, मैं अपने अनुच कुदाओं पर लगाता हूँ
05:03कौँछे हाथे आपने पासे पे टेकले मामा स्री कौशे हाथे
05:10नहीं! नहीं! नहीं! नहीं! नहीं!
05:33नई, नई, नई, नई, नई
05:37कांदाद नरेश
05:39किस हाथ से आप दुर्योधन की पीट थपथभाया करते थे
05:45बाया हाथ से दाए
05:47नई, नई
06:03आपकी विशैली जिवा के कारण ही
06:13हस्तिनापुर का वातावरन दूशी थो गया था गांदाद नरेश
06:18आप ही ने एक भाई के मन में दूसरे भाई के विरुद्ध विश्वर दिया था
06:27वॉ-भाण॥। आप ही के कारण महातंग्राम हुआ है
06:35आप ही के करण महायुद्ध हुआ है
06:39फिर भी आफ तोचते हैं य आपको जीने का न्दिकार है
06:44नई भामा स्री ह्जाएं आपको जीवी प्रहने का को है अधिकार रही है
06:521
07:22सब कुछ गवाने के बाद मैं ना ये युद्ध जीतना चाहता हूं और ना इस युद्ध के बाद जीना चाहता हूं
07:31मेरी सदा ही एक इच्छा रही है कि मैं भारतवर्ष का सम्राड बन जाओं परंदु अब सम्राड बनने का उसर तरहां करें तो मैं उसे ठुकरा दूँगा
07:45परंदु आप जाएंगे कहां कुरुक्षेत्र के उत्तर की ओर में जो सरोवर है वहां
07:55लो इच्छाप में लोगा MARRI वहां
08:25अजिल टो कर दो जो आजे बाद़ है
08:55करें
09:25कर दो

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