India-US Trade Deal पर फंसा पेंच, America ने दी 9 July की Deadline! भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता एक ऐसे मोड़ पर आ गई है, जहां एक छोटी सी चूक भी भारी पड़ सकती है. डील में सबसे बड़ा पेंच अमेरिका की एक मांग को लेकर फंसा हुआ है। अमेरिका चाहता है कि भारत उसके कृषि उत्पादों (Agricultural Products) पर लगने वाले टैरिफ में भारी रियायत दे. हालांकि, भारत सरकार ने इस मांग पर अपनी असहमति जताई है. Intense trade negotiations are underway between India and the USA, with a critical deadline of July 9.
00:00आपने जो अभी बयान सुना वो करीब एक हफ़ते पहले का है जब टरम्प ने चीन के साथ डील साइन करने को लेकर दुनिया को बताया था
00:22और साथ ही भारत को लेकर भी टरंप ने कहा था कि बहुत जल्द भारत अमेरिका भी एक बड़ी व्यापार डील साइन करने वाले हैं
00:29भारत अमेरिका के बीच 9 जुलाई तक कहा जा रहा है कि कोई बड़ी खबर देखने को मिल सकती है
00:34भारत और अमेरिका ट्रेड डील को लेकर बाचीत कर रहे हैं लेकिन इस डील से पहले ही भारत के किसानों और खेती के साथ पशपालन से जुड़े लोगों के साथ ही इनसे जुड़े उद्योगों के लिए भी बड़ी मुसीबत बनने वाली है
00:47इस वीडियो में बात करेंगे कि इस डील को लेकर भारत पाकिस्तान में कहां टकराओ देखा जा रहा है और अगर अमेरिका अपनी शर्तों पर भारत से डील करवा पाया तो भारत के एग्रिकल्चर सेक्टर पर क्या कुछ प्रभाव पढ़ सकता है
01:00अमेरिका की चीन के साथ डील साइन होने के बाद अब पूरा फोकस अमेरिका का भारत पर है व्यापार के लिहाज से चीन के बाद भारत दूफरा सबसे बड़ा मार्केट है अमेरिका भारत के अंदर अपने डेरी और कृशी उतपादों पर लगने वाले टैरिफ पर रियायत
01:30लेकिन देश की बड़ी आबादी को इसी सेक्टर से ही रोजगार भी मिलता है।
01:35लेकिन अमेरिका अपनी डेरी, पॉल्टी, मक्का, सोयाबीन, चावल, गिहूं, एथेनल, खटेफल, बादाम, पेकान, सेब, अंगूर, डिबाबंध, आड, चॉकलेट, कुकीज, और फ्रोजन, फ्रेंज, फ्राइज, सहित, अमेरिकी उतपादों के एक लंबी लिष्ट के �
02:05और डेरी उतपादों के आयात की अनुवती को बिल्कुल तयार नहीं है। दरसल अगर भारत ऐसा करता है तो देश की कृष्टी सेक्टर पर इसका सीधा प्रबाव देखने को मिलेगा और इससे भारत सरकार को किसानों और व्यापारियों के गुस्य का सामना भी करना होगा
02:35इसके लिए बहुत बड़ी जो चुनोती है वो है किसानों की जोत में बहुत बड़ा अंतर भी। अमेरिका में जहां एक किसानों के पास जोत केवल 1.08 हेक्टेर के आज पास देखने को मिलती है। ये बहुत बड़ा अंतर है। डेरी में बात करें तो अमेरिका में एक किस