Kanwar Yatra 2025: कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के क्यूआर कोड आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 22 जुलाई को सुनवाई करेगा. कोर्ट ने दायर याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. यह याचिका दुकानों पर QR कोड लगाने के आदेश के खिलाफ है. इन QR कोड को स्कैन करके दुकान मालिकों के नाम पता चल सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट अब अगले मंगलवार को यानी 22 जुलाई को मामले पर सुनवाई करेगा. साथ ही साथ अन्य सभी याचिकाओं और आवेदनों को समबद्ध करने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यूपी सरकार का यह आदेश पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को ऐसा ही आदेश लागू करने से रोक दिया था. उस आदेश में कहा गया था कि दुकानदारों को सिर्फ यह बताना होगा कि वे क्या खाना बेच रहे हैं. उन्हें अपना और अपने कर्मचारियों का नाम बताने की जरूरत नहीं है.
((The Supreme Court will hear on July 22 the petition filed against the Uttar Pradesh government's QR code order during the Kanwar Yatra. The court has issued a notice to the Uttar Pradesh government and others on the petition and sought a reply. This petition is against the order to put QR codes on shops. The names of shop owners can be known by scanning these QR codes. The Supreme Court will now hear the case on next Tuesday i.e. July 22. Along with this, instructions have been given to associate all other petitions and applications. The petitioners say that this order of the UP government is a violation of the Supreme Court order of last year.))
PM मोदी और RSS पर आपत्तिजनक पोस्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सर्वोच्च न्यायलय ने क्या कहा? :: https://hindi.oneindia.com/news/india/supreme-court-relief-to-cartoonist-hemant-malviya-cartoonist-modi-rss-post-case-freedom-of-speech-1340069.html?ref=DMDesc
Nimisha Priya की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, 'अगर ऐसा हुआ तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा' :: https://hindi.oneindia.com/news/india/nimisha-priya-death-penalty-supreme-court-says-if-this-happens-it-will-be-very-unfortunate-hindi-1339105.html?ref=DMDesc
"बंगाल में बहुत सारे फर्जी मतदाता यहां पर हो SIR", बिहार वोटर लिस्ट संशोधन पर SC के फैसले के बाद उठी ये मांग :: https://hindi.oneindia.com/news/india/bjp-said-lot-of-fake-voters-in-bengal-sir-demand-after-sc-decision-on-bihar-voter-list-revision-1336657.html?ref=DMDesc
00:30सबको अपने जो ढवा है और जो इसके साथ में ओनर्स है
00:33उसके इंपलाई है सबके नेम को कोट करना है
00:36इसी के साथ में एक दिन बात उत्तराखन के चीफ मिनिस्टर धामी जी ने भी
00:40इसी सेम स्टेट्मेंट को रिपीट किया था
00:42हमने उसमें तुरंत ही आई ये मुप किया था
00:44और इसके दोरान में कई बहुत सारे जो अनर्गनाईस संगठन है
00:49रिलिजिस संगठन है उन्होंने इस चीफ का बीड़ा उठा लिया
00:52सारे ढावा और जितने भी लोगों के कावड़िया यात्रा के रूट पर
00:55जितने भी हैं उनके QR कोड उनके नेम से इन सब को डिस्पले कराने के लिए मस्ट कर दिया
01:00और इसके साथ में उनमें 5000 लोग थे जो लोगों पर उनको डावट कंडिशन थी
01:05उस डावट कंडिशन के लिए उन्होंने कपड़े उतरवाने की शुरुआत की जैसा कि मुझे
01:09नीज चनलों के माध्यम से भी पता चला है और नीज को भी मैं कोड कर रहा हूँ वास्ता को गहरा में
01:13और वह इन चनलों में भी इन सीज़ों को दिखाया गया
01:16साथ में कोड से मैंने यह बोला था कि क्या उत्तरपरदेश सरकार हो या राजे सरकार कोई भी हो
01:21इस प्रकार के मैकेनिजम सिस्टम जो चल रहे हैं क्या सरकारे कमजोर हो गई है
01:25क्या इस प्रकार के कोई भी रिलिजियस व्यक्ति हो
01:28क्या उसके पास राइट्स है या हमीं आप कोई भी संबंधित ब्यक्ति है उन संबंधित ब्यक्ति के पास क्या ये पावर है कि किसी भी ब्यक्ति का हम पूरा नेम डिस्प्ले करा है उसके रिलिजन्स के बारें बता है यदि वो doubtful condition में आता है तो उसके कपड़े उतरवाले �
01:58स्टेट गवर्मेंट्स और सेंट्रल गवर्मेंट्स जहां जैसे आवे सकता है है वहाँ पर ऐसे लोकल ब्यक्तियों को तत्काल रोका जाए और जो 22 जुलाई वाला कोट का order है सुप्रीम कोट का जो order है उस orders को तत्काल ही उस पे पूरे देश पे लागू किया जाए इसको
02:28है उत्राखंड और इसके साथ में मद्द प्रदेश है हलाकी कोट के जो order था 22 जुलाई वाला उसमें एंसीटी दिल्ली के बारे में भी लिखा हुआ इस पस्ट तो वह भी आटोमेटिकली समझ लिया जाएगा कि वह भी उस कोट का order में compliance है उस समय पर भी कोट ने बोला था
02:58पर इसके बावजोर भी बहुत सारे जो religious वेक्ती हैं जो इस प्रकार का political थोड़ा सा करते हैं उसको ले करके था जो supreme court के judgment में भी लिखा है और साथ में भारत के जो constitutions में article 17 16 साथ में article 19 21 और 25 और 6 इसमें religions की free practice के बारे में बोल गया वो सारी चीजे इस पस्ट तरीके से उ
03:28इसन अबड़ प्रिख सिख आप पिकली उबान श्रुम लिखाओ लूजा इसकर जब