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Jagdeep Dhankhar: जस्टिस वर्मा (Justice Yashwant Varma) को हटाने के लिए संसद में महाभियोग लाया गया है. लोकसभा में सरकार और राज्यसभा में विपक्ष ने वर्मा को हटाने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar Justice Yashwant Varma)के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद सीन बदल गया है. हालांकि, अब राज्यसभा (Rajyasabha) में फैसला उपसभापति हरिवंश सिंह को करना है.

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00:00उप्राश्ट पती पत्से स्तीफा देने वाले जगदीब धंकड को लेकर के तमाम तरह की आशंकाइं जताई जा रही है।
00:06लेकिन इसी बीच में एक बड़ी खबर सामने आई।
00:09बड़ी खबर ये है कि क्या जगदीब धंकड के उपर गाज यशुवंत वर्मा जोकी जस्टिस हैं उनकी वज़े से गिरी है।
00:30और उन्होंने विपक्ष के कहने पर विपक्ष की मांग को मानते हुए बकाइदा यशुवंत वर्मा को पत से हटाने के प्रक्रिया को तेज कर रहे थे और लगातार सांसदों से साइन करा रहे थी।
00:44दरसल ये अपडेट ऐसे में सबसे बड़ी बात और सवाल भी खड़ा कर रहा है क्योंकि जस्टिस यशुवंत वर्मा को हटाने की जो प्रक्रिया में तेजी आई थी उसमें जगदीब धंकर का बड़ा हाथ है।
00:56और सूत्र बता रहे हैं कि हो नहो इसी वज़े से यशुवंत वर्मा का ना सिर्फ नाम तो नहीं लिया गया लेकिन जगदीब धंकर को हटाने के बीछे यही नाम सबसे ज़्यादा जिम्मदार है।
01:26सो मुआर को लोकसभा और राजिसभा में दिये गए।
01:56सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तयार थे लेकिन अब असल लड़ाई क्रेडिट लेने की थी।
02:02सभा में सभापती और उपराश्पती जगदीब धंकर ने सुमार की रात को करीब नौ बजे के आसपास स्तीफा दे दिया।
02:12पहले सदन में उन्होंने विपक्ष के प्रस्ताओ को नोटिस में ले लिया।
02:16प्रस्ताओं का पहले नियम है कि लोक सभा के सव, राज सभा के पचास सांसुदों को प्रस्ताओं आना चाहिए।
02:46जिसमें सिगनेचर होने चाहिए। लोग सभा में अलग प्रक्रिया चल रही थी, वहां पर सत्ता पक्ष के लोग साइन कर रहे थी।
02:53वहीं दूसरी तरफ राजसभा में हुआ यूँ कि वपक्ष की मांग को मानते हुए जगदीब धनकर ने उनसे सिगनेचर कराने शुरू कर दिये और उनका समर्थन ले लिया यानि उनके प्रस्ताव को मंजूर कर लिया था। क्या यही बात खटक गई सरकार को और उसके बा�
03:23जस्टिस वर्मा को हटाने के मामले में सरकार ने लोकसभा में प्रस्ताव दिया तो राजसभा में विपक्ष लेकर के आई।
03:53लाफ लाए गए महावियोग प्रस्ताव के बाद सोमवार को जिस तरह से जगदीब धनकर ने राष्टपती पत से इस्तीफा दे दिया क्या अब वो अटक सकता है।
04:23जगदीब धनकर के स्तीफा देने के बाद अब फैसला लेनी की जिम्मेदारी राजसभा के उपसभापती की उपर आ जाती है।
04:30राजसभा उपसभापती मौजूदा वक्त में हरिवंश नारायन सिंह हैं जिन पर ये निर्वर करेगा कि विपक्ष की तरफ से लाए गए वर्मा को हटाए जाने वाले प्रस्ताव को सोईकार करते हैं या नहीं ये इसपस्ट हो जाएगा।
04:52करते हैं और उसके बाद फैसला लिया जाता है।
05:22करते हैं प्रस्ताव सर्फ एक सदन में ही प्रस्तुत किया जाता है। तो उस सदन के पीठा सीन अधिकारी को प्रस्ताव पर विचार करने और उसे सวयकार या पिर अस्वयकार करने का अधिकार होता है।
05:34लेकिन यहां दोनों सद्रों में इसे स्वईकार कर लिया गया और बात यही सी बिगड़ गया।
05:39यानी लोगसभा और राजसभा में कोई तालमेल � Mythical ही था।
05:44अगर सत्ता पक्ष खुद इसको लेकर के आ रहा है था तो राजी सभा में विपक्ष के दुवारा लाए जाने वाले प्रस्ताव को सोईकार करने की कोई जरूर नहीं थी।
05:53ऐसे में विपक्ष को इसका क्रेडिट चला जाएगा क्या यही बात खटक रही थी।
05:59दरसल जस्टिस वर्मा के मामने में एक ही दिन संसत के दोनों ही सदनों में प्रस्ताव लाए गए लोग सभा में सरकाल लाई तो राजी सभा में विपक्ष लेकर क्या आई लेकिन इसे सोईकार नहीं किया गया।
06:29अब एक समीती बनेगी और उसके आधार पर फैसला होगा। जस्टिस वर्मा के मामले में अगर लोग सभा के स्पीकर ओम बिल्ला प्रस्ताव को स्विकार कर लेते हैं और राजी सभा में उपसभा पती हरिवंश नारायार सिंग विपक्ष के लाए गए प्रस्ताव को स्व
06:59और हरिवंश सिंग को ही करना होगा। अगर उपसभापती हरिवंश सिंग राजी सभा में लाए गए प्रस्ताव को स्विकार नहीं करते हैं तो ओम बिल्ला अगर इसे कर लेते हैं तो तीन सदस्य टीम गठित कर दी जाएगा।
07:29के जज होंगे, दूसरे हाई कोट के एक जस्टिस और एक नयावित को इस कमेटी में रखा जाएगा। और तीन सदस्य कमेटी तीन महिने के अंदर जाच करेगी और इस समीति में अगर ये पाया गया कि आरोप उखता हैं या फिर बेबुनियाद हैं तो मामला खट नहीं त
07:59उसी में फैसला हो जाना चाहिए।
08:29तो 245 में से कम से कम 163.02 की मनजूरी चाहिए ही होगी।
08:35हाला कि इस से पहले भी करीब 6 बार महा व्योग लाया गया है लेकिन कभी किसी को हटाया नहीं गया है।
08:42इस खबर में फिलाल इतना ही अपडेट्स के लिए बने रहे है वन इंडिया हिंदी के साथ।
08:46मस्काथ
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