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Sawan 2025 Green Bangles: सावन 2025 में महिलाएं हरी चूड़ियां पहनती हैं जो सौभाग्य, शांति, और पति की लंबी उम्र का प्रतीक होती हैं। यह परंपरा माता पार्वती की पूजा, मंगल गौरी व्रत, और श्रृंगार से जुड़ी है।


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~HT.318~PR.396~ED.118~
Transcript
00:00सावन का पावन महीना केवल धार्मिक अनुष्ठानों का समय नहीं होता बलकि अस्तरियों के सौंदर्य, स्वास्त और मानसिक शान्ती से भी जुड़ा होता है
00:09खास कर जब सौहागिन महीलाएं इसम मास में हरे रंग की चूड़िया पहनती हैं जो इसके पीछे कई आध्यात्मिक, भावनात्मक और वैज्यानिक लाब भी छिपेवे हैं
00:19सावन के सौंवार को शिवजी की पूजा होती है तो सावन के मंगलवार को मंगला गौरी कवरत करकर सौहागिन महीलाएं पती की दिरगायू के लिए प्राथना करती हैं
00:30अब ऐसे में सावन में मा पारवती को सुहाग की वस्तुएं और पित करने के बाद महिलाएं सुयम भी हरी चूडियां पहनती हैं।
00:37अब हरा रंग सौहार्द और खुशहाली का प्रतीक माना जोता है।
00:41जब महिलाएं हरे रंग की सुंदर चूडियां अपनी कलाई पर पहनती हैं तो न सर्फ उनके दामपत्य जीवन में खुशहाली बढ़ती हैं बलकि बच्चे और परिवार के लोग भी आपसी स्वहार्द से भर जाते हैं।
00:52तो आई आपको आज किस वीडियो में बताते हैं कि सावन में हरी चूडियां पहनने के फायदे क्या होते हैं।
01:22अपने पती के लिए सवभाग्य प्राप्त होता है या माना जाता ही कि हरी चूडियां पती के दुरगायु स्वास्त और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना से जुड़ी होती है।
01:32वही सावन में भगवान शिव के साथ देवी पारवती की पूजा भी विशेस रूप से की जाती है।
01:38प्रशन्यता है कि हरा रंग देवी पारवती को अत्यंत प्रिय है। इसलिए स्थियां हरी चूडियां पहन कर देवी को प्रसन्य करने का प्रयास करती हैं ताकि उन्हें अखंड सवभाग्य का आश्रवाद प्राप्त हो सके।
01:50वह यहारे रंग की चूडियों को मंगल, शांती और शुबता का प्रतीक माना गया है। इनका रंग मन को शांती देता है और वातवरण को सकरात्मक उरजा से भर देता है। साथी यह चूडियास्त्री के रूप और श्रिंगार में चार चांद भी लगाती है।
02:04अब इसी के साथ मानसिक और भावनात्मक स्थिरता, चोडियों की खनक और उरजा का संचार यानि की चोडियों की खनक भी शरीर में सकरात्मक कमपन उत्पन पैदा करती है जो महिलाओं के मनूबल और आत्मशक्ति को बढ़ाती है।
02:34शरीर में उरजा का संचार और देवी पारवती की किरपा प्राप्त होती है यानि की पौरानिक माननेता है कि सावन में हरी चोडियां पहनुने से माता पारवती प्रसन्न होती है और इस्तरियों को अखंड सौभाग सुक सम्रिद्धी और पारिवारिक सुक का आश्रवात �
03:04तर जञे पाता है

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