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सवाईमाधोपुर. जिले में इस बार 20 से अधिक निजी नर्सरियों में 3.50 लाख से अधिक अमरूदों की पौध तैयार हो गई है लेकिन बारिश नहीं होने से अब तक वितरण का इंतजार है। जिला मुख्यालय पर कोटा-लालसोट हाइवे किनारे सहित आसपास क्षेत्र में नर्सरियां लगनी शुरू हो गई है। सभी नर्सरियों इन दिनों हरी-भरी नजर आ रही है। ऐसे में मानसून की पहली बरसात होने के साथ ही अमरुदों के पौधे रोपण का कार्य शुरू हो जाएगा।
नर्सरियों में 3.50 लाख पौधे तैयार
उद्यान विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में जिले में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड से पंजीकृत नर्सरियां केवल एक है,जबकि 20 से अधिक निजी अमरूद की नर्सरियां संचालित है। एक नर्सरी में तीन से पांच लाख तक की लागत आती है। एक नर्सरी में दस से 15 हजार अमरूद के पौधे तैयार हो रहे है। इनमें विनीयर ग्राफ्टिंग से अमरूद के पौधे तैयार किए जा रहे हैं। ये पौधे बारिश के दौरान ही वितरित किए जाएंगे।
खुद के स्तर पर ही तैयार करने लगे नर्सरियां
नर्सरी संचालक शंकरलाल निवासी मथुरापुरा, रामहेत, कालूराम आदि ने बताया कि छह से नौ महीने के बीच अमरूद की नर्सरी में पौध तैयार हो जाती है। अब अमरूद की पौध बिकने के लिए तैयार है। किसान स्वंय अपने बगीचों में ही नर्सरी बनाकर पौध तैयार करने लगे है।
हर गांव में तैयार होने लगे पौध
जानकारी के अनुसार नर्सरियां के अलावा कई किसान अपने खेतों पर भी पौध तैयार कर रहे है। नर्सरी संचालक किसानों के साथ मिलकर अच्छी किस्म के पौधे तैयार करते है, ताकि किसानों को बागवानी का पूरा लाभ मिल सकें। एक पौधे पर करीब 30 रुपए का खर्चा आता है।
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फैक्ट फाइल...
-जिले में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड से पंजीकृत कुल नर्सरियां-1
-जिले में संचालित निजी नर्सरियां-20
-जिले की नर्सरियों में तैयार हुई अमरूदों की पौध-3.50 लाख
-एक पौधे पर 30 रुपए का आता है खर्चा।
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इनका कहना है...
जिले में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड से पंजीकृत एक नर्सरी है। इसके अलावा करीब 20 से अधिक नर्सरियां किसानों ने अपने स्तर पर तैयार की है। इनमें 3.50 लाख अमरूदों की पौध तैयार है। बारिश शुरू होते ही अमरूदों की पौधे बिकनी शुरू हो जाएगी।
हेमराज मीणा, उप निदेशक, उद्यान विभाग सवाईमाधोपुर


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