00:00ॐज़ेपी के लोग क्या बोलते हैं अब उससे राज के जार्खन के राज के चंता को कोई मतलब नहीं है कोई उनका माइने भी नहीं है दूसरी चीज है मदर ट्रिसा जो थी वो किसी जात और धरम की नहीं थी अब क्या हम क्या कह सकते हैं हमको तो बहुत ही मतलब दुख ल�
00:30सभी जात के लोगों को मुझे लगता है चाहे ब्राह्मन हो सुद्रा हो वैस्या हो मुस्लिम हो इसाई हो आदिवासी हो कोई भी रोड में अगर कुष्ट रोगी मिलता दे तो जिनको कोई छूता तक नहीं था वैसे लोगों को वो रोड से उठा के उनके घाओं को पोच्�
01:00कि समझ भी होगी इसलिए उनके बारे में कुछ ना कहें तो भला होगा