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  • 2 days ago
Shubhanshu Shukla Salary: भारत के लिए एक गर्व का समय है क्योंकि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बने, आज 18 दिन की अंतरिक्ष यात्रा पूरी करके धरती पर लौट चुके हैं। इस मिशन का हिस्सा बनने के बाद लोग अब जानना चाहते हैं कि ऐसे साहसिक मिशन के लिए ISRO के अंतरिक्ष यात्री को कितनी सैलरी मिलती है।

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~PR.115~HT.408~

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Transcript
00:00इंडियन एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुकला की आज धर्टी पर वापसी हो गई है
00:07एक्सियोम 4 मिशन में शामिल अंतरिक्ष यात्री, शुभांशु शुकला और तीन लोग अंतराश्ट्रे स्पेस स्टेशन यानि ISS पर 18 दिन बिताने के बाद वापस लोटे हैं
00:17स्पेस्क्राफ्ट 22.5 घंटे की यात्रा करके कैलिफोर्निया के सैन डियेगो में उतरा
00:22एक्सियोम मिशन के क्रू मेंबर्स को लेकर ड्रैगन स्पेस्क्राफ्ट समुंदर में उतारा गया है
00:27ड्रैगन 27,000 किलोमेटर घंटा की रफ्तार से वायूमंडल में दाखिल हुआ
00:31जहां गर्मी और घर्शन से उसका दापमान 1600 डिग्री सेलसे तक पहुँच गया
00:36इस दौरान गर्म प्लाजमा की परत किसी भी कॉन्टैक को रुख देती है
00:38जिससे कुछ वक्त के लिए कंट्रोल रूम से समपर्ग भी तूट जाता है
00:42चोटे बड़े पैराशूट खुले जो यान को धीमा करके समुंदर में सेफली लेंड कराए गए
00:46पास में रिकवरी टीम, नौकाएं और हेलिकॉप्टर तयार रहे
00:50जो शुबांशू और उनकी टीम को तुरंट मेडिकल चांच के लिए ले गए
00:53चलिए अब आपको बताते हैं आखिर शुबांशू शुकला को इस मिशन पर जाने के लिए कितनी सेलरी मिली है
00:58बहुत से लोग मानते हैं कि अंतरिक्ष में जाने वाले विग्याने को या पाइलेट्स को कोई भारी भरकम बोनस या अलग इनाम दिया जाता होगा लेकिन हकिकत में ऐसा नहीं है
01:05शुबांशू शुकला को उनके ISS मिशन के लिए कोई ज्यादा भुकतान या स्पेशल अलाउंस नहीं मिला
01:10वो इस रुकी एक आम पे ग्रेट कैटिगरी के तहत ही भुकतान के एलिजिबल हैं
01:14एक्जियोम 4 मिशन पर भारत सरकार की तरफ से लगबग 548 करोड रुपे खर्च किये गए हैं
01:19इस राशी में ट्रेनिंग, रिसर्च, तकनीकी, तैयारी और यात्रा समंदित सभी वेवस्थाएं शामिल थी
01:24हाला कि इस बड़े बजट का कोई सीधा असर शुवांच शुखला की परसनल सेलरी पर नहीं पड़ा
01:28इस रोगे अंतरिक्ष यात्रियों को हर साल करीब 12 लाक रुपे से 20 लाक रुपे के बीच सेलरी दी जाती है
01:33इस सेलरी उनके अनुभव, रैंक और जिम्मेदारियों के मताबिक तैह होती है
01:36इसमें बेसिक सेलरी, महिंगाई भत्ता और कुछ अन्य सरकारी लाप शामिल होते हैं
01:40लेकिन कोई अंतरिक्ष मिशन बोनस शामिल नहीं होता
01:43इसरो की तुल्ला में विदेशों की सब्स एजन्सियों में सेलरी काफिज ज्यादा होती है
01:47बात करें नासा की 56,090,000,000 होती है
01:50UK सब्स एजन्सी में 46,090,000,000 रुपे तक होती है
01:54EASA, यानि ये यूरोपीय यूनियन में हर महीने 6,090,000,000,000 के बीच होती है
01:58ये अंतर साफ बताता है कि इसरों में काम करने वालों का फोकस सिर्फ पैसा नहीं होता
02:02हालनकि सेलरी अंतराष्टेस्टर से कम है
02:05फिर भी शुबांशु शुकला का ये मिशन भारत के लिए एक नई शुरुवात है
02:07उनकी ये सफलता उन युवाओं को प्रेडित करती है जो अंतरिक्ष विज्ञान और रिसर्च में करियर बनाना चाहते हैं
02:12उनका ये सफर बताता है कि देश के लिए कुछ बड़ा करना पैसो से कहीं ज्यादा माइन रखता है
02:17इसरों के अंतरिक्ष यात्री चाहें जितना भी कमाएं उनका समर्पन और मेनत बेच कीमती है
02:21शुवाँज शुकला कि ये एतिहासिक उड़ान भारत को अंतरिक्ष की दुनिया में एक नई पहचान दिला रही है
02:26दुनिया सिर्फ नासा या ESA की नहीं भारत की भी सुन रहा है
02:29फिलाल इस वीडियो में इतना ही आप क्या कहेंगे कॉमेंट सेक्षन में हमें लेकर जरूर बताएं वीडियो को लाइक करें
02:33शेर करें और चैनल को सब्सक्राइब करना बिलकुल न भूलें

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