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  • 2 days ago
बाणासुर कृतं शिव स्तोत्रम् | Banasur Kritam Shiva Stotram | By Jitendra Sharma |

Singer Jitendra Sharma
Editor Pawan Sharma

#maaparmeshwarikripa #shivastotram

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Transcript
00:00बाणा सुर्कु वाचे वन्दे सुराणाम सारं जै सुरेशं नील लोहितं योगिश्वरं योग बीजं योगि नाम चे गुरोर गुरुम
00:19ज्यान अन्दम ज्यान रूपम ज्यान बीजं सनातनम तप्साम फल दातारं दातारं सर्व संपधाम
00:38तपो रूपम तपो बीजं तपो धन्धनं वरं वरं वर्यन्यं वर्दं नीट्यं सित्धे गनेर वरे
00:55कारणं भुक्ति मुक्ति नाम नर कारण वतारणं आसतो संप्रसन्नाशं करुणामय सागरं
01:12विम चंदन पुन्देंदू उमुदाम्भोज सन्निभं प्रम्म जोति हिस्वरूपम चे वक्तानो ब्रह विक्रहं
01:29विशयानां विवेदेन विप्रंतं बहुरूपकं जल रूपम अक्नि रूपम आकाश रूपम इस्वरं
01:47वायू रूपम चंद्र रूपम सुर्य रूपम महत प्रभुम् आत्मनह स्वपदम्तातुम् समर्धम वलीलया
02:07भक्त जीवन मी सम्चे भक्तानो ग्रह वातरम् वेदान सकता यम्स्तो तुम् कि महम्स्तो मितम् प्रभुम्
02:27आपरी चिन्नमी सान महो वांमन सोपरं। याग्रे चर्मांबर धरं। रिसभस्तं दिगंबरं।
02:45प्रिशूलपटी सथरं। सस्मितं चंद्र सेखरं।
02:55इत्युक्त्वास्त विराजेन नित्यम् बाण है सुसैयत है।
03:05प्रण में चंकरम भाग्या धुर्वास्च मुनिस्वरह।
03:13इदम तत्तम वसिष्ठेले गंधर वाय फुरा मुने।
03:23चै महास्तोत्रम सोलिलह पर्मात्भुतम।
03:33इदम स्तोत्रम महापुन्यम् पखेत भग्या जयो न रहे।
03:39स्नानस्ये सर्वती थानां।
03:43धल्मापनोती निस्चितम।
03:47ए पुत्रों लगदे पुत्रम वर्षमे कम स्रिनोतिय है।
03:57संयतस्चह विश्यासी प्रणम्य संकरम गुरुम।
04:05कलक भुष्ठी महासूली वर्षमे कम स्रिनोतिय है।
04:17अवस्यम मुच्यते रोगात व्यासवाक्य मिती स्रुतम।
04:25कारागार पिपत धोयो नई वेफ्रापनोति निरिवृतिम।
04:34स्तोत्रम स्रुत्वा मासनेकम।
04:38मुच्यते बंधनाद द्रुवं।
04:44प्रष्टि राज्यो लभेध राज्यम।
04:49भग्या मासम स्रिनोतिय है।
04:53मासम स्रुत्वा संयतस्चह लभेध प्रष्टि धनो धनम।
05:01यक्ष्म ग्रस्तो वर्ष मेकम।
05:07मास्तिको यह स्रिनोति चेत।
05:11निश्चितम। उच्यते रोगा।
05:15चंकरश्य प्रषाद तह।
05:19यह स्रिनोति सदाभाध्या।
05:27स्तवे राज्यमिमंधिजै।
05:31तश्या साथ्यम्त्रिभूवने।
05:35नास्तिकिन्चित्च सोनके।
05:41कदाचित पंदु भिछे दो नभवेत तस्य भारते।
05:49अचलं परमैस्वारियं लभते नात्रसंशय है।
05:59सूसञ्यतो अतिवात्या।
06:03जमास मेकम। श्रिनोतिय है।
06:07ए भारियों लभते भारियां।
06:11सुविनितां सतिम्बरां।
06:15महा मुर्खस्च दुर मेदों।
06:21मास मेकम्स्रिनोतिय है।
06:25पुद्धिम्धित्यांच लभते।
06:29गुरुपदेश मात्रत है।
06:33कर्म दुख्षी दरित्रस्च
06:39मासंभध्या स्रिनोतिय है।
06:43धुवं वित्तम भवेतस्च
06:46संकरस्च प्रसादित है।
06:51इह लोके सुखम भूत्वा।
06:57पृत्वा किर्थिम्शुदूर्लभाम।
07:01नाना प्रकार धर्मम्च यात्यनते संकरालयं।
07:09पार्शते प्रवेलो भूत्वा।
07:13सिवते तत्रसंकरं।
07:17यह स्रिनोतित्रिसंध्याम्च नित्तम्स्तोत्रमनूत्तमं।
07:25सब्सादित प्रह।

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