- 2 days ago
#dayan #mehwishhayat #ahsankhan
Dayan Episode 46 - [Eng Sub] - Mehwish Hayat - Ahsan Khan - Hira Mani - 29th July 2025 - Har Pal Entertainment
Hello I am a Voice over Artist, I'll give you Pakistani Drama Reviews and Exclusive discussion about dramas, if you want to follow me then Subscribe to my YouTube channel Reviews with Aisha and Stay updated.
Copyright Disclaimer:
The Use Of This Title and pictures Given In This Video Under The Fair Usage Policy For Review Of Drama That Allows To Use For Comments, Entertainment And Positive Criticism Purpose Qualifies As Fare Use Under US Copyright Law Because These Are
1) Non Commercial
2) Transformative In Nature
3) Does Not nagetively influenced The Original Content
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, remittance is made for "reasonable use" for purposes like analysis, remark, news revealing, educating, grant, and exploration. Reasonable use is a utilization allowed by copyright resolution that may some way or another be encroaching. Non-benefit, instructive or individual use influences the situation for reasonable use.
#dayanepisode46
#drama
#review
@HarPalGeoOfficial
Dayan Episode 46 - [Eng Sub] - Mehwish Hayat - Ahsan Khan - Hira Mani - 29th July 2025 - Har Pal Entertainment
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FunTranscript
00:00पिल्कुल मेरी नगीन जैसा हो गया है
00:09एक और दिखाते हुआ
00:12सेने सच कहते हैं
00:30वक्त बहुत जालिम होता है
00:33इनसान को बदल कर रख लेता है
00:37ये लड़की जुल्म की आग में पक कर कुंदन बन ले जाए
00:41कोई कह सकता है कि ये वही नहाल है
00:44डर्बोक सी
00:48वक्त और खालात ने इसे क्या से क्या बना दिया
00:54उस दिल सी
00:59खबराई हुई मासूम सी
01:02डर्बोक सी
01:04आज कितनी पुर इत्मात
01:07ने डर बहादर दिख रही है
01:11आप कुछ सोच रहे है कुछ ने ऐसे ही
01:22क्या कहना चाह रहे है आप अब भई बेटी घर आई है कोई अच्छा खाने के लिए लाओ हम तो कुछ बना भी रही थी प्लीज ले आई
01:30हो सकता हमें भी कुछ अच्छा खाने को मिल जा है
01:34मैं आपको अच्छा खाना नहीं किलाती क्यों बेटा
01:40अरे हमारी मजा लेकर हम ऐसी बात करें
01:45आप प्लीस कुछ लिया है जो बना रही है
01:49मैं अपनी बच्चे के लिए खुब अच्छी दिसके पसंद की चीज बना पिलाती है
01:54आप बैंक्यू तुम्हारा पैकेज आगिया है
02:00अंदर पड़ा है वो लेती जाना
02:05बट बी वरी खैफो मौतात रहने की जुरूरत है
02:09मैं मौतात रहूंगी
02:11आप मुझे कुछ परिशान लग रहे है सब ठीक है ना
02:19कुछ स्वच रहा हूं
02:23वक्त आने पर प्रताओंगा तुम्हारा
02:41मौताओंगा प्रताओंगा तंड़ का रहा है
02:50मौताइब ठांग्ष्ट्ट्राण तंड़ाओंगा तुम्हारा रहा है
02:58आप है ड़ा स्वच रहा है
03:02जो आ तूम्हारा सेलाएब रहा है
03:07कर दो कर दो
03:37बिलकुल मेरी नगीन जैसा हो गया है
03:55एक और दिखाते हैं
04:07सेने सच कहते हैं
04:15वक्त बहुत जालिम होता है
04:19इनसान को बदल कर रख लेता है
04:23ये लड़की जल्म की आग में पक कर कुंदन बन ले जाएं
04:27कोई कह सकता है कि ये वही नहाल है
04:31डर्बोक सी
04:35वक्त और खालात ने इसे क्या से क्या बना दिया
04:41पुसदिल सी
04:46खबराईवी मासूम सी
04:49डर्बोक सी
04:51आज कितनी पुर इतमात
04:54ने डर बहादर दिख रही है
04:58आप कुछ सोच रहे हैं?
05:05खुछ नहीं, ऐसे ही
05:08क्या कहना चाह रहे हैं आप?
05:10अब भई बेटी घर आई है
05:12कोई अच्छा खाने के लिए लाओ
05:14हाँ? नुम तो कुछ बना भी रही थी
05:16प्लीस ले आएं
05:18हो सकता हमें भी कोई अच्छा खाने को मिल जाए
05:22मैं आपको अच्छा खाना नहीं किलाती
05:26क्यों बेटा
05:28अरे हमारी मजा लेके
05:30हम ऐसी बात करें
05:32आप प्लीस कुछ लियाएं
05:34जो बना रही थी
05:36मैं अपनी बच्चे के लिए
05:38खुब अच्छी जिसके पसंद की चीज बना के लाती है
05:40आप यू
05:42तुम्हारा पैकेज आगया है
05:48अंदर पड़ा है वो लेती जाना
05:52बट बीवरी केफुल
05:54मौतात रहने की जुरूलत है
05:56मैं मौतात रहूंगी
05:58आप मुझे कुछ परिशान लग रहे हैं
06:04सब ठीक है ना
06:06कुछ स्वच रहूं
06:08कुछ स्वच रहूं
06:12वक्ताने पर बताओंगा तुम्हारा
06:38वक्ताने वक्ताने वो
06:40कुछ स्वच रहा है
06:42कुछ स्वच मैं
06:44कुछ स्वच
06:46बहुच
06:48रहा है
06:50झाल झाल
07:20पिलकुल मेरी नगीन जैसा हो गया है
07:41एक और दिखाते हैं
07:50सेने सच कहते हैं
08:01वक्त बहुत जालिम होता है
08:06इनसान को बदल कर रख लेता है
08:09ये लड़की जल्म की आग में पक कर कुंदन बन लेगा है
08:13कोई कह सकता है कि ये वही नहाल है
08:16डर्बोक सी
08:20वक्त और खालात ने इसे क्या से क्या बना दिया
08:26पुस्दिल सी
08:32खबराईवी मासूम सी
08:35डर्बोक सी
08:37असलाम अलेकुम नाज़दें
08:44ड्रामा सीरियल डाइन की आने वाली किस नहायती सहसनी केज़
08:48और जजबाती मोड़पा पहुंच चुकी है
08:51जबाब अपने गर को बचाने के लिए के साथ तक जाएगी
08:55क्या वो खमोश बेटेगी या मेदान में आका मकाबला करेगी
08:59नहायलो मशा की साज़शें अब कुल का सामने आ चुकी है
09:03जबाब को अब भी अंदाजा हो चुका है कि ये सब कुछ एक गहरी साज़श का हिसा है
09:09जबाब शाय मशा को शादी की पेशकर्श करता है लेकिन मशा कहती है कि वो तब ही शादी करेगी जब जबाब शाय अपनी पहली बीबी शबाब को सब कुछ बता दे
09:20زباد شاہ شباب کو بتاتا ہے
09:22कि ومشاہ سे ناکا कने जा रहा है
09:24जिस पर شباب
09:26दिर्श केस्ता होका रोती है
09:28वोजिया जो बाहर कड़ी है
09:30सबकी सुन रही होती है
09:32दिल ही दिल में खुश हो रही होती है
09:34कि شباب को अब उसी के लहजे में जवा मिल गया
09:37शबाब के अंदर गुसा बड़क उटता है
09:40और वो मुशा के कमरे में जाती है
09:42जहां वो उसे गिरेबान से पकड़ का थपड़ मारती है
09:46वो उसे खबरदा करती है कि वो उसके शोहर से दूर रहे
09:49लेकिन मुशा भी हार मानने वालों में से नहीं
09:52वो दो टोक जवाब देती है कि वो जबाशा को इसकी याँकों के सामने अपना बना लेगी
09:58मुशा इसे बताती है कि शबाब के पास ना उलाद है
10:01और ना ही अब जबाशा की महबत
10:04और यही बात इसे इसकासे निकाने के लिए काफी है
10:09शबाव इसे नहाल की मसाल देती है कि कैसे उसने नहाल को जबाशा की जिन्दगी से निकाला था
10:16और मुशा से भी बतर अंजाम करेगी
10:19मुशा इसे चैलन्ज देती है कि अब जबाशा मकमल दो पर इसके काबू में है
10:24और शबाब को इस तरह जलील करेगी निकालेगी जैसे निहाल को निकाला गया
10:31तो नजिनी शबाब शबाशा से फर्याद करती है लेकिन वो सफ़ती से कहता है कि अब बस हो चुकी
10:39इसे अब शबाशा को बरताश नहीं और वो शाम से पहले इसे गड़ चोड़ने का उकम देता है
10:46मशा इसे मज़ीद जलील करती है और कहती है कि अब वो जबाशा के साथ नकाल करेगी और इसके आखर आगी शर्द यही है कि शबाशा इस गड़ से निकल जाए
10:56जबाशा भी यह शर्द मान लेता है और शबाशा भी यही कहता है कि हनाएन अब मशा के पास ही रहेगा
11:17क्योंके मशा इसका ज्यादा ख्यार रखती है शबाशा शबाशा इसे सखती से गर निकाल गर से निकाल देता है
11:29शबाब की तजलील पर मशाद दिल ही दिल में खुश होती है
11:34आखर में मशाद जबान से कहती है
11:37कि वो शबाब को तलाक दे
11:40क्यूंकि वो इसका वजूद अपनी जिन्दी में बरदाश नहीं कर सकती
11:44और जबाशा तलाक देने पर भी त्यार हो जाता है
11:48यह जो शबाब नहाद को तलाक दलवाने चली थी
11:54खुद तलाक का शिकार हो जाती है
11:56नाजरीन अब अगला शिकार जवेद है
11:59जैसे मशाद ने अपने जाल में फांसने का फैसला कर लिया है
12:02जवेद को लगता है कि वो मशाद को इस्तमाल कर रहा है
12:05लेकिन दर हकीकल मशाइस इंतकाम की आग में जला देने वाली है
12:10नाजरीन आपको यह ड्रामा कैसा लग रहा है
12:12अपनी कीमती राए से जरूर अगा कीजिएगा
12:15वीडियो को लाइक भी करें और चैनल को सब्सक्राइब करना ना बूले
12:19तो नाजरीन जी बिलकुल ड्रामा डान की कहाने अब जिस मोड पर आ चुकी है
12:23वो ना सिर्फ जजबाती है बलके हर करतार की असल फितर को बेनकाब कर रही है
12:29शबाब जो कभी इस हवेली की मालकन थी
12:32आज बेबसी की इस तरस्वीर बनी दर्बदर है
12:35इसकी आँखों के सामने इसका गर शोहर बेटा सब कुछ चिंशीन गया
12:40वो और जो कभी दूसरों को इस गर से निकाला करती थी
12:44आज खुद इस हवेली से जिल्लत के साथ निकाली गए
12:47लेकिन क्या शबाब वाकी हर मान चुकी है
12:50या वो अब एक निया वार करने की तेहरी कर रही है
12:53दूसी तरफ मुशा की चलाकिया अपने अरूज पर है
12:57उसने ना सिर्म जबाब शाह को अपने जाल में मकमल तोपर जकड लिया है
13:01बलके हनैन जैसे मसूम बच्चे को भी अपने फाइदे के लिए समाल कर रही है
13:06मुशा बसर्फ शबाब की जगा लेना नहीं चाहती बलके वो चाहती है कि शबाब की हर याद भी मिट जाए
13:13इसका मकस्द सिर्फ जबाशा की महबद हासल करना नहीं
13:17बलके वो शबाब को मकमल तोपर कुचल कर खुद को फाइदे करना चाहती है
13:22अब मंजब में जवेद की इंटरी एक नया तुफान लेकर आ रही है
13:27जवेद को लगता है कि वो मुशा को दोका दे रहा है
13:30लेकिन हकीकत ये है कि मुशा उसे एक महरे के तोपर इसमाल कर रही है
13:35मुशा के चेहरे पर मुस्कराहर तो है लेकिन इसके बीचे एक तवील इंतकाम की दुस्तासान चुपी हुई है
13:41नहाज जो शबाब के जवार का सबब बने अब जवेद को भी मुशा के जरीए अपने काबू में लाना चाहती है
13:48क्योंके नहाज जानती है कि अगर मुशा इसकार पर मकमल तो अब काबस हो गई तो फिर ना सिर्श बाब बढ़के जवेद भी इसके कदमों में होगा
13:58शबाब अब इस दुनिया में तनहा हो चुकी है लेकिन वो खमोश नहीं वो जानती है कि अगर आज वो सब कुछ हर गई है तो कालो इसके पास कुछ और रासे होंगे
14:08इसका दर्द इसका दुख और इसका इंतकाम एक नई कहानी को जमनम दे सकता है
14:13और शबाब जैसी ओरत अगर रूट जाये तो या तो तूट जाती है या सब कुछ तोड़ का रख देती है
14:19क्या शबाब वापस आएगी क्या मशार नहाल की साज़शनों का बेनकाब करेगी क्या जवेद खुद मशार का शिकार बन जाएगा
14:27नया खियल शुरू होगा जिसमे असल डायन की पहचान सब के सामने आएगी
14:33तो नाजरेन ये जी हाँ कहानी यहां खतम नहीं होती बलगे एक नया रूख तया कर रही है
14:39भाब के दिल में जो चंगारियां से लग रही हैं वो अब शोला बनने को त्यार है
14:45वो अपनी आखों से अपनी दुनिया बरबाद होते देख चुकी है
14:49मगर अब वो सिर्फ रोने वाली ओरत नहीं रही
14:52बलके एक ऐसी माँ, एक ऐसी बीवी और एक ऐसी ओरत बन चुकी है
14:56जो अपनी उज़त अपना गार और अपना बेटा वापस हतल करने के लिए हर हद पार करने को त्यार है
15:02शबाब जानती है कि अब उसके पास खोने को कुछ नहीं बचा
15:06इसलिए वो फैसला कर चुकी है कि वो ना सिर्फ मशाब बलके जबाद शा को भी
15:11वो सब कुछ याद दिलाएगी जो बूल चुके हैं
15:15दूसरी जनब मशाब ने कामियाबी पर खुश जरूर है
15:18मगर इस बाद से बेखबर है कि शबाब जैसी औरत मशाब जैसी औरत खुमोश होगा बैठने वालों में से नहीं
15:28मशाब ने जो खेल शुरू किया है वो जल्द ही इसके गले का तुफ़ान बन सकता है
15:33क्योंके मशाब ने सिर्फ एक माँ के दिल को नहीं दुखाया बलके जखमी शेनी को चैलिंज दिया है
15:39और जब एक माँ से इसका बच्चा चीन लिया जाता है तो वो कुछ भी काज़ू को जिनने की सलाहियत रखती है
15:45अब शबाब को सिर्फ एक मकसद है अब अपने बेटे को वापस लेना अपनी बेगुनाही थाबत करना
15:52और इन तमाम लोगों को इनके अंजाम तक पहुचाना जिननों ने इसकी जिन्दगी बरबाद की
15:58वो खमोशी से मुशाहदा करेगी हर साज़श का पता लगाएगी
16:02और फिर एक एक करके मुशाह नहाल और जबाबशा को वो सबक सिखाएगी
16:07ये तीनों भी हरान रह जाएंगे
16:09तो नाजरी मुशाह को ये खुश फहमी हो चुकी है
16:13कि वो जबाशा को मकमल तोपर अपने काबू में ले चुकी है
16:17लेकि महबत और फरेव का फरक बहुत बरीक होता है
16:20शबाब जब जबाशा के दिल की इनकाही को चुने की कोशिश करेगी
16:25तो मुंकिन है कि वो दबारा सोचने पर मजबूर हो जाए
16:28क्योंकि कुछ तलुका दिल से जुड़े होते हैं
16:31जो वक्ती दोकाई दोके या हुसन की चमक से नहीं तूरते
16:35और शायद कहानी में वो कहानी में वो वक्त भी आए जब जब जबाशा को अपनी गलती का एसास हो
16:42और नाजरीन उसे दुख हो कि इस ने जिस गोरत को सच में चाहा उसे को सबसे ज़्यादा तकलिफ दी
16:50इसकी आँखे तब खुलेंगी जब इस मुशा का असल चेहरा इसके सामरे बेनकाब होगा
16:57और जब शायद वो पकारेगा शबाब को मगर तब तक बहुत देर हो चुकी होगी
17:02तो नाजरीन ड्रामा इस मकाम पर है जहां हर कदम नया दमाका है
17:06अगली किसमे क्या शबाब लोटेगी क्या वो खमोशी से ये सब जलम सहती रहेगी
17:11या फिर वो तफान बनका साब को बहा ले जाएगी
17:16नाजरीन साच तो ये है कि अब कहानी का असल खेर शुरू होने वाला है
17:20तो नाजरीन कहानी अब इस नहज़ पर बहुँ चुकी है जहां सिर्फ इंतकाम की आग बाकी रह गई है
17:26शबाब का दिल जखमी है इसकी आखों में अपनी शोहर की बेवफाई और बेटे की जदाई का गाम है
17:32लेकिन अब इसके अंदर एक नई ताकत जाग चुकी है
17:50इसके वकार को पामाल किया और इसकी ममता को चीन लिया
17:54तो नाजरीन दूसी तरफ मशा को अपनी चलाकी और साज़शों पर गमंड है
17:59इसे लगता है कि वो जीच चुकी है उसने शबाब को जलीर करके घर से निकाल दिया
18:04जबाशा को काबू में कर लिया और नन्ने हनैर को भी अपने साथ रख लिया
18:08मगर वो ये नहीं जानती कि एक्तदार और जोटी फता का नशा ज्यादा देर काइम नहीं रहता
18:15जो रिष्टे जूड फरेब और साज़श पर कैम हूँ
18:17वो एक दिन खुद ही बिख़ जाते हैं मशा का ये गरूर ही इसकी तबाही का अगाज बनेगा
18:23क्योंकर शबाशा कर लिया है कि वो खमोश नहीं रहेगी
18:27तो नाजरीन अब शबाशा के खलाफ सबूत अकटे करेगी
18:31बलके मशा के माज़ी रसर चेहरे को भी बेन नकाब करने का मुशूबा बनाएगी
18:36वो जानती है कि इसे दोबारा अपनी जगा बनाने के लिए सिर्फ जजबाती दावे नहीं बलके
18:41मजबूत एकदामाद करने हूंगे
18:43वो हवेली से निकली जरूर है मगर इस हवेली को बूने वाली नहीं
18:49बूने वाली नहीं इसका दिल अब एक मकसद के लिए दड़क रहा है
18:53अपने बेटे को वापस हासल करना और अपनी सचाई दुनिया को दिखाना
18:57नाजरीन इदर जबाशा को बजाहर सब कुछ हासल हो चुका है
19:01लेकिन वो दिल का सकून हो बेटा है
19:03मजबूत की महबत में वो सब कुछ बूल गया है
19:06मजबूत की गयान मजूदगी इसे जल्द ही अंदर से तोड़ना शुरू कर देगी
19:12क्योंके सची महबत की जो गहराई होती है
19:15वो वक्ती फरेव से दम जरूर सकती है
19:18मगर मिट नहीं सकती
19:20वो जल्द जबाशा को एसास होगा
19:22के मजबूत की मजूदगी में भी वो तनहा हो चुका है
19:25और इसका दिल किसी और की यासे खाली नहीं
19:28कहानी अब इस मकाम पर है
19:30जहां हर करदार अपनी किस्मत के मोड़ पर खड़ा है
19:33मजब शाह को अपनी चलाकियों पर फकर है
19:35जबाशा को अपनी जिद पर बिरूसा है
19:37लेकिन शुबाब अब एक नई जुग की तयारी में है
19:40वो सिर्फ आने के लिए वापस आने के लिए नहीं
19:43बलके सब कुछ दोबारा हासल करने के लिए लोटेगी
19:46और सब जब वो लोटेगी तो तुफान बनका लोटेगी
19:49जो सिर्फ अपनी इज़त और बेटे को वापस नहीं लेगा
19:52बलके हाद छोटे रिष्टे को बहार ले जाएगा
19:55तो नाजरीन अब कहानी में जो कुछ होने वाला है
19:57वो सिर्फ ड्रामा नहीं बलके जजबात, इंतकाम, हब्बत और ताकत का तक्राव होगा
20:03इस मारके में कौन बचेगा और कौन हारेगा
20:06ये जानने के लिए अगली किस्त का इंतजार जुड़े रही है हमारे सब वीडियो के एंता
20:11क्योंकि ये वीडियो बहुत ही ज्यादा इंट्रेस्टिंग होने वाली
20:14क्योंकि असल जंग तो अब शुरू ही है
20:16जी है कहानी के इस मदहले पर शबाव का करदार एक नई रूफ के साथ अबर का सामने आ रहा है
20:22वो जो कल तक टूर चुकी थी अब आज एक नई एक अज़म एक होसले और एक आक में चलते जजबे का नाम बन चुकी है
20:31वो जान चुकी है कि इस के साथ जो कुछ हुआ वो एक सोची समझी साज़श थी
20:37तो ना सिर्फ मशा की बलके नाजरीन सबाशा की बेरुखी नहाल की चुप और फोजिया की खुशी भी इसी साज़श का हिसा थी
20:47शबाब अब ये जंग सिर्फ अपने गर के लिए नहीं लड़ेगी बलके अपनी इस्थ अपनी शनाक्त और मा के रुटबे के लिए लड़ेगी
20:54वो अब अपनी बेबसी को ताक्त में बदने जा रही है इदर मशा जैसे ये लग रहा है जिसे ये लग रहा है कि वो बाजी जी चुकी है अंदर से खोब में मुबतला है उसे ये एहसास होने लगा है कि शबाब जैसी औरत कभी हार नहीं मानती वो जितनी बार गिरती है उ
21:24अपनी इज्जत का बद्रा लेने आएगी जबाशा जो मशा की बातों में आकर अपनी पहली बीवी और बच्चे की मा को गर से निकाल चुका है अब दिल ही दिल में एक खाली पन मसूस का रहा है मशा के साथ होने के बावजित वो सकून से महरूम हो चुका है इसे अब शबा
21:54दामद पैदा करेगा जो आगे चल कर इसकी नीदे हराम कर देगा निहाल भी पर दे के पीछे से चाले सारी चाले खेल रही है और अब इसका अगला हदब जवेद है लेकिन नहाल यह बोल चुकी है कि हर साज़िश का एक तताम होता है और जूट हर कायम रिष्टे एक ना �
22:24जाए शबाब जो आज अकेली है लेकिन इसकी खमोशी बहुर कुछ बहुर रही है वो जिस दिन लोटेगी वो दिन हर उसकरदार के लिए फैसला कुन होगा जिसने उसके खलाफ साज़िश की अब ना वो परानी शबाब है ना वो जजबाती और जो रोती रही अब वो एक
22:54वो तफान होंगे जो हर जूटे रिष्टे को बहा ले जाएंगी शुबाब को अपनी वाफसी अब करीब है और जब वो आएगी तो खमोशी से नहीं बलके गरज़ते हुए आएगी दलकारते हुए और हर जलम का हिसाब लेते हुए आएगी तो क्या आप तयार हैं क्योंक
23:24हम देखते हैं कि नाजरीन हर जलम अपने इंजाम तक पहुँचने वाला है शबाब का दुखा बाखों से बहने वाले आंसु तक महदूद नहीं रहा बलके वो इसके बावजूद हिसा बन चुका है अब वो औरत जो कभी साध़गी वफादारी और करबानी की मौरत समझी
23:54होता है तो मशार जो खुद को फता समझ रही है दरसल शबाब के साये से भी खौफजदा है इसे मलूम कि है कि शबाब को अगर एक मौका मिल गया तो वो सब कुछ चीन सकती है क्योंकि जिसके हाथ खाली हूं उसका वाफ सबसे ज्यादा कारी होता है मशार जितना भी साज�
24:24होगी बलके वो पूरी कहानी को बदल देने वाला मोड होगा तो नाजरीन ज्यादा शबाशा जो इस वक्त मशा के करीब फरेब में उलजा हुआ है वो वक्त दूर नहीं जब इसे ये फरेब शोले की तरह जलाने लगेगा मशा की हकीकत जब खुलेगी तो जबाशा को अ�
24:54नाजरीन इदर नहाल और जवेद की खाहनी भी अब एक खतरनाग मोड पर आ रही है जवेद को ये गुमान है कि वो नहाल को काबू कर रहा है लेकिन दरसल वो खुद नहाल के जाल में फंसता जा रहा है नहाल एक ऐसी औरत है जो अपने मकासद के लिए कुछ भी कर सकती है
25:24लेकिन कमजोर नहीं वो दिन दूर नहीं जब लोटेगी मगर आप वो किसी की बीवी या किसी की माँ बंड कर नहीं बलके अपने साथ होने वाले हर जलम का इंसाफ लेने वाली एक मजबूत और बंड का वापस आईगी तो नाजरीन वो आएगी तो तुफान लेकर और ये
25:54तैयार हो जाएं क्योंकि वो दिन करीब है जब हर सवाल का जवाब मिलेगा और हर मुझलूम को इंसाफ तो नाजरीन अगर अब अबी तक आपने हमारे चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया तो हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर लें और बैल आइकों को प्रेस करें ताकि हम �
26:24पहा कर अपनों की बेवफाई को सह लेती थी अब वो एक ऐसी औरत है जिसका सब कुछ लूट चुका है और जिसके पास अब खूने को कुछ नहीं लेकिन लड़ने को सब कुछ है उसके सीने में मुमता की तरफ बेवफाई का दुख और इंतकाम का शोला सब कुछ एक साथ
26:54और मा जब बेटे के लेलिये लड़ती है तो दुनिया की हसाज़श हर जूट और हर रकावट को रूंद डालती है वो जानती है कि मुम शाने जिस मकाम पर जाकर वार किया है वहां तक रसाई जजबास नहीं हिकम से होगी और आब शबाब ने वो हिकम सीख ली है दुसी ज
27:24बाजी बलके चपकते हुए चपकते ही उल्ट सकती है क्योंके वो जूट पर कड़ी खड़ी अमारे ज्यादा दे काम नहीं रहती और वो जानती है कि शबाब का वार खमोश नहीं होगा बलके ऐसा दुमाका होगा जो गर को भहला कर रख देगा जबाशा का दिल जैसे मु�
27:54किया और वो लमहा तब और भी तकलीदा होगा जब उसे शबाब की सचाई देर से समझाएगी लेकिन शबाब उसे माफ ना करेगी शबाब अपनी मर्जी को अपने कदमों तले रोंदने के लिए त्यार है वो जान चुकी है कि अगर उसे दुबारा अपने बेटे अपनी �
28:24कोई हतिया नहीं जो इस वाद को दबा सके तो नाजरीन अब कहानी सिर्फ महबत फरेव इंतकाम की नहीं बलकि एक वरत की बेदारी की है वरत जो बिखरी तो जरूर मगर तूटी नहीं और अब वो खुद अपनी तकदीर का रुख बदने आ रही है त्यार हो जाएं लेकि
28:54जानी सोच की गमाज है जो जल्द ही अमली सूरत में सामने आने वाली है वोर जो कल तक दूसरों के फैसलों पर अपनी जिन्दगी गुजारती रही आज अपने फैसले खुद कर रही है शबाव का बना मशाकी साथजियों का होफ है ना जबाशा के रुए का और ना ही दु
29:24नजर आती है अंदर से वो अतनी ही गहर महफूज हो चुकी है इसे हर लम्हा यह कत्रा है अगर शबाव लोट आई तो वो इसने सारी दुनिया से चीन जाएगी जो इसने जूट मकारिय दोके से बनाई है निहाल भी अब मशा के लिए एक बोज बनती जा रही है क्योंके न
29:54लगा है इसे हर उस लम्हे की किसक मसूस हो रही है जो उसने कभी उसने शबाव के साथ गुजारा वो लहम लमस वो वफाव वो खालिस रिष्टा जो वक्त के साथ उसकी गृफ्ट से निकल चुका है यह पिश्टावा उसके दिल में वो खला पैदा कर रहा है जिसे मशा क�
30:24वरत है जो कदुख में निकिरी है आंसियों से नर्मी नहीं बलके जुरत सीख कर उबरी है जब ऐसी वरत लोड़ती है तो सिरफ अपना हक लेने नहीं बलके हर जियाती का बदला लेने आती है तो नाजरीन अब कहानी इस मकाम पर आ गई है जहां हर कदम सिंसनी है हर करदार
30:54जिसे साब दोके देगा तनहा चोड़ दिया गया आज वही ओरत मजबूर कदमों से अपने दुश्मिनों के सामने खड़ी होने को तियार है तो नाजरीन आज आज हम वो अब वो सिर्फ अपनी इस्ज़त का नहीं हर उस ओरत का मकदमा लड़ने जा रही है जिसे दोका फर
31:24की सतूनों पर खड़ी है शबाब की वाफ़ी मुशा के लिए कर ड्रोना खाब बनती जा रही है वो जानती है कि अब शबाब ने एक बार जबान खोली तो वो सच उबल पड़ेगा जैसे वो सालों से चुपा रही है मुशा जितनी भी चलाक हो वो सबाब की सचाई का सामन
31:54वो दर्द जो अब हाक की सहुरत में बने वाला है वो खुद को एक ऐसे मकाम पर पाता है जहां हार फैसला उसे पुष्टावे की तरफ दिके रहा है अब वो अपनी ही सोचों में उलच चुका है और जल्द ही इसे यह हैसास हो जाएगा कि असल वफा तो उस वुरत की थी �
32:24नाजरी नाड़े वाले लम्हें ऐसे होंगे जैसे हर शाद जिसे जहां पर हर साच चो सामने आएगा हर चेहरा बेनकाब होगा और हर जालम को उसके इंचाम तक पहुंचाया जाएगा कहानी अब इस मौल पर है जहां इसाब का सुर्द तलू होने को है और शबाब की रोश
32:54जो सरफ एक मजलूम औरत का नहीं रहा बलके वो एक ऐसी जोशनी बन चुकी है जिसे हर अंदेरे में उमीद की किरम बन कर उबरेगी इसकी खमोशी इसकी तनहाई इसकी तकलीफें साब उसके अंदर नई ताकत बन कर परवान चड़ चुकी है वो वक्त जब हर बात सहकर ख
33:24जिसने इसके वजूद को पमाल करने की कोशिक की तो नाजरी ने दम मुशा की जीती बाजी अब हातों से निकलती महसूस हो रही है जो औरत दूसरों की कमजोरियों पर राज करती थी अब वो खुद कमजोरियों का शिकार हो रही है इसे अपने जूट के बांड़ा फोड�
33:54जो साच देर से निकले वो हर जूट को राख कर देता है
33:57जबाशा की बेहसी अब उसे खुद पर शमीनदा करने लगी है
34:01उसने जिस सुरे को टुकराया
34:03वही ओरत आज जहर उस माश से निकल का थाबत कदमी की मिसाल बन चुकी है
34:08जबाशा को अब हर दिन शबाशा की वियाद उसकी वफा और उसकी करबानी का हैसास सताने लगा है
34:13वो जानता है कि इसने जिसका दिल तोड़ा वो औरत दुनिया की सबसे कीमती चीज़ सी
34:18एक वफादार और बीवी एक महबत करने वली मा और एक खालिस इंसान
34:23शबाव की कहानी अब सिर्फ इनतकाम की कहानी नहीं रही बलके सवरत की जदो जहद है
34:28जिसने हर धर्द रणकामी और हर दोके को अपनी ताकत में बदल लिया है
34:33अब वो अपने लिए नहीं बलके हर उस वरत के लिए लड़की जिसे जमाने में जूटे
34:38अल्सामाद रिष्टों की बेवफाई और मर्दाना अनाओ के नीचे दुबाया दिया
34:45वो अब आने वरी नसलों को ये सबक देगी कि वरत अगर चाहे तो वो पूरी दुनिया का चेहरा बदर सकती है
34:51नाजरें ये वो वक्त है जहां शबाव की खमोशी चीख बनने वाली है
34:57और नाजरें इस चीख में वो तुफान चुपाय है जो हर जूट पर जलम और हर बेवफाई को बहाका ले जाएगा
35:05कहानी आप अपने इंजाम की तरफ नहीं बलके एक नए आगास की तरफ बढ़ रही है
35:09एक ऐसे इंजाम की तरफ जहां सच जीतेगा और शबाव और रोश्मी बनेगी जो कभी इच बजा ना सकेगी
35:16तो नाजरीन अगर अभी तक आपने हमारे चैनल को सबस्क्राइब कर ले और बेल आईको को प्रेस करे ताकि हाँ ने आने वाले वीडियो का नोटिकेशन आपको सबसे पहले मिल सके
35:27तो नाजरीन शबाव अब हर कदम बड़ी सोच गहरी सबर और पुखता रादे के साथ रख रही है और अब परानी शबाव नहीं रही जिससे दूसरों की बातों से डर लगता था जो अपनी महबत के बदले खमोशी के इंतिखाब कर लेती थी
35:43वहल महा अपने अंदर एक नियाग लेका जी रही है वो जल्द ही मशा और जबाशा के जूटे रिष्टों को जलाका राख कर देगी उसने अपने दुखों को अपनी ताकत बना लिया है और अब वो लड़ने के लिए नहीं जीतने के लिए वापसाई है अब वो खुद को
36:13खुफ के खुफ है कर शबाशा का बर किस रुख से हमला करेगी वो जानती है कर शबाशा की सचाई अगर एक बार जबान पर आ गए तो वो हर जूट उसने बरसों से बनाया था और लमहों में गिर जाएगा नाजरे इन मशा के पास सब सिर्फ साजशें बाकी रह गई हैं �
36:43हर दिन रात वो अंदर ही अंदर तडप रहा है उसे हाब अंदाजा हो रहा है कि मशा का साथ सुर्फ वक्ती स्कून था जबके शबाशा का साथ असल जिन्दगी असल महबब थी लेकिन शबाशा के अंदर वो गहराई है जो महापतों कर सकती है मगर दोबारा खुद गो इ
37:13कि आइने में लाकर लाखडा करेगी यह सिर्फ उसकी कहानी नहीं हर उस और की कहानी है जो चुप रहती है सहती है मगर जब उड़ती है तो पूरी दुनिया बदल देती है अब शबाव सिर्फ करदा नहीं वो एक सबक है और यह सबक जल्द सबको सीखना पड़ेगा तो ना�
37:43बिदारी है जिस और को कमजोर बेबास और खमोश समझ का सबनों टकराद दिया था आज वही वरत वक्त के रुक को मोडने की सलाहियत रखती है वो अपने अंदर की तूटी हुई शबाव को दफना चुकी है और अब एक ऐसी मजबूस शक्सित के साथ हमने आई है जो ना स
38:13उठेगा तो मशा निहाल और जबाशा सब को अपनी लपेट में ले लेगा मशा के लिए अब हर दिन एक नई अजियत बन किया है उसे अपनी जीती हुई दुनिया अपनी ही नजरों में जाली लगने लगी है वो शबाव की नजर से बचने के लिए कितना ही मसनुई खुस
38:43सब खाक हो जाएंगे जनाजिन सबाशा आप खुद को दो राहों पर कड़ा मुसूस कर रहा है एक तरफ उसका जमीर है जो जो शबाव की सच्चाए को पका रहा है और दूसरी तर वो फिरेब है जो मशा की सूरत में इसकी आँखों के सामने कड़ा है वो अंदर ही अंदर
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