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पंजाब के फिरोजपुर जिले के तरावाली गांव के 10 वर्षीय श्रवण सिंह ने देशभक्ति की मिसाल पेश करते हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तैनात जवानों की निस्वार्थ सेवा की. श्रवण रोज़ाना अपने घर से ठंडा पानी, दूध, चाय, लस्सी और बर्फ लेकर सेना के जवानों तक पहुंचाता था. उसकी सेवा और समर्पण को देखते हुए भारतीय सेना की गोल्डन एरो डिवीजन ने न केवल उसे सम्मानित किया बल्कि उसकी पूरी पढ़ाई का खर्च उठाने का निर्णय भी लिया. श्रवण ने कहा कि वह बड़े होकर फौजी बनना चाहता है और देश की सेवा करना चाहता है. जब उससे पूछा गया कि क्या डर नहीं लगा, तो उसका सीधा और निडर जवाब था – "नहीं."सेना के जवानों ने भी श्रवण की दिल से सराहना की और उसे प्यार और सम्मान दिया. श्रवण के पिता ने बताया, "हमें अपने बेटे पर गर्व है. इतनी छोटी उम्र में उसने जो किया, वो मिसाल है." 

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Transcript
00:00पंजाब के फिरोजपुर में रहने वाले 10 साल के श्रवण सिंग को ऑपरेशन सिंदूर के दोरान जवानों का साथ निभाने के लिए भारतिय सेना ने सम्मानित किया है
00:11तरावाली गाउं में रहने वाले श्रवण ने तैनाच सेना के जवानों की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी
00:17वो रोजाना अपने घर से ठंडा पानी, दूद, चाय, लसी और बर्फ लेकर जवानों के पास पहुँचता था
00:23जवानों के साथ रहना, उनकी सेवा करना श्रवण का रोज का काम बन गया था
00:28सेना की गोल्डन एरो डिवीजन ने श्रवण की इस देश भक्ती और समर्पन को सलाम करते हुए उसे सम्मानित किया
00:36और अब उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने का फैसला भी लिया है
01:06श्रवण के पिता का कहना है कि परिवार को अपने बेटे पर इससे ज़्यादा गर्व नहीं हो सकता
01:14खुद भी सैनिक बनने का सपना संजो इश्रवण एक दिन वर्दी पहन कर देश की सेवा करना चाहता है

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