Malegaon Blast Case: 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस (Malegaon Blast) मामले में कोर्ट से सभी आरोपियों को बरी किए जाने के बाद, अब सवाल यह उठता है कि क्या एक खास नैरेटिव को गढ़ने के लिए पूरी एक जांच एजेंसी की दिशा मोड़ दी गई थी? इस पर वनइंडिया की पूजा ने बात की पूर्व गृह मंत्रालय अधिकारी और "हिंदू टेरर" किताब के लेखक आरवीएस मणि से।
आरवीएस मणि ( RVS Mani ) न सिर्फ इस मामले को बेहद नजदीक से देख चुके हैं, बल्कि उन्होंने उस दौर की सुरक्षा व्यवस्था और सियासी हस्तक्षेप पर गहरा अनुभव भी साझा किया है। मणि ने अपने अंदरूनी अनुभवों पर आधारित किताब में खुलासा किया है कि 2004 से 2014 के बीच जब भारत ने कई घातक आतंकी हमले झेले, तब देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था किस तरह से राजनीतिक दबावों के आगे झुकी। इस बातचीत में वो उठाते हैं कई ऐसे सवाल जिनके जवाब आज भी देश को खोजने हैं:
क्या 'हिंदू आतंकवाद' शब्द एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था?
मालेगांव केस में किन आधारों पर लोगों को वर्षों तक जेल में रखा गया?
क्या जांच एजेंसियों पर राजनीतिक दबाव था?
देखिए, देश की आंतरिक सुरक्षा को समझने वाले एक insider की जुबानी — आरवीएस मणि की बेबाक बातें, सिर्फ वनइंडिया पर।
00:00मैं गर्व से कह सकता हूँ कि कोई भी हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता
00:13राजी सभा में जब यववाक ग्रिह मंत्री अमिज शाह के मुझ से निकला तो ये महज एक बयान नहीं था
00:18इसकी गहराई अगले ही दिन यानि की आज और तेज हो गई
00:22जब मालेगाओं ब्लास्च केस में एनाये कोट ने सभी आरोपियों को सबूतों के अभाओं में बरी कर दिया
00:28इन सब के बीच एक नाम फिर से सुर्खियों में लोट आया जिस शक्स का नाम है आरवी एस मड़ी
00:34ग्री मंत्राले में पुर्व अंडर सेक्रेटरी रह चुके मड़ी ने सबसे पहले खुल कर कहा था कि हिंदू आतंकवाद जैसी कोई थ्योरी होती ही नहीं है
00:41बलकि यह एक गढ़ा हुआ राजनितिक नरेटीवर और उन्होंने यह सिर्फ कहा ही नहीं बलकि अपने दावों को तथ्यों फाइलो और मंत्राले के दस्तावेजों के जरीए अपने चर्चित किताब हिंदू टेरर इंसाइडर अकाउंट आफ मिनिस्ट्री आफ होम अफे
01:11गेना चाहेंगे अब इस पर यह पूरा आरोपी निरादार था किसी आदार के बिना ही इनों ने फ्रेम किया था इनको जूटे केस में फ्रेम किया था तो सबूत कहां से आएंगे उपर से अब यह भी कन्वेशन हो चुका है जो न्याय पाली का न्याय अदीश ने यह रिक
01:41पाक्ष जो है डंडा मार के मतलब पनिश्मन करके धंड के डर से रिकॉर्ड किया गया था ततकादीन एटीएस के लोगों ने तो वो भी एक जब रिकॉर्ड में आ जाता है और एक और बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है जो आरोप का अनुमोदन होता है प्रोसिक्यू�
02:11है मार्स जो जार तेईस में कि उन्होंने आदा निरादार तरीके से ततकालीन महराश्र के ग्रह्मंत्री के आदेशों के उपर उन्होंने यह अनुमोदन दिया इसमें कितना मेरिट है इसका कोई विसलेशन हुआ नहीं था कोर्ट में इन सारी तमाम सारी चीज़ों को मद्
02:41सब्सक्राइब करें उसके लिए ना प्रमान रिख पाएगे न साथ से उसको रिपोट करें इस पूरी जब यह मालेगाओं के ब्लास्ट का केस हुआ था उस पूरे केस के दौरान एक शब्द जिसे पूरे देशवासियों ने सुना वो शायद भारत वर्ष के लिए भी एक
03:11गान आजये न ही ने इन सब लोगों को बरी कर दिया जो आरूपी थे हिंदू आतंगवाद कभी था ही नहीं और मेरे जो पहला गरंद है जो इंग्लिश में मित्त हिंदु टेरर पर उसका अनुवाद हिंदी और मराटी में भी आया है हिंदू आतंगवाद का ब्रहमन कें�
03:41ये चाहिए बता दिया गया कि ऐसा कोई था इनिडु आतकमाद कोई छीछ थी नहीं जिसको इन्होंने जबर्धस्ति पनपने की उन्होंने जबर्धस्ति देने की बात की है
03:57इसमें कुछ हम करी नहीं सकते हुए ये बड़ा साफ सुत्रा है
04:01लोग मारे गए तो इस चीज को कैसे देखते हैं कि मतलब किसी ना किसी ना किसी ब्लस्ट कर आया था ना किसका हाथ हो सकता है
04:18मैंने यह भी अपने ग्रिंट में का अहले हदिश एक संगटन है जो इस्लामिक दोगों से बड़े कटर इस्लामवाद से रैडिकलाइज इस्लामवाद से अपना जुबो रखता है उन्होंने किया था ना केवल मैं बोल रहा हूं
04:37पीके जेइन अडिशनल डीजी जो ततकालिन आईजी नासिक ते जिनके अंडर यह सब आया था उन्होंने भी कई बार बोला है एहले हदिश ने किया है नकेवल इस दोजार आठ जब का नो सितनो आठ नव दिसंबर दोजार शे में भी एक हुआ था उसमें भी एहले हदिश क
05:07हैं जैसे मुंबई ताज हुटल पर हमला हुआ था कैसे देखते हैं इसको थोड़ा सा हमारे दर्श्कों को भी बताईए कि क्या हुआ था उस दोरान पे
05:15गुंबे अटक के जो चब्वीस ग्यरा के अटक के संदर्ब में तो मेरे स्पस्ट किया कि ततकालिन जो जितने भी वरिष्ट अधिकारी थे बारत सरकार के आंतरिक सोरक्षा को संदर्ब देखते हुए जिनका दाईवत है वो सारे पाकिस्तान में फंस गए थे फिर मैं एक
05:45मैं पहले वाले दिन आगया और चब्वीस ग्यरा को या उपस ने था अज्यता जादा शती होती कोई कंट्रोल रूम होता नहीं कुछ नहीं होता तो जादा शती हो सकती थी यही मेरा कहना था
05:58इसमें इस पूरे केश को जिसने बहुत करीब से जाच परताल की थी हिमंद करकरे जी का एक नाम सामने आता है उनके जो नतीजे हैं उस पर आपकी क्या राय है हिमंद करकरे की जाच नतीज नतीज नतीज यह हिमंद करकरे ने कितना जाच किया यह तो किसी को भी घ्यान में
06:28तरीके से उनके साथ प्रतागना बहुत किये जो भी छटीस छटीस गंडे साथ भी पर गया कि खुद का आप में वह है कि कता है इस छटीस छटीस गंडे कंटिनुरेसली शिफ्ट लगा के मारते थे नाख से खून आ जाती थी ठंडे पानी में डालके ठंडा बादी मतलब फ्
06:58कर सकते इतने बुरी तरफ से मारते थे और क्या है कि इसका कुछ नहीं कर सकते तर इस पूरी जो पूरा घटना हुए ब्लास्ट हुआ इससे सबसे जादा फायदा और सबसे जादा नुकसान किसका हुआ फैदा नुकसान तो किसी का नहीं हुआ नुकसान जो है पूरे भार
07:28उनको और भी प्रोच साहन हुआ कि हम ऐसे ऐसे आतकवादी हमले करते रहेंगे और उसके लिए हिंदू सजा काटते रहेंगे एक बहुत मूल बात है बहुत हमात्मपूर्ण बात है कि देखे समझोता एक्षपेस में भी यही हुआ था मक्का मज़िद में भी यही हुआ था �
07:58संसाधन के सपोर्ट के कारण जो यहां आतकवादी हमले करते थे तो उसका परिणाम में क्या होता था बारत सरकार का यूपीए की सरकार के हाथ में थी वो हिंदू हो को अंदर करके हिंदू हो कारावास से भी गता था इसका मूल संचिफ्ट तरीके से बोलना तो यही परि�
08:28आपने अपने इतने कीम्ति और बिजी शेडूल से हमारे लिए समय निकाला इसके लिए वर इंडे पूरा परिमें आपका मर्शुक्रगदार है थाइंक यू सर्व
08:38सब्सक्राइब टु ओनल्डिया और नेवर मिसन लड़ अफटेट