00:30Ajmeer Krishy Upaj Mandi 1932 में इस्ताफित हुई थी और किसानों को उनकी उपज का उचित मुले दिल्वाने के लिए इस मंडी के इस्ताफना की गई थी
00:40उपर इस 1995-1996 तक तो यहां अगरिकल्चर प्रेडियूस आते थे, किसान माल लाते थे
00:46समय के साथ-साथ यहां पे किराना व्यापार ज्यादा होने लगा और आसपास किशनगर मंडी है, केकडी मंडी है और इसके अलावा मद भी जेनगर मंडी है
00:59तो यहां पे खेतों का आकार छोटा होने के एकारण से क्रशी जिन्सों की एक तो उत्पादक्ता भी कम रही, मुख्य रूप से अजमेर और अजमेर के आसपास सबजियों की बुवाई होती है, खेतों का आकार छोटा होने के एकारण जैसे गवार, ज्वार, बाजरा, मक्
01:29नारियल इस तरह की चाय की पत्ती इस तरह का व्यापार अनाजमंडी में होने लगा एक तरह से यह सेकेंडरी मार्केट बन गया आज में
01:39किसानों की यहां जमेर में तो इसकी पूर्ती हमारी तरफ से हम पूरे प्रयास करके और उनको उपज का उचित मुले दिल्वाने में जो हम प्रयास कर सकते हो उसमें कोई कमी नर्य रखते विबागी योजनाओं को लागू कराने में जैसे हमारे विबागी मुख्यमंतिर प्
02:09This is the case of the human being,
02:14when the human being is not the case of the human being,