00:00नमस्कार मैं हूँ शम्स ताहरखान और आप देख रहे हैं वारदाथ
00:03पट्टा के हास्पिटल में गुरुवार की सुबा हुए शूट आउट की जड़ में दो दोस्तों की कहानी है
00:09दो ऐसे दोस्त जो जब बालिक नहीं हुए थे तब ही से जर्म की दुनिया में दाखिल हो चुके थे
00:15और इसके बाद दोनों ने एक साथ मिलकर दरजन से ज्यादा कतल की है
00:20फिर ऐसे ही ये कतल के मामले में दोनों को उम्रेकायत की सजा हो गई
00:24अब दोनों दोस्त जेल में थे जो दोस्त जेल के बाहर थे तब तक दोस्ती थी
00:30लेकिन जेल के अंदर जाते ही यही दोस्त दुश्मन बन बैठे
00:34इसके बाद एक दोस्त को पेरोल मिला वो जेल से बाहर आया
00:38और दूसरे दोस्त ने उसी दोस्त की जेल के अंदर से ही सुपारी निकाल दी
00:4217 जुलाई की सुबह 7.13 मिनट का वक्त हुआ था
00:53सुबह सुबह बारिश हो चुकी थी, सड़कें गीली थी
00:57इसी दोरान दो लड़के कैमरे में दाखिल होते हैं
01:00एक हेलमेट में और दूसर बिना हेलमेट के
01:03दोनों सड़क किनारे दाईं तरफ रुख जाते हैं
01:12ठीक उसी वक्त बाईं तरफ से चार और लड़के इन दोनों के पास आकर रुख जाते हैं
01:17इसके बाद हेलमेट पहना शक्स आगे निकल जाता है
01:21अब अगले दो मिनट तक इसी जगा पर सभी पांच रड़के आपस में मीटिंग करते हैं
01:28इसके बाद ठीक साथ बचकर पंदरह मिनट पर सभी पांच के पांच रड़के सामने की तरफ चल देते हैं
01:38ध्यान दीजेगा इन पांच में से चार लड़कों ने कैप पहन रखी है
01:42पारस होस्पीटल में चंदन मिस्रा को जब निसाना बनाने के लिए सूटर पहुचे तो अंतिम बार समनपूरा की इसी सड़क पर उनकी सिसी टीवी फुटेज में तस्मीरे कैद हुई
01:57यहां अंतिम प्लानिंग उन्होंने की और यहां से निकल कर सीधे आईजी आईएमस को जोडने वाली यह जो सड़क है उस पर आए बेली रोड आगे आईजी आईएमस है राजा बजार का इलाका है और यहां देखे यह पारस होस्पीटल का एंट्री गेज और यहां पर इ
02:27यह जा आते थे लेकिन एमर्जनसी के पास जो इसक्रती गाइट देख रहे हैं वहाँ उनको रोका गया और आज देखिए अक्टिव दिख रहे हैं सेक्रती इहां के
02:38लोग कल आप लोग नहीं थे यहां पर किया नहीं थे कहां ते लिए यह बता रहे हैं कि
02:56OPD के लिए गेक पास नहीं है लेकिन इमर्जेंसी के लिए गेक पास है और यही बज़े रही कि जब गेक पास से इंट्री नहीं मिल पाई वहाँ पे चुकि गेक पास नहीं था तो यह OPD सेक्षन है यहां से जो सूतर्स है वो अंदर की तरफ गए सहयोगी नदीम से कहेंगे �
03:26गमरा नमबर 209 तक पहुँचे हलमेट पहने लड़का अस्पताल के बाहर ही रुख जाता है जबकि बाकी के पाँच लड़के पारस अस्पताल के इसी OPD से सीधे दूसरी मनजिल पर मौजूद प्राइविट वार्ड में पहुँच जाते है इन पाचों को पहले से पता थ
03:56पांचों शूटरों ने शायद इस जगह की रेकी पहले से कर रखे थी जो कि उन्हें पता था कि रूम नंबर 209 के दरवाजे का लॉक खराब रेकी करने वाले सूटर्स ये जानते थे कि 209 नंबर केमरे का जो लॉक है वो भी खराब है दरवाजा लॉक नहीं होता है पूर
04:26छे शूटरों में से जिस इकलोते शूटर ने न कैप पहन रखी थी न हेलमिट वही सबसे आगे आगे चल रहा है वही रूम नंबर 209 के दरवाजे पर पहुँचकर सबसे पहले दरवाजे के गलास से अंदर जानता है और फिर कमर से पिस्टल निकालकर सबसे पहले कमरे मे
04:56कुल 10 सेकंड के बाद 4 शूटर तो कमरे से निकल कर भाग लेते हैं लिकिन जो सबसे पहले कमरे में दाखिल हूँ वो शूटर अगले 36 सेकंड तक उसी कमरे में मौदूद रहता है इसके बाद आराम से कमरे से बाहर निकलता है और वाक करता हूँ सीसी टीवी कैमरे के फ्रे
05:26यह वही जगा है और वही सीसी टीवी कैमरे जिसमें शूट आउट से पहले सभी छे लड़की यहाँ पर मीटिंग कर रहे थे
05:38शूट आउट हो चुका है अब शूटरों की बापसी का बक्त है
05:42स्कूल यूनिफॉर्म में एक लड़की सामने की तरफ जाती दिखाई देती है
05:51और तब है ठीक उसी वक्त सामने की तरफ से एक पाइक आती है
05:57पाइक पर एक साथ तीन लड़के बैठे जो बीच में बैठा है
06:01वो बाकाइदा हाथ में पिस्टल ली उसे हवा में लहरा रहा है
06:05यह शायद शूट आउट की काम्यावी का जश्रत है
06:09पर खुल्याम पिस्टल लहराते देख शूल जाती वो बच्ची दर दे
06:13वो वापस मुड़ती और तेजी से इस तरह पाकर छुपने की कोशिश करती है
06:17इसी बीच अप कैमरे में एक दूसरी वाइक नजर आती है
06:26इस वाइक पर भी तीन लग के बैठे है
06:28पर इन में से कोई पिस्टल नहीं लेगा था
06:31शूट आउट के बाद इस तरह से ये च्छे के च्छे शूटर यहां से निकल चुके है
06:36ये तस्वीर बताती है कि बिहार में अपरादियों के होसले सातवे आसमान पर है
06:44पारस अस्पेटाल में हत्या का वीडियो का एक एक फ्रेम बिहार पुलीस पर सवाल खड़े करता है
06:51जिस अन्दाज में अपरादी अस्पेटाल में गुसते हैं
06:55बिहार पुलीस का इकबाल दम तोड़ चुका है
07:1025 मुकद्वे अपने सर ली और उम्रकायत की सजा काट रहे
07:15पकसर के डॉंग चंदर मिश्रा को अस्पताल के अंदर घुस कर मारने आ
07:19इन 6 के 6 शूटरों को शायद इस बात की परवा ही नहीं थी
07:23क्यों ने कोई पैचान लेगा या उनका चेहर किसी कैमरे में गयत हो जाएगा
07:28च्योंकि अस्पताल के अंदर गए पांचों शूटर ने कहीं भी अपने चेहरे को छुपाने की कोशिश नहीं जी थी
07:36इसका फाइदा यह हुए केहनी कैमरों से इन चेहरों को पैचानने में पुलिस को ज़्यादा वक्त नहीं लगए
07:42इन 6 शूटरों में से इकलोता वो शूटर जिसने न कैप पहनी न हेलमें
07:49और जो रूम नमबर 209 में सबसे पहले गुशता है और सबसे आखर में निकलता है
07:55उस शूटर का नाम है तौसीफ बादशाह
07:58हाला कि घर वालों ने उसका असली नाम तौसीफ रजा रखाता
08:03पटना के नामी सेंट कैरिंस स्कूल से पढ़ाई करने वारा तौसीफ पटना के गरीब खुलवारी शरीफ कर रहने वारा है
08:10ये नए दौर का वो डौन है जो खुद के कारनामों को खुद सोशल मीडिया पर डालता है
08:16पुराने ट्वीटर और ने एक्सपर तौफीक में अपना बायो डेटर ये परीचे दो लाइनों में कुछ यूँ दिया है
08:25नाम से शहर दोलता है ये हमने अख़बार बोलता है
08:30इस तौसीब बादशा के बारे में कहा जाता है कि ये कांट्रेक्ट क्लिंग का ठेकेदार है
08:40लोग तौसीब को कांट्रेक्ट देते हैं और ये अपने लड़कों से उन्हें ठिकाने लगवाता है
08:46तौसीब के लावा बाकित इन चार शूटरों की पहचान हुई उनके नाम आकिब मलिक, सोनु, कालू उर्फ मस्तकी और बलवन सिंग उर्फ भिन्दी
09:00इन में से एक शूटर को छोड़ कर बाकिती लोग इसी तौसीब बादशा के लिए कांटे है
09:06इसी लिए शक है कि चंदन मिश्या को मारने के लिए सुपारे तौसीब बादशा नहीं ली थी
09:15जबके शूट आउट में शामिल एक शूटर कभी चंदन मिश्या का दोस्त रहा शेरू का करीबी माना जाता है
09:23इससे पुलिस ये अंदाजा लगा रहे है कि चंदन मिश्या के खपल की ये सुपारे दोस्त से दुश्मन बने शेरू सिंग नहीं तौसीब बादशा को थी
09:34असल में चंदन मिश्या के मडर में जो दोस्त सबसे एहम किरदार है वो यही दोनों है
09:41एक तौसीब बादशा और दूसरा ओंकारनाथ सिंग उर्फ शेरू सिंग
09:50तौसीब की कहानी बाद नहीं क्योंकि चंदन मिश्या के कतल की असली वजह जो शक्स बन वो शेरू सिंग ही है
09:57इसलिए पहले चंदन और शेरू की पूरी कहानी समझ लेते हैं
10:03यह कहानी शुरू होती है बिहार की राज़्धानी पटना से करीब 145 किलो मिटर दूर इस बकसर में
10:10इस बकसर में एक गाउं है सोन वर्शा
10:15इसी गाउं में पैदा हुआ चंदन मिश्या माबाप का इकलोता बेठा
10:20गाउं में एक दिन क्रिकट खेलते हुए गाउं के ही एक लड़के से चंदन की लडाई हो गई
10:26चंदन उस लड़के की शिकायत लेकर उसके घर पहुचा
10:30लेकिन लड़के के घरवालों ने उल्टे चंदन को ही पीट डागा
10:34इसी के बाद चंदन घुस्से में खर गया अपने पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर उठाई और सोनू नाम के उस लड़के को गोली मार दे
10:42चंदन का ये पहला कतल था पर चुकि उस वक्त वो नावालिक था लिहादा जेल की बजाए उसे रिवांड होम फेच दिया गया
11:04इसके बाद वो बाहर आ गया पाहर आने पर बदले चंदन की मुलाका अब ओंकार नाथ सिंग और शेरू से होती है धीरे धीरे अब चंदन और शेरू कहरे दोस्त बन जाते हैं फिर दोनों अपना गैंग बनाते हैं शुरवात में ये गैंग बकसर में ही लोगों से रंग�
11:34इन में से एक बाइप पर पीछे उल्टा होकर बैठता और चलती बाइप से अपने दुश्मनों के सीधे सर में गोली मारता अकेले 2011 में चंदन और शेरू ने बकसर के आसपास कुल आठ लोगों को इसी अंदास में माढ़ा था
11:50पुरे बकसर जिला के सभी लोग जानते हैं ये दोनों गैंग काफी चर्चित रहा वर्ष 2011 में सताथ मुर्डर्ज ये दोनों इकठे हुए मिलके किये थे
12:02चंदन शेरू गैंग की दहशत पटना पुलिस मुख्याले तक 2011 में तब पहुची जब इन दोनों ने राजियंद्र केसरी नाम के एक व्यापारी को रंगदारी ना देने पर कोली मार दे था
12:14असल में राजियंद्र केसरी ने रंगदारी देने से मना कर दिया था
12:17यह बात 20 अगस्ट 2011 के लिए ठीक इसी दिन तब चंदन ने पूरे बकसर में यह इहलां किया था कि अगले दिन यानि 21 अगस्ट को वो राजियंद्र केसरी को कोली मार देगा और सचुच 21 अगस्ट 2011 को चंदन और शेरू ने मिलकर राजियंद्र केसरी के सिर्व पोली मार �
12:47सबसे बोलना मिलना सब कुछ हुआता है पर नुकद्वार पमलवाए थे सारीडिक कस्त था उनको वह गय थे इलाज के लिए और वहां पर यह तमासा हो गया है
13:00किस प्रकार से देखते हैं लोगों को कि यह अपराद हुआ है विहार में दर्दनाक इसका वियां हम नहीं कर सकते हैं तो बहुत दर्दनाक घटना घट चुकी है संभव नहीं था हम लोगों को पता नहीं चाहिए इतना घटना घटेगी वह इतना नॉर्मल इंसान थे जिल से
13:30यह से इनसान नहीं थे नॉर्मल सोभाव कि थे तो राजेंद्र केशरी हत्याकां के बाद बिहार पुलिस इन दोनों के पीछे पड़े है पहली बार दोनों बिहार छोड़कर नेपाल भाद वियार पुलिस नेपाल तक इनका पीछा करती लेकिन पकड़ ही बाद में मुव
14:00बक्सर की लोवर कोट चंदन को उम्रकयद और शेरू को भासी की सजा सुनाती है लेकिन फिर हाई कोट शेरू की भासी की सजा को उम्रकयद ने तबदील कर देता है
14:30तब से वहां से पकड़ा के वापस आया था तब से वो आरा और बकसर जेल में रहा है हम लोग ट्रेंस्वर करते रहें अनंतर जेल में क्योंकि वो पेशेवर अपरा दिये हैं वर्तमान में पुलिया जेल में हैं
14:44सजा सुनाये जाने के बाद चंदन और शेरू को लगातार अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया जाता था कभी बकसर, कभी भागलपूर, कभी ब्रुलिया तो कभी बेऊर
14:55चंदन को कुछ वक्त पहले ही पटना के बेवूर जेल शिप्ट किया गया थे, जब कि शेल अभी भी पुरूलिया जेल बंग दे थे
15:03पुल 25 कंडों में यो बकसर नगर थाना, अदुदी थाना, डुम्राओ थाना और आराजिला के नवादा थाना के अंदर ये अरूपत्रे जाए हैं, जिसमें साथ अत्या के केस हैं, अत्या और आमसैक के, अन्य जो है इसमें रख़दारी के, आमसैक के और बिजनर एक्ट के �
15:33के चंदन और शेरू जेल से ही गैंग चला रहे थे, कहा तो यहां तक जाता है, कि जेल जाने के बाद ही असल मी ये दोनों बड़े क्रिमिनल बने, इसी साल मार्च में आरा में, तनिश्क शोरूम में हुई करोणों की लूट पार्ट के बीछे भी इसी चंदन मिश्रा का न
16:03कि ला था, उसे रिमांड भी किया गया था, उनके परिजन का ये भी आरोख था कि बिहार पुलिस उसे रिमांड करके हत्या करने चाहती है, उदर जेल जाने के बाद से ही दोनों दोस्तों के बीच अब दूरियां बढ़नी शुरू हो चुकी थी, तब चंदन और शेरू भ
16:33कि उन्हें पूरे पैसे नहीं मिले, यहां से पहली बार रिष्टे में दरार पड़े, इसी भी चंदन को पता चला कि उसके परिवार की एक लड़की के साथ शेरू की नजदी किया है, इसने दरार और भी चौड़ी करो, क्योंकि दोनों बेशक दोस्तों पर दोनों की जात
17:03शेरू को ऐसी आजादी नहीं थी, शेरू को लगता था कि जेल प्रशासम शायर चंदन के कहने पर ही उसके साथ अच्छा बताओ नहीं कर रहा है, इसी बीच जब शेरू और चंदन जेल में थे, तभी उनका गैंग बाहर एक्टिब था, लेकिन हो ये रहा था कि शेरू ग
17:33शेरू को शक्त था कि चंदन उसके गैंग के बारे में फुलिस से मुखबरी कर रहा है, इन दोनों की दुश्मनी को देखते हुए, बाद में दोनों को अलगलग जेलों में शिफ्ट कर दिया गया, चंदन पटना के बेउर चेल पहुंच गया, चपकी शेरू पुरू रू
18:03शेरू गैंग के इसी महीने 3 जुलाई को चंदन की पेरोल की अरजी मनजूर हो गई और उसे 15 दिनों की पेरोल मिल गए, असल में चंदन ने पाइल्स के इलाज के नाम पर पेरोल मागी थी, चंदन को पेरोल मिलने की खबर से शेद और भड़क दिया, और बस उसी दिन से �
18:33सूतरों के मताबिक इसी सोनू के जरिये शेरू ने तौसीव बादशा से संपर किया, चंदन को ठिकाने लगाने के और इस तरह तौसीव बादशा की इस कहानी में इंटरी होती है
18:45ये विडियो खुद तौसीव बादशा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से पोस्ट किया है
18:52अलग कि ये विडियो पुराना है, पर इत्तफाक से तौसीव बादशा ने जहां पर ये विडियो शूट किया, उसके ठीक पीछे वही पारस होस्पिटल है
19:02छोटे मोटे अपराद से अपना करियर शुरू करने वाला तौसीव धीरे धीरे एक ऐसा कॉंट्रेक्ट किलर बन गया, जिसका काम सिर्फ सुपारी लेकर लोगों को मारना था
19:13बिहार से लेकर जारखंट तक इसका ग्याएंग एक्टिव था
19:18सोशल मीडिया के जरिये ये खुद को रॉबिन हुट की तरह दिखा था
19:21सूत्रों के मताबिक 15 जुलाई को जब चंदन मिश्रा पारस होस्पिटल में भरती हुआ
19:26उसी दिन ये प्लैन फाइनल हो, केसी अस्पताल में उसे मारें
19:30असल में तोसीब बादशा को इस अस्पताल के बारे में सारी जानकारी थी
19:35उसके तमाम रिश्चिदार और दोस्तों का इलाग इसी अस्पताल में होता था
19:40तोसीब के जरिये ये आसानी से पता चलिये कि चंदन मिश्रा किस रूम में है
19:45चंदन के साथ सिर्फ एक अटेंडेंट था
19:48कोई पुलिस वाला साथ में नहीं था
19:51यानि मौक़ा अच्छा था
19:52शक्खे की कमरे की सारी जानकाली जुटाने के बाद
19:55जानबूज कर चंदन के कमरे यानि रूम नंबर 209 के लौक को खराब कर दिया गे
20:01ताकि शूटर आसानी से कमरे में ताफिर दो सके
20:04बकसर से पुषपेंदर पांडे और सुधी पाठक के साथ शची धूशन
20:09संदन मिश्रा मडर केस में शामिल छे शूटरों की तलाश में
20:13बेशक बिहार पुलिस जगा जगा तबिश डाल रही है
20:16लेकिन शूट आउट का जो असली मास्टर माइंड है
20:19उसकी तलाश की जरूवत ही नहीं
20:21क्योंकि वो पहले से ही जेल में
20:23उम्र कैत की सजा काट रहा है
20:25बेहार स्टीफ के टीम जेल जाकर उससे पूछताज भी कर चुकी है
20:29फिलाल पुलिस इस कड़ी को जोड़ोने की कोशिश कर रही है
20:35कि क्या तौसीफ गैंग ने स्रफ सुपारी के लिए चंदन को गोली माने
20:38या फिर तौसीफ और चंदन के बीज में
20:41किसी लेंदेन को लेकर कोई पुरानी दुश्मनी थी
20:44उदर शेरू से भी एस्टीफ के एक टीम जेल में लंबी पूछताच कर चुकी है
20:50पांच शूटरों की तलाश में बिहार के कई इलाकों में लगाता तविश्ट डाली जा रही है
20:56शूटर्ज की करीब पांच आदमी अस्पताल में प्रवेश किये थे एक बाहर ही बैठे हुए थे वो किस के हां किस रास्ता से आये थे किस रास्ता से गए
21:09कौन कौन साजिस्ट करता हैं शूटर्ज में से हम बोल सकते हैं कि शिग्र ही आपको मनजर आएगा जिसकी पहचान हुई है उस पर करवाई हो जाएगी
21:20अटाच्मेंट और प्रॉप्टिक ले हम लोग मौफ कर रहे हैं लगतार
21:24साथी साथ जो लोग हमको मालूम है कि वो लॉजिस्टिक सप्लाई दिये हैं रहने का जगा दिये हैं गाड़ी दिये हैं और भगाने का काम किये हैं उन पर भी हम करवाई शुरू कर रहे हैं
21:37एक खबर ये भी है कि शायद तौसीर पुलिस को मिल चुका है और उससे पूर्सताथ चल रही है
21:43एक बार वो छे शूटर पुलिस के हाथ लग जाए तो चंदन मिश्रा शूटाउट की असली वज़ा खुद बखुद सामने आ जाएगी
21:51हाला कि सूतरों का ये भी कहना कि हेलमेट में चेहरा चुपाए उस छटे शूटर की विश्रा को चुकी है
21:58बखसर से पुषपेंद्र पांडे और सुझीद वाठक के साथ शशी धूशन पर्ट आज तक
22:07तो वारदाव में फिलाल इतना ही मगर देश और दुनिया के बागे खबरों के लिए आप देखते रही आज तक