Nimisha Priya case: केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा टल गई है. निमिषा को यमन में अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है और उनका परिवार उन्हें बचाने की हर कोशिश कर रहा है. निमिषा की मां प्रेमा कुमारी उन्हें बचाने की कोशिश में यमन में हैं. लेकिन उनके और निमिषा के लिए एक बुरी खबर है मृतक तलाल के भाई ने ब्लड मनी लेने से इंकार कर दिया है और निमिषा को फांसी की सजा देने की मांग की है. निमिषा की मां प्रेमा कुमारी अपनी बेटी को बचाने की मुहिम के तहत पिछले साल भारत सरकार से स्पेशल परमिशन के बाद अप्रैल 2024 में यमन गई थीं और इतने दिनों में केवल दो बार अपनी बेटी से मिल पाई हैं. 'मैं निमिषा से 12 साल बाद मिली थी. 23 अप्रैल को दूतावास के अधिकारी के साथ मैं उससे मिलने गई थी. लेकिन मुझे ये भी डर था कि बेटी से मेरी मुलाकात हो भी पाएगी या नहीं. मामले में क्या है ताज़ा अपडेट वीडियो में जानें विस्तार से.
00:14जो 2017 में यमन में अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरूप में फंसी
00:21इस मामले ने अंतराश्ट्रय ध्यान खीचा
00:24क्योंकि यमन की अदालत ने निमिशा को मौत की सजा सुनाई
00:28और उसके साथ काम करने वाली यमनी नर्स हनान को आजिवन कारवास मिला
00:33हनान वही नर्स है जिसने महदी को बेहोशी की दवा देनी की बात कही थी
00:39निमिशा को आइडिया दिया था
00:41हनान ने ये आइडिया इसलिए दिया क्योंकि महदी ने निमिशा का पासपूर्ट चप्त कर लिया था
00:47निमिशा ने जब अपनी आप बीती हनान को बताई तो उसने कहा कि आप महदी को बेहुशी की दवा दो और उसके बाद अपना पासपूर्ट ले लो
00:56लेकिन यहां से कहानी बदल गई निमिशा ने महदी को जो दवा दी वो ओवरडूस कर गई दवा के ओवरडूस के कारण महदी की जान चली गई
01:06आपको बता दी कि तलाल अब्दो महदी यमन में एक स्थानिया बिजनिसमेन था जिसके साथ निमिशा का नाकेवल पेशिवर बलकी निजी जिंदगी में भी गहरा जुड़ा बताया ये भी जा रहा है कि तलाल ने निमिशा के साथ कई बार हिंसा और दुराचार किया
01:23जिससे निमिशा मांसिक और शारिरिक रूप से तूट गई इसी तनाव और भाय के बीच निमिशा ने अपने जीवन को बचाने के लिए हत्या का कदम उठाया
01:33यमनी नर्स हनान की भूमिका इस घटना में एक सहायक की थी हनान ने तलाल को बेहोशी की दवा देने की बात कही जैसके हमने आपको पहले भी बताया निमिशा ने हनान की बात मानी बेहोशी की दवा दी लेकिन वो दवा ओवर डोस कर गई और महदी की जान चली गई
01:52महदी की हथ्या के बाद निमिशा और खुद हनान ने शव के टुगडे किये और टंकी में डाल दिया ताकि सबूत मिट जाएं और उसकी मौत का पता किसी को ना चले
02:03इस घटना ने मामली को और भी गंभीर और खतरनाग बनाया
02:07यमन की अदालत ने इस पूरे मामली की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए निमिशा को मुख्या दोशी पाया निमिशा को मौत की सजा यानि की फांसी देने की बात कही जबकि हनान को केवल सहायक माना गया और हनान को आजीवन कारावास मिला
02:23इस मामले पर निमिशा कहती है कि मुझे फांसी क्यों जबकि हनान नहीं शव के टुकडे किये थे आपको बता दे कि यमन में कानून शरिया आधारित है जहां पर किसास यानि की प्रतिशोध का नियम लागू होता है इसका मतलब है कि हत्या के मामले में मिर्थक के परिवार
02:53347 के तहट हत्या हत्या में सहायता इशनिंदा और राज़त्रो जैसे अबराधों में मौत की सजा दी जाती है इस करण से निमिशा की सजा कठोर बनी भारस सरकार यमन में भारतिय दूतावास और कई सामाचिक एवं धार्मिक संगठन निमिशा की जान बचाने के लिए ल�
03:23बहराल देखना दिल्चस्प होगा कि अब निमिशा की यह फासी कब तक तल पाती है लेकिन इस पूरे मामले में निमिशा के साथ यमनी नर्स हनान की भुमी का भी उतनी ही महत्वपूर्ण हो जाती है जितनी की निमिशा की सत्या से बताए जा रही है