23 जुलाई, 2025 को उस दुखद दिन को 26 साल पूरे हो गए, जब मंजोलाई चाय बागान में बेहतर मजदूरी के लिए विरोध प्रदर्शन के दौरान तामिरापरानी नदी में 17 लोगों की जान चली गई थी. मृतकों में विग्नेश्वरन नाम का बच्चा और उसकी मां रतिनामरी भी शामिल थीं. तमिलनाडु के सुंदर पश्चिमी घाट में बसे तिरुवेलवेली जिले के मंजोलाई, काकाची, नालुमुक्कू, ओथु और कुदिराइवेट्टी के पहाड़ी गांव सदियों से चाय बागान श्रमिकों के घर थे. इन श्रमिकों ने वेतन बढ़ोत्तरी के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार श्रमिकों की रिहाई की मांग को लेकर 23 जुलाई 1999 को एक विशाल रैली आयोजित की थी, लेकिन पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया जिससे भगदड़ जैसे हालात हो गए. लाठीचार्ज से बचने की कोशिश में महिला, बच्चे सहित ज्यादातर प्रदर्शनकारी तामिरापरानी नदी की ओर भागे. जन आक्रोश बढ़ता देख तमिलनाडु सरकार ने गिरफ्तार मजदूरों को तिरुचिरापल्ली केंद्रीय कारागार से रिहा करने का फैसला लिया और मजदूरों की दैनिक मज़दूरी 53 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये कर दी गई. हालांकि इस घटना के ढाई दशक बाद भी, मंजोलाई चाय बागान के श्रमिकों को स्थिर आजीविका के लिए आज भी संघर्ष करना पड़ रहा है.