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  • 5 days ago
करगिल महाविजय के 26 साल बाद किस मोर्चे पर कितना बदला भारत? देखें वंदे मातरम्

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00:00विजे में भी विनम्रता का एसास
00:10दरास हमारे लिए सिर्फ एक जूटी नहीं है
00:13एक जिम्मे दारी और हमारे लिए एक जजबात है
00:15खर अधन जोन जानता है कि यह मुश्किला तो ही हमारे कर्तबा का एक हिसा Rise
00:20जीत में भी शीख का विश्वास
00:25अज हमारी भारतिय सेना हर समय, हर वकत, हर मिशन के लिए रड़ी है
00:29उतने बड़े और टफ एरिया में भी हम सुझ भी मिसने करते हैं
00:33यहां की चोपियों, बलिदान, वीर गार्थाओं जैसी बहुत सारी कहानिया हैं
00:38कर्गिल के महाविजय के 26 साल बाद इस मोर्चे पर कितना बदला है भारत
00:48अब इस इलाके में सिविल और स्टाटिजिक डेवलोप्मेंट दोनों साथ साथ चन रहे हैं
00:54अगर 99 वाले हालाग दुबारा बनते हैं
00:57तो हम हैंने की मोमेंट को पहले से ही डिटक्ट करके इन पे जवाबी हमला कर सकते हैं
01:04बुलेट प्रूफ जैकेट और असाल्ट राइफल और ड्रोन जे सब अब बारत में ही डिजाइन और मैनुफेक्चर किये जा रहे हैं
01:11और नए युग के युद्ध के लिए कैसे किया है खुद को तयार
01:18अभी हमारे पास में एके टूजीरो थरी, सिक्सोर राइफल, निगेव एलमजी और साको स्नाइपर जैसे आधुनिक हतियार आज हमारे पास में
01:31अब हमारी Border Road Organization ने पूरे साल एक्टिव रहने वाली सडकों को बना दिया है
01:36ये War Memorial सिर्फ एक यादगारी नहीं है, संपूर्ण भारत के लिए जजबा है
01:53अमर शहीदों की पूजा हर एक राश्र की परमपरा
01:57उनसे है मा की कोक धन्य, उनको पाकर है धन्य धरा
02:01गिरता है उनका रक्त जहां वो ठोर तीर्थ बन जाते हैं
02:06वो रक्त बीज अपने जैसों की नई फसल दे जाते हैं
02:10नमस्कार जैहिंद वंदे मातरम, मैं हूँ श्वेता सेंग
02:13हम करगिल में हैं इस समय
02:16वो करगिल जहां का युद्ध हमने ऐसे जीता
02:20कि उसके बाद पाकिस्तान हिम्मत ही नहीं कर सका
02:23एक पूर्ण युद्ध भारत से लड़ने के लिए
02:26लेकिन दुनिया के बाकी जो देश हैं
02:29वो अपनी हार में सबक सीखते हैं
02:32भारत इकलोता ऐसा देश है दुनिया का
02:35जो अपनी जीत से भी सबक लेता है
02:37ये युद्ध भूमी के टुकड़े के लिए नहीं था
02:58ये भारत माता के आचल के सम्मान की जंग था
03:02ये हिंदुस्तान के अभिमान की जंग थी
03:08ये हमारे अधिकार की जंग थी
03:12ये पाकिस्तान को उसका हद बताने की जंग थी
03:20ये सरहत पर स्वाभिमान की जंग
03:26गर्गिल युद्ध को 26 साल बीच चुके हैं
03:29भारत की सेना ने यहां पाकिस्तान को ऐसी शिकस्त दी थी कि वो दशकों से भूल नहीं पा रहा।
03:35लेकिन विज़ाई दबदबे के अती आत्मविश्वास की जगह भारत ने जीत से भी सीख लेते हुए इस मोर्चे को अभेद बनाया है।
03:45जहां भी गुंजाईश थी वहां सुधार किया है।
04:15आज हम आपको 26 साल के फासले पर 26 साल का फर्थ बताएंगे।
04:23कैसे भारत ने करगिल के मोर्चे पर खुद को ऐसे तयार किया है कि किसी भी तरह के खतरे से लड़ने और जीतने में हम सक्षम हों।
04:33अगर 99 वाले हालाद दुबारा बनते हैं तो हम एनमी की मुमेंट्स को पहले से ही डिटक्ट करके उन पे जवाबी हमला कर सकते हैं।
04:46करगिल युद से हमें ये सीख भी मिली है कि हमारी त्यारी पहले सी होनी चाहिए और उसी सोच के साथ आज हमारी भारतिय सेना हर समय हर वकत हर मिशन के लिए रड़ी है।
04:56अगर जुद होता है तो निच्चे ही विजय हमारी है।
05:00भारत ने करगिल युद्ध में महा विजय हासिल की थी
05:06लेकिन ये भारतिय सेना की परंपरा रही
05:09कि युद्ध के उपरांथ हर सीख को आगे की पीडियों के लिए दर्ज किया जाता है
05:14जहां कमी लगती है उसे दूर किया जाता है
05:17जो सफलता मिलती है उसे आगे के लिए ट्रेनिंग में शामिल किया जाता है
05:22मसलन वो क्लिफ चॉप असॉल्ट जो नंगी चोटियों पर पहाड पे बैठे दुश्मन पर आक्रमण में कारगर रहा
05:28उसे सैनिकों की बुनियादी ट्रेनिंग का हिस्सा बनाया गए
05:32हमारा दुश्मन पूरा हाइटूट के पर बैठा है
05:37कल अगर हमें हमले करने की जूर पड़ी तो हमें उची उची पहाडियों पर जाके असॉल्ट करना पड़ेगा
05:42तो अगर हमारे अंदर वो डर रहेगा तो हम कभी वो सक्सेस्फुल असॉल्ट नहीं कर सकते
05:47इसलिए दर को हटाना बहुत ही ज़रूरी है
05:49ये एक क्लिफ चॉप असॉल्ट है
05:52दुनिया इसे क्लिफ असॉल्ट के नाम से जानती है और इसकी बारीकियों को सीखने के लिए भारत की तरफ ही देखती है
05:59क्योंकि करगिल युद्ध में जब इस तरीके का इजाद हुआ था
06:04समझ लिजे उसी की जन भूमी में हम इस समय खड़े हैं
06:07आसान भाशा में कहें तो ये एक ऐसा तरीका होता है कि आप पहाड़ पर उस रास्ते से जाते हैं
06:13जहां से दुशमन उमीद ही नहीं कर रहा होता है
06:15लेकिन इसे मुश्किल भाशा में समझने की जरूरत है
06:19तक्नीकी भाशा में
06:20ठीक इसी तरह जहां कमी पाई गई उनमें ऐसा सुधार किया गया
06:27कि दुशमन को हमारी रक्षा में अब एक भी दरार नहीं मिलेगी
06:30जैसे करगिल के समय दुश्मन की जिस चालबाजी का पता चलने में वक्त लगा था
06:36उसे दूर करने के लिए जानकारी हासिल करने का तंत्र दुरुस्त किया गया है
06:41हाई अल्टिट्यूड की ट्रेनिंग और इन परिस्थितियों में सैनिकों के साजो सामान को बहतर किया गया है
06:46संचार प्रणाली को पुखता और मजबूत किया गया है
06:50हथियार प्रणालियों को जरूरत के अनुसार अपग्रेड किया गया
06:54स्पेस, साइबर और एलेक्ट्रोनिक वार्फेर क्षमता को बढ़ाया गया
06:59जल धल वायू सेना का समनवय बहतर हुआ है
07:02और सबसे बढ़कर उपकरणों और हथियारों का स्वदेशी करण हुआ है
07:08करगिल विजय दिवस पर हम आपको दिखाएंगे
07:11क्यूं अब इस मोर्चे पर दुश्मन आख उठा कर देखने की जुर्रत भी नहीं कर सकता
07:181999 तक इंसास राइफलों का इस्तेमाल
07:22LMG जो बहुत अपडेटेड नहीं थी
07:24नाइट विजिन का उतनी बहुतायत में नहीं था
07:27लेकिन अब किस तरीके के उपकरण इस्तमाल होते हैं
07:31किस तरह के वेपन से इस्तमाल होते हैं
07:3226 साल पहले जिन हत्यारों से हमने युद्ध लड़ा था
07:38वो अब इतिहास की कहानिया है
07:40आदूनिक हत्यारों की इस तस्वीर में
07:42हमारा हुनर, हमारी आशा, हमारा ज्यान, हमारा विज्ञान
07:47और 140 करोड हिंदुस्तानियों का भरोसा नजर आता है
07:51ये नया अर्जज जो असॉल्ट राइफल है
07:56ग्रिनेड लॉंचर्ज और उसी में कुछ ऐसी चीज़े
07:59जो आज भारतिय सेना की तरक्की आपको और ज्यादा दिखाती है
08:04ये अंटी टैंक गाइड़ मिसाइल जो है ये भारत में निर्मित है
08:07इससे पहले रूस में निर्मित अंटी टैंक मिसाइल हम यूज करते थे
08:11लेकिन अब भारतिय निर्मान जो है जो स्वदेशी हथियार ये है उसमें जो रेंज है वो लगभग डबल हो गया है
08:20तीन किलोमीटर से अधिक तक ये निशाना साथ सकता है
08:2575 मीटर से लेकर 3000 मीटर के उपर तक इसका रेंज होता है
08:32और ये जो हथियारे से चार लोग कुल मिलकर ऑपरेट कर सकते हैं
08:37यानि कि एक जो टुकडी है वो साथ लेकर इसे चल सकती है
08:40इसी तरीके से आप हमारी स्नाइपर राइफल को देख लिजे
08:43कहीं भी किसी भी दूरी से सटीक निशाना बिलकुल लगाने में सक्षम
08:48आज भारतीय सेना ऐसे हथियारों का इस्तेमाल कर रही है
08:52जो विश्म में सन्विश्रेष्ट हैं
08:55इन में कुछ दूसरे देशों में निर्मित हैं
08:57तो कुछ का उत्पादन भारत में हो रहा है
08:59रूस के साथ रक्षा समझोते के तहट
09:04AK-203 का उत्पादन भारत में हो रहा है
09:07काउंटर टेरिरिजम से लेकर
09:09हाई अल्टिटूड वार्फेर तक
09:11AK-203 विस्तरित कॉंबाट परिस्थितियों में प्रयोग के लिए बहतरीन
09:16ये राइफल दुनिया के सबसे आडवांस
09:18और भरोसे मन असौल्ट राइफल्स में से एक है
09:21इसका नाम है AK-203 असौल ट्राइफल
09:25ये पहले सेना के अंदर AK-203 का इस्तमाल किया जाता था
09:30अभी इसका लेटेस्ट वर्जन AK-203 को सेना के अंदर समिल किया गया है
09:35AK-203 को सेना के बनिश्पत
09:39इसका recoil कम और accuracy ज़ादा होने के कारण
09:43हम लंबे range पर निकलने वले target को बरबात कर सकते
09:47इसके साथ 5 magazine की आते हैं
09:51उससे हम लड़ाई में ज़्यादा ammunition क्यारी कर सकते
09:54और इसका fire power भी बड़े जाता है
09:57इसके अलावा भार्दिय सेना, front line troops, special forces, घातक platoon के लिए
10:04उनकी जरूरतों के अनुसार rifle हैं इसका नाम है 8.6 mm साको स्नैपर रैपल
10:13अभी इसके अंदर क्या है कि इसके अंदर बाइपड की सुविदा दिये गई है
10:16इसके अलावा इसके अंदर bolt action है
10:19इसके वज़े से क्या है कि अंदर पुर्जयों की moment नहीं होतीं
10:23जिए क्या है इसके अंदर accuracy ज्यादा मिलती है
10:26दूसरी बात है इसके अंदर पिकातनी रेल की सुविदा दी गई है
10:29जिसके वज़े से दीन के समझ जिस प्रकाशा हम site लगाएके fire करते है
10:34उसी इसाफ़ से क्या है इसके अंदर नाइट के समय भी हम T.I. साइट लगाके उसको अब हम फायर के अंदर सामिल कर सकते हैं
10:40जिसके वज़से दिन और रात के समय हम इसका इस्तमाल कर सकते हैं
10:43साथ ही जो नाइट वीजन और ठर्मल वेपन साइट्स है वो बेहत कारगर है
10:50इस साइट का नाम है Long Race Thermal Imager Camera ये एक नाइट साइट है जो की बारत में बैल कंपणी द्वारा बनाया गया है
11:01यह साइट थर्मन इमेजर के सिदान पर काम करती है
11:06इस साइट के साथ एक TFT की सुपधा दी गई है
11:09जिसकी मदद से एक operator साइट को किसी dominant height पर और जांफिर bunker पर
11:15खुद operator bunker के अंदर बैठ कर अपने area of responsibility की निगरानी असानी से कर सकता है
11:23साइट light weight होने के कारण एक operator इस साइट को एक जगा से दूसरी जगा से असानी से carry कर सकता है
11:30बुलेट प्रूफ jackets की क्षमता भी बढ़ी है और वजन घटा है
11:37घंड में इस्तिमाल में आने वाला gear भी पहले के मुकाबले बहुत बहतर हुआ है
11:42हम आपको वो उपकरण भी दिखाते हैं जो 1999 में इस्तिमाल किये जाते थे
11:49भारतिय सेना के हाथों में आज आप अलग-अलग तरह के हथियार देखते होंगे
11:56लेकिन हम बात आज से 24 साल पहले की कर रहे हैं 1999 की करगिल युद्ध
12:02उस समय कौन से हथियार कौन से उपकरणों का इस्तिमाल किया गया था
12:05ये AK-47 राइफल सालनकि इनमें कई ऐसे हैं जो की दुश्मन से क्याप्चर भी किये गए हैं
12:12दुश्मन के दांत किस तरह से खटे किये थे आप सबको याद हैं
12:15ये मैगजीन से वो ये वो नेजा है वो बेनिट है जिसके अलग-अलग तरह के इस्तिमाल हो जाते हैं
12:21उस समय भी आपने देखा होगा कि चाहे गोलियां बचे ना बचे लेकिन दुश्मन नहीं बचता था
12:26बंदूक के सामने के हिस्से में इसे फिट भी किया जा सकता और अलग-अलग अवरोध को हटाने के लिए भी इसका इस्तिमाल किया जा सकता है
12:32किसी चीज़ को खोलने के लिए भी इसका इस्तिमाल किया जा सकता है
12:36यह जो grenade है hand grenade इसका इस्तेमाल किया गया था type 36 इसे कहते हैं और साथ ही जो motorola sets थे जो कि उस समय digital नहीं बलकि analog और यह जितने भी उपकरण आप देख रहे हैं वो जो पहाडियों को पार करने के लिए जिनका प्रयोग किया गया था उन सब को अरजित किया गया था और जब भी
13:06चार मिल जाए उसके हिसाब से तो यह सारे उपकरण मोटे तौर पर जो एक योद्धा हमारा 1999 करगिल युद्ध में लेकर निकला था
13:15दरसल 1999 में जब युद्ध इछड़ा तो भारत को जरा भी आशंका नहीं थी कि ऐसा हो सकता है
13:24लेकिन उसके बाद से भारतिय सेना ने आधुनी की करण को अपनी मुहिम बनाया
13:28खास कर पिछला एक दशक इस दिशा में बेहत निरनायक रहा है
13:33इस बोफोज को जब आप दरास करगिल की चोटियों के बीचों बीच देखते हैं
13:40तो अपने एहसास में आपको 1999 की उसकी गरजना भी सुनाई देती है
13:45गेम चेंजर था
13:46उस युद्ध में जिस तरीके से इसने दुश्मन को अपनी हदों में रहने को मजबूर किया था
13:52ये गेम चेंजर था
13:53लेकिन वो था 1999 ये है 2025
13:57और अब हम आत्म निर्भर भारत की तरफ तेजी से बढ़ते हुए
14:03बोफोर्स की खुबियों को रखते हुए
14:07बोफोर्स की कमियों को दूर करते हुए हथियारों के साथ लेस हैं
14:12करगिल की लड़ाई में बोफोर्स तोप एक ऐसा ब्रम्हास्त्र साबित हुआ
14:19जिसने घुसपैठियों को बेबस कर दिया था
14:21करगिल युद्ध में पहली बार इन तोपों का इस्तमाल हुआ था
14:25लेकिन आप धाई दर तक बार 15,000 फीट की उचाई पर अत्या धुनिक सुविधाओं से लेस धनुष हविजजब ही मोर्चे पर लगाए गए हैं
14:34किसी भी मौसम में कैसे भी हालात में ये दुश्मन के परखच्चे उड़ा सकते हैं
14:39हजारों मील में फैली घाटी में धनुष भार्तिय सेना की ताकत को बढ़ा रहा है
14:44आज इन ताकतों के सामने पाकिस्तान कहीं नहीं टिकता
14:50न्यू इंडिया की बदलती तस्थीर की वज़े से भारत और पाकिस्तान में जमीन आस्मान का फरका चुका है
14:571999 कर्गिल युद्ध में बोफोज के दम ने तुश्मन का सर पुचल दिया थी
15:04एक सो पचपन एमेम की ये गन उची चोटियों पर फतह में निरणायक थी
15:09लेकिन भारतिय सेना ने बोचे की बदलती जरूरतों पर ध्यान रखते हुए
15:13अपने तोथ खाने के आदुनी की करण पर निरंतर जूर दिया
15:18मेक इन इंडिया के तहट जो भी हमारे डिफेंसिव एक्यूक्मेंट अब बारत में तियार किये जा रहे हैं
15:26वो पहले के मकाबले काफी बहतर हैं
15:28जे हमारी जमीनी बनावट और हमारे उप्रेशनल टास्क को मद्दे नजर रखते हुए त्यार किये जा रहे हैं
15:34जैसे हमारे बुलेट प्रूफ जैकेट और असाल ट्राइफेल और ड्रोन्स
15:39जे सब अब बारत में ही डिजाइन और मैनुफेक्चर किये जा रहे हैं
15:44इनकी सबसे खास बात जे है कि इनमें अगर कभी भी कोई टेक्निकल फाल्ट जा कोई इशू आ जाता है
15:50तो हम इनको जल्द से रपेर करके और अपने उप्रेशनल टास्क में शामिल कर सकते हैं
16:09सब्सक्राइब करने जाता है कि इनकी सब्सक्राइब करने जाता है
16:39के अंदर SLR और LMG 7.62 से लड़ाईयां रड़ी हैं लेकिन हमने उसके बाद में इनसास परिवार को भी पीछे छोड़ दिया
16:49अभी हमारे पास में एक के टूजी रो थिरी शिक्सोर राइफल निगेव LMG और साको स्नाइपर जैसे आधुनिक हतियार आज हमारे पास में
16:59जिनको इस इलाके में ओपरेट करना साथ ही उनका रखरकाओ करना काफी आसान है तो आसानी से एक जवान उनका इस्तेमाल कर सकता है
17:08इस इलाके में बहुत बदलाव गुआ है सीमा वर्ती इलाकों में अब सेना ने ज्यादतर उची चोटियों तक पहुँचने के लिए रास्ते और सड़के बना ली है
17:18टाइगर हिल तोलोलिंग जैसी उची चोटियों पर सेना ने मजबूत पोस्ट कायम कर ली है
17:24जिन जगों से पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों ने घुसपैट की थी वहां घुसपैट रोधी ग्रिड बना दिये गए है
17:31जिन पहाडी चोटियों को बर्फबारी के मौसम में खाली कर दिया जाता था
17:35अब वहां पूरे साल सैनिकों की तैनाती रहती है
17:38किसी भी वक्त तुरंट सैनिय तैनाती और मदद के लिए
17:43एलोसी पर जगे जगे हेली पैज्स का निर्माण हुआ है
17:46आम नागरेकों के लिहाज से भी इलाकी की सूरत ही बदल दी गई है
17:51कारगिल प्योज़ वीज़े हासिल करने के बाद
17:56भारतिय सेना और सरकार दोनों ने एक साथ मिलकर इस इलाके में नए विकास का एक नया दौर शुरू किया है
18:03पहले यह इलाका काफी आइसलोरेटेड माना जाता था
18:07लेकिन अब इस इलाके में सिविल और स्टाटिजिक डेवलोप्मेंट दोनों साथ साथ चल रहे है
18:12टेलिकॉम सेक्टर में भी काफी सुधार हुआ है
18:144G, 5G, Broadband और सेटलेट इंटरनेट जैसे Opportunities ने यहां के युवा को नए Opportunities के तरफ जोड दिया है
18:23अब हमारी Border Road Organization ने इस इलाके के अंदर पूरे साल एक्टिव रहने वाली सडकों को बना दिया है
18:30इसके साथ ही जोजीला टनल मेगा प्रोजेक्ट ने हमारे पूरे लदाख रीजन को round the year accessible बनाया है
18:38इससे क्या हुआ है कि हमारी सेना का जो मुमेंट है वो और भी आसान हो गया है
18:43और अगर जरूरत पड़ती है कि हमें प्रतिकरिया करनी है तो हमारी प्रतिकरिया भी पहले के बजाए अब तेज हो गई है
18:49इसके अलावा एलूसी पर सर्वेलांस सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए साटेलाइट और तो ही ड्रोन्स का इस्तमाल किया जाता है
18:59ड्रोन्स अलग अलग भूमिकाओं में हैं भारतिय सेना में
19:05सर्वेलेंस बहुत प्रमुक रोल इसका हो जाता है जैसे ये त्रिनेत्र जिसका नाम है
19:11और किवल नाम भारतिय नहीं होता है बलकि उसमें भारत का अंश होता है
19:16उसके चाहे असेम्बली को ले लिजे या फिर उसके निर्मान को ले लिजे
19:20अलग अलग तरे के ड्रोन्स ये एक सवेलेंस ड्रोन्स है वैसे कॉमबाट ड्रोन्स का भी इस्तमाल होता है
19:24इसकी खासियत क्या है कि ये दिन में और रात में दोनों समय में हमारी सेना की आँखें बन कर हमें वो तस्वीरें सीधे भेजता है
19:32ये गर्ब की बात है कि उस युद्ध के दोरान की चुनोतियों को अनुभफ करने के बाद उन सभी को दूर करने की बारी कोशिशें आप यहाँ पर देखेंगे
19:43करगिल युद्ध के बाद से भारतिय सेना में आदुनी की करण की रफ्तार और तेज हो रही
19:48युद्ध के समारक पर एक ओर आपकर गिल दोर के हथियारों को शान से सजा देखते हैं
19:59तो नए भारत की नई ताकत का बखान करते उपकरणों से भी कर्व महसूस करते हैं
20:04इस रैफल का नाम 6777 असल्ट रैफल है
20:08यह जो एससे का बना हुआ है
20:16इसकी खासी दिया है में 500 से लेके 800 मिता तक असानी से दुष्मन को सिंगल शॉट प्रस्टोंस वाय से बरवाद कर सकती है
20:22इस से त्यार की कुछ एक बिचेस्ते हैं जो इस परकार से हैं
20:24इसमें मैगजिन कैच और फिर सिफ्टी कैच लेफ साइड और राइट से दोनों दे रखा है
20:28अगर कोई बंदा लेफ एंड फायर है कोई राइड फायर है वो इसका अराम से इस्तेमाल कर से हैं
20:33कि अबर क्या होता है कि हाइट अलग लग होने के कारण की बट को जच्ट करना पड़ता है
20:38इसमें अजश्टिंग बट की सुपधा दे रखी है
20:39साथ में क्या होता है कि फायरिं के दुरान दूल के रह उड़ती है
20:42विजय का एहंकार नहीं बल्कि चुनोतियों को परक कर व्यवस्था में सुधार ही भारत का ध्ये है उद्देशे
21:10एक तो यहां का भूगोल, यहां का टिरेन और दूसरा यहां का जो करकश मौसम है
21:17मोबिलिटी बड़ी ज़रूरी होती है
21:18द्रास करगिल की इन पहाडियों पर कभी गूलियों और गोलाबारी के बीच हमारे सैनिक चड़े थे
21:26इन उची चोटियों से दुश्मन को बेदखल किया था, तिरंगा लहराया था
21:31इसके बाद से भारत ने कभी अपनी तैनाती यहां कमजोर नहीं पढ़ने दी
21:36आज सैनिकों के सहयोग के लिए यहां और टेरेन वीकल्स हैं, जो अलग-अलग जरूरतों के अनुसार ट्रूप मूव्मेंट से लेकर लोजिस्टिक्स में कामाते हैं
21:49साब इस वीकल के बारे में बताएं क्यूंकि जाधातर समय तो यहां पर श्नो रहता है पूरे इलाके में
21:57यह में यह पोलारिस 550 यह पोलारिस कंपनी से बना हुआ है यह सेना में इसलिए तिया गया है कि मूबिलिटी पढ़ाने के लिए जहां पर फोर विल बिकल जा नहीं पाता है
22:11वहां पर यह ले जाके हम आराम से टूप्स को एक जगह से दूसरे जगह आसनी चे ले जा सकते हैं अच्छा मतब जब पूरा बर्फ रहती है तो उसमें बहुत जी और इस्टार्टिंग में जो माइनस डिग्री है तो इसमें भी आसनी से इस्टार हो जा पही है जो एभी �
22:41एसी रिहाईशी जगह जो दुनिया में दूसरे नंबर की सबसे ठंडी जगह है वो है द्रास यहां पर माइनस में भी तापमान रहता है और बर्फ से ढखे हुए पहाड रहते हैं और यह बहुत महत्वपूर्ण इस हिसाब से हो जाता है हमारी फोसिल्स के लिए
22:56इन एटीवी में भी कई भारत में निर्वेत हैं ये खड़ी चड़ाई पर भी फर्राटे से भागते हैं भारी वजन ले जाने में सक्षम
23:06जब आप एक विजय गाथा को बार-बार दोहराते हैं जब एक उत्सव बार-बार मेनाते हैं तो उसके माइने कई होते हैं न केवल देश के सैनिकों के लिए बलकि देश वासियों के लिए दिए
23:201947-48 से लेकर कई ऐसे वर्ष आये जब पाकिस्तान ने भारत पर धोखे से आक्रमन किया और उसे मूखी खानी पड़ी लेकिन 1999 का करगिल युद्ध एक ऐसा युद्ध था जिस युद्ध में पाकिस्तान को इतनी तगड़ी शिकस्त मिली कि उसके बाद वो कभी भी दोबार
23:50जब आज आज आज में ताइगर हिलपा डिपलेमें दुस्मन के उपर उम्ला करके उसे उसे वर्दाद करने का चाख समिला हुए है
24:18वो ऐसा युद्ध था जिसने पाकिस्तान को सर उठाने लाइक नहीं छोड़ा
24:29इस लड़ाई में एहम रोल था हमारे जवानों का अदम में सास हमारी टीम स्प्रीट और हर जवान का जोस और जज़वा
24:41वो ऐसा युद्ध था जिसने भारत के पराक्रम का पर्चम बुलंद किया
24:49दुश्मन चाहिए हमें देखे या ना देखे लेकि दुश्मन के उपर हमारे कड़ी नजर रखते हैं ताकि हम उसको मुह तोड़ ज़ाउप दे सकते हैं
25:01वो ऐसा युद्ध था जो छल कपट विश्वास खाक की बुलियान पर शुरू हुआ
25:09यहां की चोटियों में बलिदान वीर गाथाओं जैसी बहुत सारी कहानियां हैं जो इन चक्तानों में बसी हुए
25:19वो ऐसा युद्ध था जो वीरता विश्वास और धारत की विजय के साथ समापत हुआ
25:29गर्नेड से जो मरे वह ताली थे और मेरे साथ इन गोल्यूं से मारे वह अलज जे तक रिवर सत्तरा श्याद की उस तो लोलिंग पर मारे पूरी कंपनी खतम गरी थिवां
25:40पाकिस्तान की फाइब नोर्द लाइट एन फटिगे कंपनी थी उसको पूरी खतम किया गया
25:45कि युद्ध केवल जय और पराजय का पैमाना नहीं है युद्ध तय करता है इतिहास युद्ध निर्धारित करता है भूगोल्ड
26:06ये एक ऐसे युद्ध की कहानी है जहां हर बात दुश्मन के पक्ष में थी लेकिन परडाम उसके पक्ष में नहीं रहाए
26:16जब हमारे जबान 5140 टाइगर हिल और तोलोलिंग जैसे नाम सुनते हैं तो उनके मन में एक अलग ही गर्व और अलग ही स्रद्धा भाव पेदा होता है
26:33हमारी बटालियों ने पॉइंट 5140 और 4875 के उपर कपजा करके दुसमन का मुराल बुरी तरह से तोड़ दिया था
26:42हम आज भी सबी साल बात जह मैसूस करते हैं कि जह बही मिटी हैं जहां पर हमारे सीन ने अपने खुन को बलिदान किया था
26:51दुश्मन ऐसी तयारी से आया ऐसे धोखे से घात लगाया ऐसी अभेद रणनीती बनाई कि उसको पीछे ठकेलना ना मुम्किन लग रहा था
27:04पर भारत के रणबाकुरों ने न तो सुना है ये शब्द न सीखा है हारना वो तो हवाओं के रुख को मोड देते हैं परवतों को चुनोती देते हैं कड़कडाती धंड को पिघलाते हैं जजबातों में देश भक्ति का उबाल लाते हैं
27:20जब एक जवान पहली बार अपने कमफर्ट जोन से बाहर निकलता है तब ही वह एक असली सोजर बनता है
27:31हर एक जवान जानता है कि ये मुश्किलाते ही हमारे करते हुए का एक हिस्सा ही है
27:36जोश, जजबा और जुनूम नहीं बदला लेकिन समय के साथ भात ये सेना में तकनीक बदली है
27:47हथियार बदले
27:48आक्रमण के हथियार कैसे बदली ये हमने आपको दिखाया
27:56अब इस क्षेत्र में बचाओ का भी एक नमूना देखिए
28:01स्वाथी येक ऐसा रडार है जो पहाड़ों के पीछे घाटियों के अंदर जंगलों में छेपे हथियारों को खोज कर लोकेशन बना देए
28:10स्वाथी वेपन लोकेटिंग रडार को इसी लिए बनाया गया ताकि अपनी ओराते दुश्मन के गोले, रॉकेट या मोटाज को ट्राक किया जा सके
28:19स्वाथी एमकेटू वेपन लोकेटिंग रेडार दूर से आते आर्टिलरी को पहचान लेता है, उसकी दिशा और गती बता देता है, रॉकेट या छोटे मिसाइल को ट्रेस कर लेता है, साथ ही मोटार के गोले को भी पहचान लेता है और नश्ट करने में मदद करता है
28:38अगर इन उचे उचे पहाडों के पीछे से कहीं से दुश्मन का फायर आ रहा हो, उनका आर्टिलरी फायर, रॉकेट कहां से आ रहा है, ये निर्धारित करना हो ताकि उसे मूँ तोड़ जवाब दिया जाए, तो वो कैसे पता लगाया जाए, उसके लिए भारत का ये वे�
29:08जाते हैं, भारतिय सेना की सबसे बड़ी ताकत हमेशा हमारे सैने की होंगे, लेकिन उनके जो साथी होते हैं, उनके जो हथियार होते हैं, उनका बेहतर होना, उन्नत होना, उतना ही आवश्यक होता है,
29:28क्योंकि तिरंगे की शान अगर हर एक हिंदुस्तानी के दिल में है, तो वो सब इनी भारतिय सैनिकों के कारण हैं,
29:39ये पूरा क्शेतर जब आप देखते हैं, तो देखकर ही सोच में डूब जाते हैं, कि आखर कैसे इन पहाडी चोटियों पर हमारे सैनिकों ने वो युद्ध लड़ा होगा, वो विजय हासिल की होगी,
29:52मेरे पीछे टाइगर हिल देखिए, 0.4875 जिसे अब बत्रा टॉप के नाम से जानते हैं, राइनो जौन देखिए, 18,000 फीट से अधिक की उचाईया हैं ये, और जब हम इन उचाईयों की बात करते हैं, तो सबसे बढ़कर बात क्या हो जाती है, कि हमारे सैनिकों के लिए स�
30:22मेरे साथ लेकर युद्भूमी में उतरते हैं
30:52इस युद्ध में हिंदुस्तान का हर सैनिक परमवीर था, रण भूमी की जटलताओं को समझते हूँ, रण की चुनोतियों को जानते हूँ, अपना सर्वस्व जोग देने को तक पर
31:08द्रास हमारे लिए सिर्फ एक ड्यूटी नहीं है, बलकि ये एक हमारे लिए सम्मान, एक जिम्मेदारी और हमारे लिए एक जजबात है, क्योंकि ये वही जगा है, जहां सन 1999 के अंदर
31:25हमारे पूर्वजों ने अपना सब कुछ यहां पर न्योचावर कर दिया, इस धर्ती पर उन्होंने अपना खून बहाया है, जब भी कोई जबान यहां पर आता है, तो सबसे पहले वो यहां द्रास की मिट्टी को महसूस करता है, और यहां पर बड़े गर्व के साथ, वो �
31:55अगर हमारे सैनिकों की हिम्मत नहीं होती, तो महीनों की तैयारी के साथ मैदान में उंदरा पाकिस्तान नहीं हारता है, अगर हमारे सैनिकों की ताकत नहीं होती, तो हजारों फीट की उचाई पर मजबूती से काबिज पाकिस्तान के पाउन नहीं उखड़ते हैं,
32:13अगर हमारे सेनिकों का होसला नहीं होता तो करगिल की कठिन जंग में केवल दो महीनों में नतीजा नहीं निकलता
32:27लेकिन हिंदुस्तान के बेटों की हुंकार के आगे बड़े बड़े तुश्मन पस्त हो जाते करगिल युख में भी ऐसा ही हुआ
32:38और फिर आती है एक राष्ट्र की जिम्मेदारी कि इन वीर सपूतों के लिए कठिन परस्थितियों से मुकाबला करने में साजो सामान का सेल्योग बढ़ाया जाए
32:52फरवाड इलाका पर बने गए तकनिकी से बने गए सेल्टर उहों काफी मद्बूत है और उसके अंदर फिट के गए हीटिंग सिस्टम जो की कैरो हीटर वोकारी जोनों को साधी से काफी रहात मिलती है
33:07सर्दियों में यहां का टेमपरेचर तक्रीबन माइनस 35 डिगरी से लेकर माइनस 40 डिगरी की नीचे चला जाता है
33:13युद्ध का परिणाम केवल जय और पराजय नहीं होता है
33:43युद्ध का परिणाम पराक्रम से होता है
33:46तिरंगे की शान और भारत माता की आन के आगे हमारे देश का कोई सिपाही अपनी जान की तनिक भी परवाह नहीं करता
33:5626 जुलाई 1999 को भारत की जीत के साथ ही ओपरेशन विजय को सफल घोशित कर दिया गया
34:06रण भूमी में तैनाथ हर एक वीर ने शौर्य की अनमोल विरासत हर देश्वासी के लिए छोड़ी
34:15करगिल की भूमी जिनके रक्त से सिंचित है उस रक्त को महसूस कीजिए अपनी धमनियों में
34:37वीर गती को प्राप्त हर युद्धा का परिवार हमारा परिवार है देश के लिए सर्वोच बलिदान देकर जो वीर चले गए
34:44उनके प्रती दायत्व निभाना है तो निश्चल देश प्रेम से उत्प्रोत रहना होगा
34:48उस साल पाकिस्तानी सेना ने केवल द्रास सेक्टर नहीं, बलकि करगिल के पास काकसर, बटालिक सेक्टर, चोर बाटला सेक्टर और सियाचन के दक्षण में तुर्टुक में बंकरों और पोस्ट पर कमजा कर लिया था
35:06पर भारतिय सेना ने अपना विजए अभियान प्रारंब किया, तो दुश्मन को अपनी हर चोटी से वेदखल किया
35:21करगिल की विजए ने बहुत कुछ बदला, सरहत पर हमारी तैनाती से लेकर विश्म में हमारे हुत्बे था
35:30भारतिय सेना कठिन से कठिन इलाकों में मुश्किल से मुश्किल मौसम में भी तैनात रहती है
35:36पाकिस्तान करारी हार के बाद फिर युद्ध छेड़ने की कभी हिम्मत नहीं कर पाया
35:42मैं अमर शहीदों का चारण उनके गुणगाया करता हूँ
35:52जो कर्ज राष्ट्र ने खाया है मैं उसे चुकाया करता हूँ
35:57ग्रास करगिल की इनूची पहाड़ियों को देखकर और करगिल के उस युद्ध को याद करके यही खयाल मन में आते हैं
36:04अभी के लिए इतना ही अभिशेक सिंग और कैमर परसंस अमित बदवार और योगेंदर सिंग के साथ मुझे दीजिए इजाज़त बंदे मातरम

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