00:49युदिष्ठिर बोले, ब्रह्मरूपा सनातनी परमेश्वरी आपको नमस्कार है, देवताओं, अशुरों और संपूर्ण विश्वद्वारा वंदित कामेश्वरी आपको नमस्कार है,
01:03जगत की आदिकारण भुता कामेश्वरी आपके प्रभाव को ब्रह्म्हा आदि देवेश्वर भी नहीं जानते हैं, आप प्रसन्न हो, आपको नमस्कार है, जगदवन्दे आप अनादी, परमा, विद्या और देह धारियों की देहे को धारन करने वाली है,
01:23कामेश्वरी आपको नमस्कार है, आप सभी प्राणियों की बीद स्वरूपा है, आप ही बुध्धी, चेतना और धृती है, आप ही जागरती और निद्रा है, कामेश्वरी आपको नमस्कार है,
01:40त्वमा राध्य महे सोपी, कृत कृत्यम ही मन्यते, आत्मानम परमात्मापी, कामेश्वरी नमस्कुते, दूर वृत्त वृत्त संहर्त्री, पाप पुन्ने फल प्रदे, लोका नाम ताप संहर्त्री, कामेश्वरी नमस्कुते,
02:05आपकी आराधना करके परमात्मा सीव भी अपने आपको कृत-कृत्ते मानते हैं
02:26कामिस्वरी आपको नमस्कार है
02:28दुराचारियों के दुराचरण का संहार करने वाली पापपुन्ने के फल को देने वाली तथा संपुर्ण लोकों के तापका नास करने वाली कामिस्वरी आपको नमस्कार है
02:41आप ही एक मात्र समस्त लोकों की स्रिष्टी, स्थिती और मिनास करने वाली है
02:48विक्राल मुख्रवाली काली कामेश्वरी आपको नमस्कार है
02:53प्रपन्नार्ती हरे मात है सुप्रसन्न मुखाम गुजे
03:00प्रसीद परमेपूर्णे कामेश्वरी नमोस्तुते
03:07त्वमास्रयन्तिय भक्त्या यान्ति चास्रयताम्तुते
03:13जगताम्त्री जगध्रात्री कामेस्वरी नमोस्थूते
03:18सुद्ध ज्यान मय पूर्णे प्रकर्ति ही स्रिष्टी भावि दि