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  • 2 days ago
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Transcript
00:00अरे नजरिया घूमेला हो नजरिया घूमेला हर दम भगतन उपरा प्रभुजी के नजरिया घूमेला
00:17अरे नजरिया घूमेला हर दम भगतन उपरा प्रभुजी के नजरिया घूमेला
00:37हर दम भगतन उपरा प्रभुजी के नजरिया घूमेला हर दम भगतन उपरा प्रभुजी के नजरिया घूमेला हर दम भगतन उपरा प्रभुजी के
00:57पत्त घटना सुना रहा हूं। एक कुहार थे कुहार यहां भदोई में कुहारे लो बुल जाता हैं।
01:04माटी के बरतन बनाते थे मटका बनाते थे मटका। भीया, उनके पास एक बिल्ली थी। बिल्ली पांच बच्चों को जन्म दी थी।
01:17एक दिन कुमार बहुत सारा मठका बनाये मिट्डी का अब बनाने के बाद अवाँ अवाँ मने छूला जिसके अंदर उसको
01:24पकाय जाता है। अवाँ में सब मठका ले लें जाकर सजा दिये। अब बंद करके आग लगा दिये।मिटी का बर्तन पकने लगा।
01:35आग लगाने के बाद उनकी द्रिष्टी गई कि बिल्ली के पांच बच्चों में से एक नड़िकवा बचवा गायव है
01:42उन कहां था एक मटका के भीतर जाके बैठ गया था अब कुमार उस मटका को उस स्टूले में ढाल दिया था
01:51आग लहक रहा है
01:53जिसको हरा आवा के अंदर पक गया बरतन कच्चार
02:10उसी अवाँ हारी के भीतर रहा बिली का बच्चा
02:29उसी अवाँ आग मुझाया
02:35मुझा कर देखा वो बिल्ली का बच्चा देकला
02:38दिखबा आउआ उपरा कोहरा के दिलरिया घूमेला
02:47दिलरिया घूमेला हो नजरिया घूमेला
02:58अजरिया घूमेला हो नजरिया घूमेला हर दम बजतर तरवर कर दिलरिके
03:15जुवा खेलत में पाँचो पांदव गये द्रौप दिहारी
03:32जुवा खेलत में पाँचो पांदव गये द्रौप दिहारी
03:39चीर दुशाशन खीचन लागा प्रगट भैले बनवारी
03:46चीर दुशाशन खीचन लागा प्रगट भैले बनवारी
03:54चीर दुशाशन खीचन लागा प्रगट भैले बनवारी
04:08देखवा सभवा उपरा प्रपदी के चुनरिया घुमेला
04:15ओ नजरिया घुमेला ओ नजरिया घुमेला
04:34हर दम भग तन उपरा प्रपदी के चुनरिया घुमेला
04:41हर दम भग तन उपरा प्रपदी के
04:45गज को ग्राह जब खीचन लागा जल के बीच मधारी
05:00कहें गुरुजी कमल पुश्प पर प्रगट भइले गेरिधारी
05:30कहे गुरुदी कमल पूस्व पर प्रकत है गिर्धा जी ग्राह गर्दन उपरा हर जी के चकरिया घुमेला
06:00हर जम भगतन उपरा प्रभु जी के चकरिया घुमेला
06:30हर ज algumas प्र्वा जी ग्राह जकरिया का का

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